78th Independence Day: देश के विभाजन को लेकर एमपी के सीएम यादव ने कही ये बात, बोले- इतिहास से सीख जरूरी

Vibhajan Vibhishika Diwas: भोपाल (Bhopal) में ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के अवसर पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री मोहन यादव (Mohan Yadav) ने कहा कि भारत का विभाजन पिछली सदी की सबसे दुखद घटनाओं में से एक था, जिसे शब्दों में बयां भी नहीं किया जा सकता.

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भोपाल:

Vibhajan Vibhishika Smriti Diwas: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री मोहन यादव (Mohan Yadav) ने बुधवार को भारत के विभाजन को 20वीं सदी की सबसे दुखद घटनाओं में से एक करार दिया और कहा कि किसी देश को आगे बढ़ने और प्रगति करने के लिए इतिहास से सीखने की जरूरत है.

भोपाल में ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के अवसर पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत का विभाजन पिछली सदी की सबसे दुखद घटनाओं में से एक था, जिसे शब्दों में बयां भी नहीं किया जा सकता. लोग विभाजन के दर्द के बारे में बात नहीं करना चाहते, लेकिन अगर किसी देश को आगे बढ़ना है और प्रगति करनी है, तो उसे इतिहास की सीमाओं से सबक लेना होगा.

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भारत के देशभक्त मुसलमानों ने मुस्लिम लीग को हराया था

उन्होंने कहा कि बारहवीं सदी के शासक पृथ्वीराज चौहान ने आक्रमणकारियों को 17 बार क्षमादान दिया, लेकिन आक्रमणकारियों को केवल एक ही मौका मिला और उन्होंने इसे नहीं गंवाया. उन्होंने कहा कि जब मुस्लिम लीग ने चुनाव लड़ा, तो देशभक्त मुसलमानों ने अंग्रेजों की इस साजिश को सफल नहीं होने दिया, लेकिन कांग्रेस ने अपनी राजनीति बदल दी, जिसके परिणामस्वरूप मुस्लिम लीग की विभाजनकारी राजनीति की जीत हुई और देश का विभाजन हुआ.

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स्वतंत्रता दिवस की थीम 'विकसित भारत'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 अगस्त को दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले पर 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे. इस वर्ष लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस समारोह में अन्य लोगों के अलावा लगभग 6,000 विशेष अतिथियों को आमंत्रित किया गया है.आमंत्रित किए गए विशेष अतिथियों में देश के युवा, छात्र, आदिवासी, किसान, महिलाएं, बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन के श्रमिक, ओलंपिक के भारतीय खिलाड़ी, नर्स मिडवाइफ, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता आदि शामिल हैं.  कई महिला प्रतिनिधि, सरपंच, विभिन्न राज्यों की पारंपरिक पोशाक पहने सैकड़ों लोग भी शामिल होंगे। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री लाल किले से राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे और फिर वह राष्ट्र को संबोधित करेंगे.

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