Madhya Pradesh Butterfly: अपनी अनोखी खूबसूरती और प्रकृति में विलीन होने की क्षमता के लिए मशहूर ऑरेंज ओक लीफ तितली अब मध्य प्रदेश की राज्य तितली बन सकती है. मध्य प्रदेश वन विभाग ने इस दुर्लभ प्रजाति को ‘स्टेट बटरफ्लाई' घोषित करने का प्रस्ताव डॉ. मोहन यादव सरकार को भेज दिया है.
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इस प्रस्ताव के मंज़ूर होने पर मध्य प्रदेश देश का पहला मध्य भारतीय राज्य होगा, जिसके पास अपनी आधिकारिक राज्य तितली होगी. अभी तक भारत के दस राज्यों अरुणाचल प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल, त्रिपुरा और उत्तराखंड ने अलग-अलग प्रजातियों को अपनी राज्य तितली घोषित कर रखा है.
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ऑरेंज ओक लीफ तितली की खासियत
ऑरेंज ओक लीफ तितली की सबसे बड़ी खासियत इसका अद्भुत कैमोफ्लाज (छलावरण) है. जब इसके पंख बंद होते हैं, तो यह बिल्कुल सूखी गिरी हुई पत्ती जैसी दिखाई देती है. इतनी वास्तविक कि इसे पहचान पाना भी मुश्किल हो जाता है. इसी वजह से इसे ‘डेड लीफ बटरफ्लाई' भी कहा जाता है.
डेड लीफ बटरफ्लाई मध्य प्रदेश में कहां पाई जाती है?
डेड लीफ बटरफ्लाई एशिया के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाई जाती है. भारत में यह हिमालय से लेकर उत्तर-पूर्वी राज्यों और मध्य भारत के घने जंगलों में मिलती है. मध्य प्रदेश में यह मुख्यतः सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला, पचमढ़ी और अमरकंटक के घने क्षेत्रों में देखी जाती है.
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विशेषज्ञों के मुताबिक, तितलियां केवल सुंदरता का प्रतीक नहीं हैं, बल्कि प्रकृति के संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. ये पौधों को परागण में मदद करती हैं, पक्षियों और अन्य जीवों के लिए भोजन का महत्वपूर्ण हिस्सा होती हैं. इनके व्यवहार और संख्या में बदलाव पर्यावरणीय परिवर्तनों का संकेत देते हैं.
राज्य तितली घोषित होने के बाद मध्य प्रदेश में तितली संरक्षण और शोध को नई दिशा मिलने की उम्मीद है. फिलहाल प्रदेश में लगभग 150 से 175 प्रजातियों की तितलियां दर्ज की गई हैं.
संरक्षण की दिशा में एक अहम कदम
वन विभाग का मानना है कि इस घोषणा से लोगों में तितलियों और जंगल संरक्षण के प्रति रुचि बढ़ेगी और पर्यावरणीय संवेदनशीलता को एक नई पहचान मिलेगी. यदि सब कुछ तय योजना के मुताबिक हुआ, तो जल्द ही मध्य प्रदेश का परिचय सिर्फ टाइगर, चीता, घड़ियाल और तेंदुए के राज्य के रूप में नहीं, बल्कि ऑरेंज ओक लीफ की धरती के रूप में भी होगा.
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