मध्य प्रदेश के लाखों कर्मचारी महंगाई और राहत भत्ता नहीं मिलने से नाराज हैं. वहीं नाराज कर्मचारी शुक्रवार, 15 मार्च से धरना-प्रर्दशन करने जा रहे हैं. मध्य प्रदेश के लगभग 52 अधिकारी कर्मचारी संगठन संयुक्त रूप से आज मंत्रालय के सामने विरोध दर्ज कराएंगे. साथ ही जिला के कलेक्टरों को ज्ञापन भी सौंपेंगे.
दरअसल, लोकसभा चुनाव 2024 (Loksabh Election 2024) से पहले नाखुश और नाराज लाखों कर्मचारी और पेंशनर सरकार से मांग कर रहे थे कि उन्हें केंद्र के सामान DA दिया जाए, लेकिन उनकी मांग पूरी नहीं हुई. वहीं जब गुरुवार को कैबिनेट की बैठक हुई तो एक बार फिर उनकी उम्मीद जागी. उन्हें लगा कि संभावता इस कैबिनेट में उनको दिए बढ़ा हुआ DA मिल सकता है, लेकिन कैबिनेट में दिए गए फैसले सामने आने के बाद साफ हो गया कि फिलहाल उनका DA नहीं बढ़ाया गया है. जिसके बाद इन कर्मचारियों ने आज से प्रदर्शन करने का फैसला किया है.
बता दें कि मध्य प्रदेश में 7.50 लाख कर्मचारी हैं, जिन्हें सरकार महंगाई भत्ता यानी कि DA देती है. वहीं 4.50 लाख पेंशनर है जिनको सरकार महंगाई राहत (DR) देती है. वहीं ये कर्मचारी केंद्र के समान महंगाई भत्ता (DA) मांग कर रहे हैं. दरअसल, केंद्र ने अपने कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते को 50 फीसदी कर दिया है, जबकि मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को सिर्फ 42 फीसदी मिल रहा है.
वहीं अगर पंजाब को छोड़ दें जहां पर 38 फीसदी DA मिल रहा है. बाकी अन्य प्रदेशों के कर्मचारियों को उनकी सरकार द्वारा 46 फीसदी DA दिया जा रहा है. मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को केंद्र के कर्मचारियों से 8 फीसदी कम DA मिल रहा है. जिसकी वजह से मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को 1200 से लेकर 16000 रुपये तक का हर महीने नुकसान हो रहा है.
कर्मचारी संगठनों का कहना है कि सरकार लाडली बहना के लिए तो लगातार कर्ज ले रही है, लेकिन हम लोगों की सुनवाई नहीं कर रही. वहीं सरकार जब बार-बार कह रही है कि किसी तरह का कोई वित्तीय संकट नहीं है तो फिर हम लोग को DA क्यों नहीं दिया जा रहा? हम सभी को हमारा हक मिलना चाहिए. कर्मचारियों के DA रुकने का सिलसिला कोरोना संक्रमण काल के समय शुरू हुआ था. कोरोना संक्रमण काल के समय तत्कालीन शिवराज सरकार ने प्रदेश के कर्मचारियों अधिकारियों के DA और इंक्रीमेंट पर रोक लगा दी थी. हालांकि संकट टलने के बाद मार्च 2022 में 11 फीसदी DA दिया गया. उसके बाद 5 फीसदी और फिर जनवरी 2023 में 4 फीसदी DA दिया गया. जिससे केंद्र और प्रदेश के कर्मचारियों का DA समान हो गया था.
हालांकि जनवरी 2023 के बाद से प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों के DA को नहीं बढ़ाया है, जबकि केंद्र लगातार बढ़ता चलाता गया यही वजह है कि अब केंद्र और राज्य के कर्मचारियों के DA में 8 फीसदी का अंतर आ गया है. इस अंतर को कम करने और केंद्र के सामान DA देने को लेकर मध्य प्रदेश के कर्मचारी प्रदर्शन की राह पर आ गए हैं.
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