Indore News: 14 करोड़ के चलते तेजाब पीकर दी जान, ठेकेदार की ख़ुदकुशी के बाद हड़कंप 

मामले में चौकसे ने कहा कि नगर निगम अपनी खराब माली हालत के चलते ठेकेदारों को लंबे समय से भुगतान नहीं कर पा रहे थे. अगर यही आलम रहा, तो आने वाले दिनों में अन्य परेशान ठेकेदारों को भी खुदकुशी करनी पड़ सकती है. वहीं, जब महापौर पुष्यमित्र भार्गव से बारे में बात की गई तो उन्होंने तमाम बातों को ख़ारिज कर दिया.

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सांकेतिक तस्वीर

MP Crime: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर (Indore) ज़िले से  दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. इंदौर में करीब 14 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं होने से परेशान एक नगर निगम ठेकेदार ने एसिड पीकर अपनी जान दे दी. मृतक की उम्र 65 साल है. मृतक की खुदकुशी के बाद नगर निगम महकमे में हडकंप मच गया. जिसके बाद साथ के पार्षदों ने मंगलवार को निगम परिषद के सम्मेलन में जमकर हंगामा किया. मामले की जानकारी देते हुए DCP रामसनेही मिश्रा ने बताया कि नगर निगम ठेकेदार की मौत 3 दिसंबर को हुई थी. मृतक ठेकदार का नाम अमरजीत सिंह भाटिया उर्फ पप्पू (65) है. 

घटना के बाद आनन फानन में ठेकेदार को इलाज के लिए निजी अस्पताल लेकर जाया गया लेकिन डॉक्टर उसे बचा नहीं पाए. अस्पताल के डॉक्टरों ने पुष्टि करते हुए कहा कि तेजाब पीने से ठेकेदार की जान गई है. 

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नहीं थे 14 करोड़ तो तेजाब पीकर मौत को लगाया गले

पुलिस के मुताबिक भाटिया के परिजनों का कहना है कि ठेकेदार नगर निगम की तरफ से भुगतान को लेकर परेशान चल रहे थे. पुलिस इस मामले में आत्महत्या की सही वजह पता लगाने के लिए जांच जारी है. इस बीच, नगर निगम परिषद के सम्मेलन में भाटिया को श्रद्धांजलि दी गई. इस दौरान प्रतिपक्ष के नेता चिंटू चौकसे और अन्य विपक्षी पार्षदों ने भाटिया की ख़ुदकुशी को लेकर हंगामा किया. 

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इस मामले में चौकसे ने कहा कि नगर निगम अपनी खराब माली हालत के चलते ठेकेदारों को लंबे समय से भुगतान नहीं कर पा रहे थे. अगर यही आलम रहा, तो आने वाले दिनों में अन्य परेशान ठेकेदारों को भी खुदकुशी करनी पड़ सकती है. वहीं, जब महापौर पुष्यमित्र भार्गव से बारे में बात की गई तो उन्होंने तमाम बातों को ख़ारिज करते हुए कहा, "नगर निगम की ओर से भाटिया को उनके बकाया भुगतान के लिए परेशान किया गया था." उन्होंने बताया कि नगर निगम अप्रैल से नवंबर तक भाटिया को करीब 22 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुका है और उनकी फर्म को करीब 14 करोड़ रुपये का भुगतान करना अभी बाकी है. 

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