Chitrakoot : क्या वन्य जीवों के विचरण क्षेत्र में शिकारी आ घुसे हैं? ये सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि एक बार फिर वन मंडल सतना में एक तेंदुए की मौत हो गई. बता दें कि यहां लगातार वन्य जीवों का शिकार करने के मामले सामने आ रहे हैं. चित्रकूट के घने जंगलों में एक बार फिर शिकारियों ने तेंदुए को अपना शिकार बना डाला. फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि तेंदुए की मौत किस वजह से हुई, लेकिन स्थानीय लोगों में इस बात की चर्चा है कि जलाशय के पास अज्ञात शिकारियों ने वन्य जीवों का शिकार करने के लिए करंट फैलाया था और देर रात तेंदुआ उसी में फंसकर मौत के मुंह में समा गया. घटना की सूचना मिलते ही SDO चित्रकूट अभिषेक तिवारी, रेंजर विवेक सिंह सहित वन विभाग के अफसर मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में लेकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेजा है. फिलहाल, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद भी स्थिति स्प्ष्ट होगी कि मौत की असली वजह क्या है?
डॉग स्क्वाड की मदद से छानबीन शुरू
जानकारी के मुताबिक, वन परिक्षेत्र चित्रकूट के बीट खरहा के सेजवार के पास एक शव ग्रामीणों ने देर रात देखा था. शव के संबंध में वन विभाग को सूचना दी गई. वन कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर स्थितियों का जायजा लिया. वहीं, आला अधिकारियों को भी घटना की जानकारी दी गई है. इसके बाद डॉग स्क्वाड टीम को बुलाया गया. हालांकि डॉग स्क्वाड के पहुंचने से भी इस घटना से जुड़ी कोई अहम जानकारी वन विभाग को मिली या नहीं, यह अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है.
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पानी के लिए अक्सर आते हैं वन्य जीव
बताया जाता है कि खरहा बीट पर मौजूद तालाब में पानी पीने के लिए तमाम तरह के वन्य प्राणी पहुंचते हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि वन्य प्राणियों का शिकार तमाम शिकारी करंट लगाकर करते हैं. इस दौरान कई दूसरे पशु भी शिकार बन जाते हैं. रेंजर विवेक सिंह ने बातचीत के दौरान बताया कि शव बरामद हो चुका है. जब तक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं मिलती तब तक कुछ कह नहीं सकते कि मौत कैसे हुई? उन्होंने बताया कि चार साल का नर तेंदुआ है. घटना स्थल पर ऐसे सबूत भी नहीं मिले हैं जिससे पहले नज़र में करंट से शिकार की आशंका हो.
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