Madhya Pradesh Budget: मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा (Jagdish Deora) ने बुधवार को विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 4 लाख 21 हज़ार 32 करोड़ रुपये का बजट पेश किया. इस दौरान वित्त मंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में राजस्व व्यय के रूप में कुल 2 लाख 90 हज़ार 261 करोड़ रुपये कर्च किए जाएंगे. वहीं, पूंजीगत परिव्यय के रूप में 85 हज़ार 76 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
इस दौरान वित्त मंत्री ने बताया कि राजकोषीय घाटे की सामान्य सीमा राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 3 प्रतिशत है, लेकिन वित्त वर्ष 2025-26 में राजकोषीय घाटा 78 हजार 902 अनुमानित है, जो राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 4.66 प्रतिशत है. यानी इस वर्ष राजकोषीय घाटा 3 प्रतिशत से अधिक रहने का अनुमान है. वहीं, वित्त मंत्री ने बताया कि वर्ष 2025-26 में 618 करोड़ रुपये का राजस्व अनुमानित है.
कोई नया कर नहीं
वित्त मंत्री ने राज्य की जनता को खुशखबरी देते हुए बताया कि पिछले बजट की तरह इस बार भी कोई नया कर (TAX ) नहीं लगाया गया है और न ही किसी कर की दर को बढ़ाने का ही प्रस्ताव है.
अनुसूचित जनजाति का होगा विकास
बजट में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 32 हजार 600 करोड़ का प्रावधान किया गया है. वहीं, सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लिए 4 हजार 66 करोड़ रुपये और गरीबों के अनाज के लिए 7132 करोड़ रुपये के प्रावधान किए गए हैं.
"सीएम केयर योजना" की शुरुआत
वित्त मंत्री ने बजट में नई योजना "सी.एम. केयर" के अन्तर्गत गंभीर बीमारियों से पीड़ित नागरिकों को नजदीकी चिकित्सा संस्थानों में कैथ लैब और कैंसर उपचार सुविधाएं उपलब्ध कराने का ऐलान किया. इसके साथ ही प्रदेश के स्वास्थ्य क्षेत्र में 23 हजार 535 करोड़ रुपये के कुल बजट प्रावधान प्रस्तावित किए हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 2 हजार 992 करोड़ रुपये अधिक है. आयुष्मान योजना के लिए वर्ष 2025-26 के लिए 2 हज़ार 39 करोड़ रुपये के प्रावधान किए गए हैं.
गृह विभाग के लिए 12 हज़ार 876 करोड़ रुपये का प्रावधान
वित्त मंत्री ने बताया कि पुलिस बल के आधुनिकीकरण के लिए केन्द्रीय क्षेत्रीय योजना प्रारंभ की जा रही है. इस योजना के अंतर्गत पुलिस बल को वाहन सुविधा और अन्य तकनीकी उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे. उन्होंने बताया गृह विभाग के लिए वर्ष 2025-26 के लिए रुपये 12 हज़ार 876 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है, जो वर्ष 2024-25 के बजट अनुमान से लगभग एक हज़ार 585 करोड़ रुपये से अधिक है.
वन एवं पर्यावरण पर खर्च होंगे 5 हजार 668 करोड़
वन एवं पर्यावरण क्षेत्र के लिए बजट में 5 हजार 668 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 459 करोड़ रुपये अधिक है.
"मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा" फिर होगी शुरू
"मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा" के लिए 80 करोड़ का बजट में प्रावधान किया गया है. इसके तहत ग्रामीण नागरिकों को सस्ता एवं सुलभ परिवहन उपलब्ध कराया जाएगा.
चार नए जेलों का होगा निर्माण
केंद्र प्रवर्तित "गरीब बंदी सहायता योजना के क्रियान्वयन में प्रदेश का प्रथम स्थान रहा है. बंदियों के कौशल विकास एवं रोजगार हेतु प्रदेश की उज्जैन, बैतूल एवं धार जेलों में आईटीआई. संचालित हैं. लिहाजा, जेलों की बेहतर अधोसंरचना के लिए 4 नए जेलों का निर्माण तथा नवीन बैरक निर्माण कर क्षमता वृद्धि के कार्य किए जा रहे हैं. बंदियों के भोजन की गुणवत्ता में सुधार के लिए बेहतर प्रावधान किए जा रहे हैं. इसलिए जेल विभाग के लिए रुपये 794 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है.
350 करोड़ बनाए जाएंगे आंगनबाड़ी केंद्र
प्रधानमंत्री जनजातीय न्याय महाअभियान के तहत प्रदेश के 20 जिलों में 217 आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन निर्माण की स्वीकृति दी गई है. वर्ष 2025-26 में आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन निर्माण के लिए 350 करोड़ का बजट आवंटित किए गए हें.
शहरों की बदलेगी तस्वीर
वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए शहरों के विकास का भी खूब ख्याल रखा. उन्होंने इस बजट में नगरीय क्षेत्रों में आवास हेतु लगभग रुपये 1 हजार 700 करोड़ के प्रस्ताव किए गए हैं. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अन्तर्गत 8 लाख 30 हज़ार आवास निर्मित हो चुके हैं, अगले 5 वर्षों में 10 लाख नए आवासों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है. इसके अलावा, शहरों की सड़क मरम्मत के लिए 408 करोड़ रुपये और मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास के लिए 295 करोड़ रुपये के प्रावधान प्रस्तावित किए हैं. नगरीय निकायों को मूलभूत सेवाओं हेतु एकमुश्त अनुदान के अंतर्गत वर्ष 2025-26 में रुपये एक हजार 617 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित किया गया है, जो वर्ष 2024-25 से रुपये 506 करोड़ अधिक है. वहीं, अमृत 2.0 योजना के अन्तर्गत 1 लाख से अधिक आबादी वाले 33 शहरों में जल आपूर्ति और सीवर लाइन बिछाने का काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य में शहरों के विकास के लिए त्वरित व सुलभ शहरी परिवहन आवश्यक है. प्रदेश के इंदौर और भोपाल में मेट्रो रेल का संचालन शीघ्र प्रारंभ होने के साथ-साथ अन्य प्रमुख शहरों में केबल कार का भी संचालन किया जाएगा. इसके साथ ही पीएमई-बस योजना के अंतर्गत प्रमुख शहरों में पर्यावरण अनुकूल ई-बसों का संचालन किया जाएगा.
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पर्यटन एवं संस्कृति
पर्यटन, संस्कृति और धर्मस्व के क्षेत्र में 1 हज़ार 610 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है, जो कि पिछले वर्ष के 133 करोड़ रुपये अधिक है. प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के 14 स्मारकों का निर्माण लगभग 507 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है. विश्व के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक, ओंकारेश्वर में उज्जैन के महाकाल लोक की तर्ज पर ओंकारेश्वर महालोक का निर्माण किया जाएगा. मध्यप्रदेश श्रीकृष्ण पाथेय योजना के लिये रुपये 10 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है, इसी प्रकार राम पथ गमन योजना के लिए 30 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित किया गया है. प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में सर्वसुविधायुक्त वैचारिक अध्ययन केन्द्र के रूप में 'गीता भवन" बनाए जाएंगे. इनमें पुस्तकालय, ई-लाइब्रेरी, सभागार तथा साहित्य-सामग्री बिक्री केन्द्र भी होंगे. इस योजना के लिए रुपये 100 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है.
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