Lumpy Virus: लंपी वायरस फैलने की आशंका, ग्वालियर में प्रशासन अलर्ट

Lumpy Virus: विशेषज्ञों के अनुसार लंपी वायरस एक संक्रामक रोग है, जो मच्छर, मक्खी और अन्य कीटों के जरिए फैलता है. इसके अलावा संक्रमित पशु के सीधे संपर्क में आने से भी यह बीमारी अन्य पशुओं को प्रभावित कर देती है. यही वजह है कि पशुपालकों को अपने बीमार पशुओं को स्वस्थ पशुओं से अलग रखने की सलाह दी गई है.

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Lumpy Virus: लंपी वायरस फैलने की आशंका, ग्वालियर में प्रशासन अलर्ट

Lumpy Virus: मध्यप्रदेश में एक बार फिर लंपी वायरस की दस्तक की आशंका ने पशुपालन विभाग और प्रशासन की नींद उड़ा दी है. रतलाम और छिंदवाड़ा जिलों में गौवंश में लंपी वायरस के मामले मिलने के बाद प्रदेशभर में एडवायजरी जारी की गई है. इसी कड़ी में ग्वालियर में भी विभाग पूरी तरह सतर्क हो गया है और संक्रमण रोकने के लिए जिला स्तर पर टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया गया है. ग्वालियर जिले में पशुपालन विभाग ने करीब 25 हजार टीके उपलब्ध कराए हैं. ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी क्षेत्रों तक गौवंश को टीकाकरण के माध्यम से सुरक्षित किया जा रहा है. अधिकारियों का कहना है कि संक्रमण को रोकना अभी सबसे बड़ी चुनौती है, क्योंकि यह बीमारी तेजी से फैलती है.

कैसे फैलता है लंपी वायरस?

यह वायरस मुख्यतः मच्छर, मक्खी और अन्य कीटों के जरिए फैलता है. संक्रमित पशु के सीधे संपर्क में आने से भी संक्रमण तेजी से फैलता है.

बीमारी के प्रमुख लक्षण

  • त्वचा पर गांठें निकलना
  • शरीर में सूजन आना
  • तेज बुखार
  • आंख और नाक से स्राव होना
  • दूध उत्पादन में कमी आना

एक्सपर्ट्स का क्या कहना है?

विशेषज्ञों के अनुसार लंपी वायरस एक संक्रामक रोग है, जो मच्छर, मक्खी और अन्य कीटों के जरिए फैलता है. इसके अलावा संक्रमित पशु के सीधे संपर्क में आने से भी यह बीमारी अन्य पशुओं को प्रभावित कर देती है. यही वजह है कि पशुपालकों को अपने बीमार पशुओं को स्वस्थ पशुओं से अलग रखने की सलाह दी गई है.

लंपी वायरस के प्रमुख लक्षणों में पशुओं की त्वचा पर गांठें निकलना, शरीर में सूजन आना, तेज बुखार, आंख और नाक से पानी या स्राव होना और दूध उत्पादन में कमी शामिल है. यह रोग न केवल पशुओं के स्वास्थ्य के लिए घातक है बल्कि दुग्ध उत्पादन पर भी सीधा असर डालता है, जिससे पशुपालकों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है.

प्रशासन ने पशुपालकों से अपील की है कि यदि उनके पशुओं में इस तरह के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सालय को सूचना दें. समय रहते इलाज और टीकाकरण से इस बीमारी पर नियंत्रण पाया जा सकता है.

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