Lok Sabha Election: सूरत के बाद यहां भी भाजपा प्रत्याशी वीडी शर्मा को 'मिला' वॉकओवर, कांग्रेस और सपा कार्यकर्ता घरों में हुए 'कैद'

Khajuraho Lok Sabha Seat: इलाके में एक तरफा चुनाव होने से लोगों के बीच भी कोई उत्साह का माहौल नहीं है. किसान सुबह होते ही खेती के काम में व्यस्त हो जाते हैं. वहीं, आदिवासी अंचल होने की वजह से लोग महुआ बीनने के काम में भी व्यस्त हो जाते हैं. इसके साथ ही सारंग सीजन के कारण बहुत ज्यादा शादियां होने के कारण लोग इनमें व्यस्त हैं.

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Madhya Pradesh Lok sabha Election: मध्य प्रदेश के खजुराहो संसदीय क्षेत्र (Khajuraho Lok Sabha Seat) के चुनाव में इस बार खास रौनक नहीं है. समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की उम्मीदवार का पर्चा रद्द होने के बाद यहां से मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस (Congress) और इंडिया गठबंधन (INDIA Alliance) का प्रत्याशी मैदान में नहीं है. इस वजह से कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता चुनाव में इंटरेस्ट नहीं ले रहे हैं. हालत ये है कि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में मायूसी छाई हुई हैं.

यहां पहले के चुनाव में जो कांग्रेस कार्यकर्ता बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते रहे हैं. उनका भी कहना है कि यहां अब उनका कोई खजुराहो लोकसभा में चुनाव लड़ने वाला ही नहीं बचा है. हालत ये है कि कई नेता तो मैदान में ही नहीं गए. चुनाव प्रचार में अन्य प्रत्याशियों की तुलना में भाजपा बहुत आगे है, लेकिन वे भी दूर-टू-डोर कैंपेन चलाने की जरूरत नहीं समझ रहे हैं.

लोग भी अपने-अपने कामों में है मशगूल

इलाके में एक तरफा चुनाव होने से लोगों के बीच भी कोई उत्साह का माहौल नहीं है. किसान सुबह होते ही खेती के काम में व्यस्त हो जाते हैं. वहीं, आदिवासी अंचल होने की वजह से लोग महुआ बीनने के काम में भी व्यस्त हो जाते हैं. इसके साथ ही सारंग सीजन के कारण बहुत ज्यादा शादियां होने के कारण लोग इनमें व्यस्त हैं. दरअसल, शादियों के मुहूर्त मई जून में नहीं. लिहाजा, 26 अप्रैल को वोटिंग से पहले लगातार शादियां होने के कारण लोग वैवाहिक आयोजनों में लगे हुए हैं. इस कारण से राजनीतिक दलों के पास कार्यकर्ताओं का भी संकट है. राजनीतिक दलों को ग्रामीण इलाकों में भी कार्यकर्ता ढूंढना मुश्किल हो रहा है. कुल मिलाकर इस बार मतदान का प्रतिशत काफी कम होने की आशंका दिख रही है.

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पहली बार यहां से नहीं है कांग्रेस का प्रत्याशी

भारतीय जनता पार्टी के इस मजबूत गढ़ को दरकाने के लिए कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) का सामंजस्य काम नहीं आ रहा है. दरअसल, खजुराहो लोकसभा सीट उमा भारती, कांग्रेस के सत्यव्रत चतुर्वेदी, बीडी शर्मा जैसे दिग्गज नेताओं से ताल्लुक रखती है. इस लोकसभा सीट पर कांग्रेस का भी अपना दबदबा रहा है, लेकिन इस बार 67 साल के इतिहास में पहली बार कांग्रेस लोकसभा चुनावी मैदान से दूर है. सपा और कांग्रेस के गठबंधन के बाद बैकफुट पर आई कांग्रेस ने सपा को खजुराहो लोकसभा में आगे बढ़ाया था. यानी पहली बार ऐसा हुआ है कि खजुराहो लोकसभा सीट पर कांग्रेस का कोई उम्मीदवार नहीं है.

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सूरा सूरत भी माना जा रहा खजुराहो

वहीं, खजुराहो से भाजपा ने अपने प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को फिर से मैदान में उतार रखा है. खजुराहो क्षेत्र से फिलहाल भाजपा को टक्कर देने वाला कोई नजर नहीं आ रहा. भाजपा के इस मजबूत गढ़ को दरकाने के लिए सपा ने चर्चित कांग्रेस से हाथ मिलाया था, लेकिन उनके प्रत्याशी का पर्चा रद्द होने से वीडी शर्मा को एक तरह से वॉकओवर मिल गया है. माना जा रहा है कि यहां से शर्मा का जीतना तय है. यहां सिर्फ औपचारिकता के लिए ही चुनाव होगा. इसे सूरा सूरत भी माना जा रहा है. 

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