कमलनाथ Vs दिग्विजय: विश्वास सारंग बोले- पूरी जानकारी दें कमलनाथ, कांग्रेस गुटों में बंटी है

दिग्विजय ने कहा कि कमलनाथ ने ज्योतिरादित्य सिंधिया की वो मांग नहीं मानी, जिस पर डिनर के दौरान सहमति बनी थी. इसी कारण सरकार गिर गई. दिग्विजय ने कहा कि इस बात का दुख है कि हमें जिन पर पूरा भरोसा था, उन लोगों ने धोखा दे दिया.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins

Madhya Pradesh News: साल 2020 में मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिराने को लेकर राज्य में एक बार फिर सियासी घमासान मच गया है. दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक इंटरव्यू में दावा किया कि कमलनाथ की सरकार उनकी वजह से नहीं गिरी, बल्कि उन लोगों ने धोखा दे दिया, जिन पर वो काफी भरोसा करते थे. दिग्विजय के इस बयान से प्रदेश में सियासी घमासान मच गया. दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दिग्विजय के दावे पर पलटवार किया है. इस बीच भाजपा नेता विश्वास सारंग ने भी कांग्रेस में हो रही बयानबाजी पर चुटकी लेते हुए कमलनाथ को घेरा है. 

'कांग्रेस में कुछ अच्छा नहीं...विश्वास सारंग ने कमलनाथ को घेरा

कैबिनेट मंत्री और भाजपा नेता विश्वास सारंग ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि कमलनाथ ने जो ट्वीट किया उसके बाद कमलनाथ को सामने आकर सच का सच और झूठ का झूठ करना चाहिए. उन्हें बताना चाहिए कि क्या वाकई पर्दे के पीछे वही सरकार चला रहे थे, जिनका नाम कमलनाथ ने लिया है. तत्कालीन वन मंत्री और वर्तमान नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी इसे लेकर आपत्ति दर्ज कराई थी.  मुझे लगता है कि आज एक्स पर उन्होंने पोस्ट किया है तो उस पर पूरी जानकारी सार्वजनिक करना चाहिए...यह बात सही है कि गुटों में बंटी हुई कांग्रेस में कुछ अच्छा नहीं चल रहा है. 

कांग्रेस पर निशाना- 'खिलाफी की थी जिसका नतीजा भुगता था'

विश्वास सारंग ने कहा कि मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की कोई महत्वाकांक्षा नहीं है. मंत्री सिंधिया ने कुछ किया नहीं... उनके साथ विधायक और मंत्री आए, उन्होंने अपनी विधायकी और मंत्री पद को छोड़ा था. वे बिना महत्वाकांक्षा के आए थे. दरअसल कांग्रेस ने जनता को जो वादे किए थे वो पूरे नहीं हो रहे थे. तब की कांग्रेस सरकार ने वादा खिलाफी की थी और कमलनाथ को उसका खामियाजा भुगतना पड़ा था.  

दिग्विजय के दावे पर कमलनाथ का पलटवार

बता दें कि कमलनाथ ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट शेयर कर दिग्विजय के दावे पर पलटवार किया है. कमलनाथ ने लिखा, 'मध्य प्रदेश में 2020 में मेरे नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिरने को लेकर हाल ही में कुछ बयानबाजी की गई है. मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि पुरानी बातें उखाड़ने से कोई फायदा नहीं, लेकिन यह सच है कि व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया को यह लगता था कि सरकार दिग्विजय सिंह चला रहे हैं. इसी नाराजगी में उन्होंने कांग्रेस के विधायकों को तोड़ा और हमारी सरकार गिरायी.'

Advertisement

दिग्विजय ने ऐसा क्या कहा, कांग्रेस में हो गया बवाल

मध्य प्रदेश में पांच साल पहले गिरी कांग्रेस सरकार को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने एक पॉडकास्ट में कई खुलासे किए थे. उन्होंने कहा था कि सरकार 'आइडियोलॉजिकल क्लैश' से नहीं बल्कि 'क्लैश ऑफ पर्सनैलिटी' से गिरी थी.

दिग्विजय सिंह ने खुलासा किया कि कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया दोनों से अच्छे संबंध थे. उनके घर पर डिनर के दौरान कई मुद्दों पर सहमति बनी और एक 'विशलिस्ट' तैयार हुई थी, जिसमें ग्वालियर-चंबल संभाग से जुड़े फैसलों पर साथ मिलकर काम करने का आश्वासन भी शामिल था. दिग्विजय ने भी लिस्ट पर दस्तखत किए थे, लेकिन बाद में उसका पालन नहीं हुआ.

Advertisement

दिग्विजय ने आगे कहा था कि इस बात का दुख है कि हमें जिन पर पूरा भरोसा था, उन लोगों ने धोखा दे दिया. अगर ग्वालियर-चंबल से जुड़ी मांगें मानी जातीं तो शायद सरकार गिरने की नौबत नहीं आती, लेकिन प्रचारित किया गया कि उनकी और सिंधिया की लड़ाई से सरकार गिरी. जबकि हकीकत ये नहीं है. हमने पहले ही चेतावनी दी थी कि स्थिति गंभीर हो सकती है, लेकिन यह मेरा दुर्भाग्य है कि मुझ पर हमेशा वही आरोप लगाए जाते हैं, जिनका मैं दोषी नहीं होता हूं.

ये भी पढ़े: छत्तीसगढ़ में प्रेमी के साथ मिलकर बेटी ने की पिता की हत्या, 5 साल बाद हुआ खूनी रहस्य का खुलासा

Advertisement

Topics mentioned in this article