बिहार के दशरथ मांझी की तरह MP के भरत सिंह ने पेश की प्रेम की अनूठी मिसाल, पत्नी के लिए घर में ही खोद दिया कुआं

Guna News: भरत सिंह ने फिर इसे एक चुनौती के रूप में लिया और सभी को आश्चर्यचकित करते हुए 31 फीट गहरा और 6 फीट चौड़ा कुआं सिर्फ 15 दिनों में खोद दिया. सिंह ने कहा ये कुंआ न केवल उनके परिवार की दैनिक जरूरतों के लिए पर्याप्त पानी प्रदान करता है, बल्कि छोटे इलाके में लगाई फसल को भी पानी देने में भी काम आता है.

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Guna के आदमी ने प्रेम की अनूठी मिसाल पेश की

Madhya Pradesh: आपने सुना होगा प्रेम में प्रेमी- प्रेमिका एक-दूसरे की खुशी के लिए कुछ भी कर सकते हैं. इसी तरह का एक यादगार वाकया मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के गुना (Guna) से सामने आया है. यहां अपने घर से आधा किमी दूर स्थित एक हैंडपंप से रोजाना अपनी पत्नी को पानी लाते हुए देखकर एक गरीब मजदूर भरत सिंह ने 15 दिनों में घर में ही कुआं खोद डाला. जी हां ये आपको असंभव लग रहा होगा लेकिन प्रेम से जो ताकत, प्रेरणा और ऊर्जा मिलती है उससे कोई कुछ भी कर सकता है. और ऐसा ही कर दिखाया गुना के भरत सिंह ने. उन्होंने बिहार के दशरथ मांझी की याद दिला दी जिन्होंने अपनी पत्नी की याद में पहाड़ का सीना काटकर रास्ता बना दिया था. प्रेम की ऐसी मिसाल तो बहुत ही कम देखने को मिलती है. 

सरकार ने की भरत सिंह के प्रयास की सराहना

जिला प्रशासन ने भरत सिंह के इस प्रयास की सराहना की है और उसके जीवन की बेहतरी के लिए कुछ सरकारी योजनाओं का लाभ उसे देने का फैसला किया है. जानकारी के अनुसार 47 साल के भरत सिंह चांचौड़ा तहसील के अंतर्गत आने वाले भानपुर बावा गांव में रहते हैं. उनके परिवार के 4 सदस्य हैं. भरत सिंह इस बात से दुखी थे की उनकी पत्नी को रोजाना करीब आधा किलोमीटर दूर पानी लेने के लिए हैंडपंप पर जाना पड़ता है. एक दिन जब भरत की पत्नी हैंडपंप पर पानी लेने गई और मशीन में खराबी के चलते उन्हें पानी नहीं मिला तो उदास होकर उन्होंने इसकी शिकायत अपने पति से की. जिसके बाद उन्होंने अपनी पत्नी से कहा कि वो उनके लिए घर में ही एक कुआं खोदेंगे, लेकिन अपने पति की इस बात पर उनकी पत्नी हंसने लगी.

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31 फीट गहरा, 6 फीट चौड़ा कुआं खोद दिया

भरत सिंह ने फिर इसे एक चुनौती के रूप में लिया और सभी को आश्चर्यचकित करते हुए, 31 फीट गहरा और 6 फीट चौड़ा कुआं सिर्फ 15 दिनों में खोद दिया. सिंह ने कहा, ये कुंआ न केवल उनके परिवार की दैनिक जरूरतों के लिए पर्याप्त पानी प्रदान करता है, बल्कि छोटे इलाके में लगाई फसल को भी पानी देने में भी काम आता है. झोपड़ी में रहने वाले भारत सिंह ने कहा कि वह अन्य पिछड़ा वर्ग और बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) श्रेणी के हैं. उनके परिवार के पास आय का कोई साधन भी नहीं है. ऐसे में भरत सिंह और उनकी पत्नी सरकार से भी मदद कि गुहार लगा रहे हैं लेकिन प्रशासन अभी तक कोई सरकारी योजना का लाभ इस परिवार को नहीं दे सका है.

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