MP News: चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को फिर लगा बड़ा झटका, युवा दलित नेता देवाशीष जरारिया हाथ का साथ छोड़कर हाथी पर हुए सवार

Congress Leader Devashish Hajaria Resigns: 2019 लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश के भिंड से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे युवा दलित चेहरा देवाशीष  जरारिया ने बुधवार की सुबह कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़े का ऐलान किया. देवाशीष ने इस्तीफा देने के साथ ही कांग्रेस पार्टी पर गई गंभीर आरोप भी लगाते थे. इसके बाद जरारिया ने राजस्थान के अलवर में बीएसपी सुप्रीमो मायावती के सामने बसपा की सदस्यता ले ली. सदस्यता लेने के कुछ ही घंटे बाद बसपा ने भिंड सीट से उन्हें प्रत्याशी भी घोषित कर दिया है.

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Lok Sabha Election 2024: मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी (Congress Party) की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही है. विधानसभा चुनाव (Assembly Election) में हार के बाद यहां पार्टी की मुश्किलें लगातार बढ़ रही है. एक के बाद एक दिग्गज नेता से लेकर पार्टी का साथ छोड़ने के साथ ही दूसरी पार्टियों का दामन थाम रहे हैं. इसमें एक और नाम जुड़ गया है. दलित नेता देवाशीष जरारिया (Devashish Jararia) का. 2019 में भिंड (Bhind) से कांग्रेस (Congress Party) के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले देवाशीष लोकसभा चुनाव 2024 के लिए टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर न सिर्फ पार्टी छोड़ दी है, बल्कि बसपा का दामन भी थाम लिया है. इसके साथ ही बसपा ने देवाशीष  जरारिया को भिंड से लोकसभा प्रत्याशी बना दिया है.

2019 लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश के भिंड से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे युवा दलित चेहरा देवाशीष जरारिया ने बुधवार की सुबह कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़े का ऐलान किया. देवाशीष ने इस्तीफा देने के साथ ही कांग्रेस पार्टी पर गई गंभीर आरोप भी लगाते थे. इसके बाद जरारिया ने राजस्थान के अलवर में बीएसपी सुप्रीमो मायावती के सामने बसपा की सदस्यता ले ली. सदस्यता लेने के कुछ ही घंटे बाद बसपा ने भिंड सीट से उन्हें प्रत्याशी भी घोषित कर दिया है.

टिकट कटने पर छोड़ी पार्टी

बता दें देवाशीष कांग्रेस पार्टी के युवा दलित नेता के रूप में उभरकर सामने आए थे. 2019 में कांग्रेस पार्टी ने उन्हें भिंड से टिकट भी दिया था. लेकिन, इस बार टिकट नहीं मिलने से नाराज जरारिया ने कांग्रेस से इस्तीफ़ा देने के बाद एक वीडियो जारी कर पार्टी पर गई गंभीर आरोप लगाए हैं. देवाशीष ने वीडियो में कहा है कि कांग्रेस पार्टी ने उन्हें मक्खी की तरह दूध से निकालकर फेंक दिया. इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि वह 5 साल से अपने क्षेत्र में लगातार मेहनत कर रहे थे, लेकिन टिकट देने के समय पर उन्हें दरकिनार कर किसी और को टिकट दिया गया. देवाशीष ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस पार्टी में नेताओं और कार्यकर्ताओं का संगठन और पार्टी सम्मान नहीं कर रही है, जिसकी वजह से वो इस्तीफ़ा दे रहे हैं.

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सुनवाई नहीं हुई तो छोड़ दी पार्टी

हालांकि, देवाशीष ने यह भी कहा कि भिंड लोकसभा से टिकट के ऐलान होने के बाद कांग्रेस के बड़े नेताओं द्वारा उन्हें आश्वासन दिया गया था कि उनकी बात सुनी जाएगी, लेकिन कई दिनों तक जब नेताओं की तरफ़ से कोई पहल नहीं की गई, तो उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया.

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दिग्विजय सिंह के माने जाते हैं करीबी

देवाशीष को कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का करीबी माना जाता है.  माना जाता है कि 2019 में सिंह की वजह से ही उन्हें भिंड से कांग्रेस का टिकट दिया गया था. बताया जाता है कि देवाशीष को टिकट देने के पक्ष में ख़ुद उस वक्त राहुल गांधी थे. राहुल गांधी की भारत जुड़े यात्रा के दौरान भी देवाशीष उनके साथ क़दम से क़दम मिलाते नज़र आए थे.

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कांग्रेस प्रत्याशी फूल सिंह बरैया की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

देवाशीष ज़रारिया एक जाना माना दलित चेहरा है. लिहाजा, वह भिंड में कांग्रेस प्रत्याशी फूल सिंह बरैया की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं. भिंड में अब देवाशीष के उतरने के बाद मुक़ाबला त्रिकोणीय होने की संभावना है. आपको बता दें कि फूल सिंह बरैया का भी बहुजन समाज पार्टी से संबंध रहा है. फूल सिंह बरैया पहले बहुजन समाज पार्टी में रह चुके हैं. लेकिन, बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने उनको किन्हीं कारणों से पार्टी से निष्कासित कर दिया था. फूलसिंह ने 2023 में विधानसभा चुनाव भी लड़ा था, जिसमें अपनी भांडेर सीट पर उन्होंने जीत हासिल की थी. जरारिया युवा चेहरा होने के साथ-साथ दलित चेहरा भी है, जो कि बसपा की ओर से कांग्रेस के वोट बैंक में सेंधमारी कर सकता है. 

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