Diwali 2025 Madhya Pradesh: करोड़ों के नोटों-हीरों से सजाए गए महालक्ष्मी मंदिर, 51 हजार दीपों से जगमगाया नर्मदा तट

Diwali 2025 Madhya Pradesh: देवास, रतलाम और हरदा के महालक्ष्मी मंदिर करोड़ों रुपये के नोट और हीरों से सजाए गए, जबकि जबलपुर के ग्वारीघाट पर 51,000 दीपों से नर्मदा तट जगमगाया.

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Diwali 2025 Madhya Pradesh: दिवाली 2025 का पर्व इस बार मध्य प्रदेश में और भी भव्य तरीके से मनाया जा रहा है. देवास, रतलाम, जबलपुर और हरदा के मंदिरों और पावन तटों पर श्रद्धा और उत्साह का नजारा देखने लायक है. दीपोत्‍सव पर यहां के मंदिरों और तटों पर श्रद्धा, भव्यता और रोशनी का ऐसा संगम देखने को मिल रहा है, जो दीपावली के पावन पर्व को और भी खास बना रहा है.

देवास में नोटों से सजी योग माया लक्ष्मी माता की प्रतिमा

देवास के शिवाजी नगर मोती बंगले में स्थित योग माया लक्ष्मी माता का मंदिर इस बार दिवाली के अवसर पर करीब दो करोड़ रुपए से सजाया गया. मंदिर में नोटों का अनोखा श्रृंगार किया गया है. 10, 20, 50, 100, 200 और 500 के नोटों से माता के मंदिर को सजाया गया. मंदिर में सोने-चांदी और हीरे-मोती के आभूषण भी स्थापित किए गए हैं. कुछ विदेशी मुद्राएं भी माता के चरणों में रखी गईं.

मंदिर में सुबह 8 बजे अभिषेक, पूजन, पाठ और महा आरती हुई. पुजारी के अनुसार, भक्तों के दर्शन का सिलसिला दिनभर चलता रहा. यह देवास में योग माया लक्ष्मी माता का पहला मंदिर है, जिसे इस भव्य तरीके से सजाया गया है.

रतलाम का महालक्ष्मी मंदिर: करोड़ों रुपये के हीरों और नोटों से सजा भव्य मंदिर

रतलाम में दिवाली के मौके पर महालक्ष्मी मंदिर को भी श्रद्धालुओं के लिए विशेष रूप से सजाया गया. धनतेरस के दिन मंदिर के कपाट खोले गए और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए. करोड़ों रुपये के हीरों और नोटों से सजा यह मंदिर भक्तों के आकर्षण का केंद्र बना.

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जबलपुर में दीपोत्सव 2025: नर्मदा तट पर 51 हजार दीपों से सजावट 

जबलपुर के ग्वारीघाट पर मां नर्मदा के पावन तट पर दीपोत्सव 2025 का भव्य आयोजन किया गया. लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह के आह्वान पर आयोजित इस कार्यक्रम में 51 हजार दीपों से तट का अलौकिक श्रृंगार किया गया. भक्तजन और स्थानीय लोग इस मनोरम दृश्य का आनंद लेने पहुंचे.

हरदा का महालक्ष्मी मंदिर: 72 घंटे खुला रहेगा मंदिर

हरदा जिले का एकमात्र महालक्ष्मी मंदिर भी इस बार दिवाली पर विशेष रूप से सजाया गया. राजस्थान से मंगाई गई लक्ष्मी माता की विशेष प्रतिमा को नोटों और आभूषणों से सजाया गया. पंडित नंदकिशोर व्यास और पांच अन्य पंडितों द्वारा विधिवत पूजा-अर्चना की जाएगी. दीपावली की रात 12 बजे महाआरती होगी और मंदिर 72 घंटे तक श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुला रहेगा. 

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