अपनी ही सरकार में 4 महीने से कलेक्टर कार्यालय के चक्कर काट रहीं खंडवा जिला पंचायत अध्यक्ष, जानें पूरा मामला

MP News: खंडवा जिला पंचायत अध्यक्ष पिछले चार महीने से सरकारी आवास और निजी सहायक के लिए कलेक्टर कार्यालय के चक्कर लगा रही हैं. खास बात यह है कि वो सत्तारूढ़ बीजेपी की नेत्री हैं.

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जिला पंचायत अध्यक्ष पिंकी वानखेड़े ने कलेक्टर कार्यालय में आवेदन दिया.

Khandwa District Panchayat President's Problem: मध्य प्रदेश सरकार (MP Government) भले ही कागजों पर जिला पंचायत अध्यक्षों को राज्य मंत्री (State Minister) का दर्जा दे चुकी हो, लेकिन खंडवा में जिला पंचायत अध्यक्ष (Khandwa District Panchayat President) को अपने हक की सुविधाओं के लिए चार महीने से कलेक्टर कार्यालय (Khandwa Collector Office) के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. बता दें कि खंडवा जिला पंचायत अध्यक्ष पिंकी सुदेश वानखेड़े (Pinky Sudesh Wankhede) सत्ता पक्ष भारतीय जनता पार्टी की ही कार्यकर्ता हैं. खंडवा (Khandwa) में उप चुनाव के बाद जिला पंचायत के गठन को 5 महीने हो गए हैं, लेकिन अध्यक्ष को मिलने वाली मूलभूत सुविधाएं आज तक नहीं मिलीं हैं.

बता दें कि जिला पंचायत अध्यक्ष को शासकीय कामों के सहयोग के लिए निजी सहायक और रहने के लिए बंगला दिया जाता है, लेकिन लगभग 5 महीने गुजर जाने के बाद भी ये दोनों सुविधाएं खंडवा जिला पंचायत अध्यक्ष को नहीं मिल पाई हैं.

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जिला पंचायत अध्यक्ष ने आवास और सहायक के लिए दिया आवेदन

खंडवा जिला पंचायत अध्यक्ष पिंकी सुदेश वानखेड़े ने जिला प्रशासन को दो आवेदन दिए हैं. जिसमे बताया गया है कि उन्हें निर्वाचित हुए 4 महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी आज तक शासकीय कार्यों के संपादन हेतु निजी सहायक की नियुक्ति नहीं की गई है, जिससे शासन की हितग्राही मूलक योजनाओं के क्रियान्वयन और संचालन में सहयोग नहीं मिल पाने से समस्या हो रही है और समस्त जनहितैषी शासकीय कार्य बाधित हो रहे हैं. साथ ही उन्होंने एक अन्य आवेदन में शासकीय आवास दिए जाने की भी मांग की है. उन्होंने आवेदन के कहा है कि उन्हें सरकारी आवास भी नहीं मिला है.

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4 महीने से किया जा रहा गुमराह : जिला पंचायत अध्यक्ष

जिला पंचायत अध्यक्ष पिंकी वानखेड़े ने एनडीटीवी से बात करते हुए आरोप लगाया कि वो आवास के लिए पिछले 4 महीने से जिला प्रशासन के आगे पीछे घूम रही हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है. उन्होंने कहा, "आज मैं यहां आवेदन देने आई हूं. मुझे प्रशासन के लोग मना कर देते हैं कि अभी आवास नहीं है. मुझे 4 महीने से गुमराह किया जा रहा है, जबकि मैं जिस पद पर हूं उसके मुताबिक सभी को यह सुविधा मिलती है. मुझे कहा जाता है कि अभी कोई आवास खाली नहीं है. जब होगा तब दिया जाएगा."

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जिला पंचायत अध्यक्ष पिंकी वानखेड़े ने कहा, "मैंने आज एक आवास के लिए आवेदन दिया है जो खाली है. जब उनसे पूछा गया कि क्या भाजपा सरकार में उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है तो उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है. आवास तो मिलेगा लेकिन, देर लग रही है. जिसके कारण मुझे किराए के मकान में रहना पड़ रहा है."

राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त होते हैं जिला पंचायत अध्यक्ष

आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के समय जिला पंचायत अध्यक्ष को राज्य सरकार ने राज्य मंत्री का दर्जा दिया था. जिसमें अध्यक्षों को राज्य मंत्री के रूप में दिये गए प्रोटोकॉल का विधिवत पालन कराने, आवास एवं सुरक्षा प्रदान करने, राष्ट्रीय पर्व के समय जिले में मंत्रीगणों की अनुपस्थिति पर जिला पंचायत अध्यक्ष से ध्वजारोहण कराने, जिला पंचायत अध्यक्षों को दिए जाने वाले मानदेय एवं भत्ते में वृद्धि कर एक लाख रुपये किये जाने, जिला पंचायत से स्वीकृत होने वाले सभी निर्माण कार्यों में जिला पंचायत अध्यक्षों से अनुमोदन लिए जाने एवं सांसद और विधायकों की तरह ही जिला पंचायत अध्यक्षों को शासन की तरफ से परिचय पत्र जारी करने की मांग को तुरंत स्वीकार कर अमल करने की घोषणा की गई थी.

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