MP Latest News : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रियंका गांधी वाड्रा सहित कांग्रेस के नेताओं के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया, जिन्होंने राज्य में जन कल्याण योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर एक-दूसरे पर निशाना साधा. प्रियंका गांधी वाड्रा ने चौहान पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया और कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विपरीत कांग्रेस में कोई तानाशाही नहीं है. वहीं मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि जब कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार राज्य की सत्ता में आई थी तो उनकी सरकार (भाजपा की) की लोक कल्याण योजनाएं क्यों रोक दी गईं.
कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ ने भी चौहान पर निशाना साधते हुए उन पर गांधी परिवार के खिलाफ अनुचित भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया और कहा कि उनकी पार्टी (कांग्रेस) झूठे वादे नहीं करती है. चौहान ने शुक्रवार को एक प्रेस कान्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस और प्रियंका गांधी पर मध्य प्रदेश में छात्रों को मुफ्त शिक्षा और नकद प्रोत्साहन देने के पार्टी के वादे को लेकर निशाना साधा और आरोप लगाया कि कमलनाथ झूठी घोषणाएं करने के लिए मजबूर करके गांधी परिवार को भी धोखा दे रहे हैं.
प्रियंका गांधी ने किया छात्रवृत्ति का वादा
इसके बाद गांधी ने शुक्रवार शाम को सोशल मीडिया मंच 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा कि जब उनकी पार्टी शिक्षा और बच्चों के बारे में बात कर रही है, तो लोगों का ध्यान भटकाने वाले लोग कुछ और ही समझ रहे हैं. उन्होंने कहा,
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा कि उनकी पार्टी छात्रवृत्ति योजना के तहत मध्य प्रदेश में जाति, धर्म और वर्ग का भेदभाव किए बिना हर बच्चे को छात्रवृत्ति प्रदान करेगी. उन्होंने वादा किया कि छात्रवृत्ति योजना के तहत कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों को 500 रुपए प्रति माह, कक्षा 9 और 10 को 1,000 रुपए प्रति माह और कक्षा 11 और 12 को 1,500 रुपए प्रति माह दिए जाएंगे.
सीएम शिवराज का पलटवार
इससे पहले मध्य प्रदेश में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रियंका गांधी ने चौहान के सत्ता से बाहर होने की भविष्यवाणी करते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी राज्य में अपने भाषणों में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम का उल्लेख करने से कतरा रहे हैं. चौहान ने प्रियंका गांधी की 12 अक्टूबर को आदिवासी बहुल मंडला जिले में की गई टिप्पणी का जिक्र करते हुए शुक्रवार को एक प्रेस कान्फ्रेंस में कहा था, 'पहले गांधी परिवार ने सभी को धोखा दिया लेकिन अब कमलनाथ, गांधी परिवार को धोखा दे रहे हैं. जिस तरह से प्रियंका गांधी को घोषणा करने के लिए कहा गया, मैंने वह वीडियो देखा है. वह कई घोषणाएं करके बैठ चुकी थीं, फिर उन्होंने कहा एक और अहम घोषणा.
चौहान ने दावा किया कि जब प्रियंका ने घोषणा की कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो मध्य प्रदेश में कक्षा एक से 12वीं तक के बच्चों को निशुल्क शिक्षा दी जाएगी, तब कमलनाथ उनके पास गए और उनसे कुछ सुधार करने को कहा. मुख्यमंत्री ने कहा, 'प्रियंका ने कहा, आप बोलें लेकिन कमलनाथ ने इस पर जोर दिया कि वही बोलें और फिर उन्होंने भाषण पढ़ना शुरू किया और घोषणा की कि कक्षा एक से आठवीं तक 500 रुपए, 9-10वीं तक 1,000 रुपए और 11वीं-12वीं तक 1,500 रुपए प्रतिवर्ष दिए जाएंगे. हालांकि तभी (कांग्रेस नेता) रणदीप सुरजेवाला प्रियंका के पास आए और उनसे इसे प्रतिवर्ष के बजाय प्रतिमाह करने के लिए कहा.'
'न कुछ करने का इरादा, न कुछ देने का'
चौहान ने आरोप लगाया, '
'एक्स' पर गांधी की टिप्पणी के बाद, चौहान ने भी शुक्रवार रात 'एक्स' पर लिखा, 'प्रियंका जी, मैं ध्यान नहीं भटका रहा हूं, बल्कि ध्यान आकर्षित कर रहा हूं. जो लोग आपसे वादों की घोषणा करवा रहे हैं, उनका ट्रैक रिकॉर्ड खराब है.'
जनकल्याणकारी योजनाओं पर जुबानी जंग
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रियंका गांधी को कमलनाथ से पूछना चाहिए कि जब उनकी सरकार राज्य में सत्ता में थी तो उन्होंने छात्रों को लैपटॉप और साइकिल वितरण सहित योजनाएं क्यों रोक दीं. उन्होंने कहा, 'स्कूली शिक्षा सहित कई जनकल्याणकारी योजनाएं क्यों बंद कर दी गईं? और अब मैं आपको समय-समय पर याद दिलाता रहूंगा कि आपकी सरकार ने कौन-कौन सी जनकल्याणकारी योजनाएं बंद कर दी थीं.' कमलनाथ ने भी चौहान पर पलटवार करते हुए कहा, 'आप (चौहान) अपनी सरकार और पार्टी में हाशिए पर होने के बाद बेहद अनुचित भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं. आज आपने मर्यादा की सारी सीमाएं तोड़ दीं और कहा कि गांधी परिवार ने देश को धोखा दिया है. (आपने यह भी कहा) उनके बाप का क्या जाता है?'
'अनुचित भाषा' के इस्तेमाल का जवाब
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि
कमलनाथ ने दावा किया कि उनकी पार्टी झूठे वादे नहीं करती है और कहा कि पूरे देश को गांधी परिवार पर गर्व है क्योंकि वे जानते हैं कि देश के लिए कैसे जीना और मरना है. 230 सदस्यीय मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए चुनाव 17 नवंबर को होंगे, जबकि वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी.