Madhya Pradesh Assembly Election 2023: चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव को देखते हुए गरबा के आयजनों पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. हालांकि, मध्य प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों के चलते लागू आदर्श आचार संहिता आम नागरिकों के लिए गरबा कार्यक्रमों के आयोजन में बाधा नहीं बनेगी. हालांकि, चुनावी अमले को गरबा मंचों के सियासी दुरुपयोग रोकने के लिए मुस्तैद रहने के निर्देश दिए गए हैं. ये बातें मध्य प्रदेश के उप निर्वाचन आयुक्त अजय भादू ने गुरुवार को कही.
राज्य चुनाव आयुक्त ने कमीक्षा बैठक
दरअसल, राज्य की 230 विधानसभा सीटों पर 17 नवंबर को मतदान होगा, जबकि मतों की गिनती तीन दिसंबर को होगी. इस बीच शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 15 अक्टूबर (रविवार) से होने वाली है. इन नौ दिवसीय उत्सव के दौरान कई स्थानों पर गरबा कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इसी के मद्देनजर भादू ने इंदौर और उज्जैन संभागों में चुनावी तैयारियों को लेकर आयोजित बैठक में हिस्सा लेने के बाद कहा कि आदर्श आचार संहिता गरबा या अन्य किसी धार्मिक कार्यक्रम के आयोजन के आड़े नहीं आनी चाहिए. हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमने अधिकारियों को पूरी मुस्तैदी से सिर्फ यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि हैं कि गरबा मंचों का राजनीतिक दुरुपयोग न हो.
स्थानीय प्रशासन तय करेगा गरबा का समय
उन्होंने कहा कि गरबा कार्यक्रमों के शुरू और खत्म करने की समयावधि स्थानीय प्रशासन तय करेगा. भादू ने यह भी बताया कि निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराने के लिए अधिकारियों को विमानों की आवाजाही पर खास निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि हमने आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर दिल्ली में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई), नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) से खास चर्चा की है.
विमानों और हेलीकॉप्टरों पर रखी जाए खास नजर
युवा मतदाताओं को वोट डालने के लिए करें प्रेरित
उन्होंने कहा कि मैं अपील करता हूं कि आगामी विधानसभा चुनावों में शहर के सभी मतदाता वोट करें. खासकर 18 से 19 साल के युवा मतदाताओं को वोट डालने के लिए प्रेरित किया जाना बेहद जरूरी है. भादू ने इंदौर के प्रशासन द्वारा दिव्यांगों को मतदाता जागरूकता अभियान से जोड़े जाने की पहल की तारीफ की. उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग का हमेशा से नजरिया रहा है कि चुनाव प्रक्रिया को सर्व समावेशी बनाया जाना चाहिए. मतदाता जागरुकता अभियान से दिव्यांग जनों के जुड़ने से कई लोग वोट डालने के लिए प्रेरित होंगे.
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