करवा चौथ 2025: चौथ माता का यह मंद‍िर राजा भोज की पत्नी ने बनवाया, पत‍ि को मौत के मुंह से न‍िकाला!

Karwa Chauth Mata Temple in Imaliya Raisen: भारत में करवा चौथ माता के तीन मंदिर है. एक राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में है. दूसरा मध्‍य प्रदेश के उज्जैन और तीसरा भी मध्‍य प्रदेश के  रायसेन जिले के भोजपुर से 3 किलोमीटर दूर ग्राम इमलिया में है. करवा चौथ 2025 के अवसर पर जान‍िए अनूठी कहानी.

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Karwa Chauth Mata Temple in Imaliya Raisen mp: करवा चौथ 2025 के अवसर पर देशभर की महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुहागिन जीवन की कामना करते हुए निर्जला व्रत में जुट गईं. साल 2025 में करवा चौथ 10 अक्‍टूबर (शुक्रवार) को मनाया जा रहा है. मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित ग्राम इमलिया का करवा चौथ माता का मंदिर इस पर्व के धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व को लेकर खासा चर्चित है.

चौथ माता मंदिर इमलिया

माना जाता है कि मध्‍य प्रदेश के गांव इमलिया में चौथ माता के मंदिर की स्थापना राजा भोज की पत्नी ने की थी. राजा भोज को कोढ़ का रोग था, और उनकी पत्नी ने अपने पति के स्वास्थ्य और लंबी उम्र की कामना के लिए करवा चौथ माता की पूजा शुरू की थी. बताया जाता है कि उस समय 9 नदियों और 99 नालों को मिलाकर बांध बनाया गया था, जिसके जल से भोजपुर के विशाल शिवलिंग पर अभिषेक किया गया. उसी बांध की जलनिकासी के बीच इस मंदिर में करवा चौथ माता की स्थापना की गई.

शिवलिंग और पार्वती मंदिर

ग्राम इमलिया का मंदिर प्राकृतिक सौंदर्यता से भरपूर दो पहाड़ियों के बीच स्थित है. मंदिर परिसर में करवा चौथ माता के साथ-साथ शिवलिंग और पार्वती मंदिर भी मौजूद हैं. शिवलिंग का इतिहास 10वीं सदी का माना जाता है, और इसे द्वापर कालीन भी कहा जाता है. यह मंदिर पूरे वर्ष खुला रहता है, जिससे भक्त यहां किसी भी समय दर्शन कर सकते हैं.

भारत में चौथ माता के तीन मंद‍िर 

भारत में करवा चौथ माता के तीन प्रमुख मंदिर माने जाते हैं. पहला राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में, दूसरा उज्जैन जिले में जो केवल करवा चौथ के दिन खुलता है, और तीसरा इमलिया, रायसेन में स्थित है, जो राजा भोज काल का है और सालभर भक्तों के लिए खुला रहता है.

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करवा चौथ 2025 के मौके पर इमलिया मंदिर में बड़ी संख्या में महिलाएं पहुंचीं. व्रती महिलाएं सूर्यास्त के समय चाँद को देखकर अपने पति के स्वास्थ्य और दीर्घायु की प्रार्थना करती हैं. स्थानीय लोग बताते हैं कि यहाँ पूजा करने से महिलाओं को सुहागिन होने का वरदान मिलता है.

राजा भोज की पत्नी की भक्ति

विशेष रूप से, इस ऐतिहासिक मंदिर का महत्व केवल धार्मिक नहीं बल्कि ऐतिहासिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है. राजा भोज की पत्नी की भक्ति और करवा चौथ माता के प्रति समर्पण आज भी यहां की परंपरा और स्थानीय संस्कृति में जीवित है.

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इस करवा चौथ पर, इमलिया का मंदिर मध्य प्रदेश के करवा चौथ उत्सव में सबसे प्रमुख केंद्र बना हुआ है, और यह निश्चित रूप से सोशल मीडिया और गूगल ट्रेंडिंग पर महिलाओं के लिए सबसे चर्चा का विषय रहेगा. 

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