मऊगंज में फिर गरमाया खजुरहन गांव के जमीन विवाद का मुद्दा, प्रशासन मौन क्यों? अब विधायक भी डटे गांव में

Khajurhan village land dispute : मऊगंज में खजुरहन गांव के ज़मीन विवाद का मामला एक बार फिर से गरमा गया है. कोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन के द्वारा अतिक्रमण न हटाए जाने के कारण नाराज विधायक प्रदीप पटेल भी गांव में डटे हुए हैं.

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मऊगंज में खजुरहन गांव के ज़मीन विवाद का मामला फिर से आया चर्चा में, आखिर अब आगे क्या?

Mauganj Khajurhan village land dispute : मऊगंज जिले के खजुरहन गांव में ज़मीन विवाद ने तूल पकड़ लिया है. कोर्ट के आदेश के बावजूद प्रशासन की निष्क्रियता से नाराज ग्रामीणों ने विधायक प्रदीप पटेल से गुहार लगाई, जिसके बाद विधायक खुद गांव पहुंच गए और अतिक्रमण हटाने की मांग पर अड़ गए. वहीं, दूसरी ओर, गांव में पहले से ही मंदिर-मस्जिद जमीन को लेकर तनाव की स्थिति बनी हुई है.

ये है पूरा मामला 

मऊगंज जिले के खजुरहन गांव में ज़मीन को लेकर विवाद ने एक बार फिर माहौल को गरमा दिया है. सरोज कुशवाहा के स्वामित्व वाली जमीन पर मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने घर बना लिया था. मामला न्यायालय में विचाराधीन था. करीब एक माह पूर्व एसडीएम ने इस जमीन पर हुए अतिक्रमण को हटाने का आदेश जारी किया था, लेकिन प्रशासन ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की. इससे नाराज ग्रामीणों ने मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल से शिकायत की.

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विधायक आनन-फानन में खजुरहन गांव पहुंचे और प्रशासन से साफ कहा कि जब तक अतिक्रमण नहीं हटेगा, वह गांव से नहीं हटेंगे. प्रशासन की चुप्पी पर नाराज विधायक अब गांव में ही डटे हुए हैं. जब इस मामले में सवाल किया गया तो उनके द्वारा कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया गया. बारिश के चलते वे पहले मंदिर परिसर में रुके, फिर गांव के ही रजनीश प्रसाद मिश्रा के घर में ठहरे हुए हैं.

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वक्फ बोर्ड के भूमि आवंटन को लेकर बन रहा विवाद 

इस विवाद के पीछे लंबी पृष्ठभूमि है. बीते कुछ महीनों में मंदिर और मस्जिद की जमीन को लेकर गांव में दो बड़ी झड़पें हो चुकी हैं. एक महीने तक ग्रामीणों ने धरना प्रदर्शन भी किया था, जिसे प्रशासन के आश्वासन पर खत्म किया गया. हालात इतने बिगड़े कि दस दिन पहले दोनों पक्षों के बीच फिर विवाद हुआ और एक घर का दरवाजा तक तोड़ दिया गया.पुलिस ने दोनों पक्षों पर मामला दर्ज कर कुछ पुलिस बल तैनात किया है. अब जब विधायक खुद गांव में डटे हुए हैं, तो सवाल उठता है कि क्या प्रशासन कोर्ट के आदेश का पालन करेगा, या विवाद और गहराएगा?

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