जुलाई और अगस्त महीने में क्यों होते हैं 31 दिन? इसके पीछे रोमन सीनेट का हाथ, जानें इसका इतिहास

History of July and August Month: कैलेंडर की शुरुआत रोमन साम्राज्य में हुई थी. तब रोमन कैलेंडर बहुत जटिल था, लेकिन रोमन शासक जूलियस सीजर ने इसमें बदलाव कर जूलियन कैलेंडर चलाया. इस कैलेंडर में ज्यादातर महीने 30 और 31 दिनों के बीच बदलते रहते थे, सिवाय फरवरी के.

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July and August Month History: ज्यादातर लोगों के मन में यह सवाल रहता है कि आखिर जुलाई और अगस्त का महीना (History of July and August Month) 31 दिन का क्यों होता है, जबकि फरवरी को छोड़कर बाकी 30 और 31 दिनों वाले महीनों का क्रम चलता है. इसके पीछे रोमन एम्पायर (Roman Empire) का हाथ है. जी हां... हम जो कैलेंडर यूज करते हैं वो रोमन कैलेंडर(Roman Calendar) पर आधारित है.

दरअसल, दुनिया में कैलेंडर का इतिहास (History of Calendar) बहुत पुराना है. समय समय पर दुनिया के शक्तिशाली शासकों ने अपने अनुसार कैलेंडर चलवाए गए और उसे दूसरे देशों में फैलाने का काम किया गया. भारत में ग्रेगोरियन कैलेंडर (Gregorian Calendar) को मान्यता दी गई है, जिसे 'नई शैली' का कैलेंडर भी कहते हैं. यह दुनिया भर में सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला कैलेंडर है.

यह एक सौर कैलेंडर है जो 12 महीनों में विभाजित 365 दिनों के वर्ष पर आधारित है. हालांकि हर चार साल में एक बार एक लीप वर्ष होता है, जिसमें 366 दिन होते हैं. बता दें कि ग्रेगोरियन कैलेंडर को 1582 में पोप ग्रेगरी XIII द्वारा पेश किया गया था. ये जूलियन कैलेंडर (Julian calendar) में सुधार करने के बाद पेश किया गया था.

दरअसल, कैलेंडर की शुरुआत रोमन साम्राज्य में हुई थी. तब रोमन कैलेंडर बहुत जटिल था. रोम के शासक जूलियस सीजर ने इसमें बदलाव कर जूलियन कैलेंडर चलाया. जूलियन कैलेंडर में ज्यादातर महीने 30 और 31 दिनों के बीच बदलते रहते थे, सिवाय फरवरी के. इस कैलेंडर में फरवरी में लीप वर्ष में 29 और 30 दिन होते थे. नया कैलेंडर सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की कक्षा के ज्यादा करीब था, जिससे जमा हुए मौसमी बदलाव को ठीक किया जा सका.

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जुलाई और अगस्त महीने में 31 दिन क्यों?

44 ई. पू. में जूलियस सीजर की हत्या के बाद रोमन सीनेट ने उनके सम्मान में क्विंटिलिस महीने का नाम बदलकर जूलियस (जुलाई) कर दिया गया, क्योंकि इस महीने में ही जूलियस सीजर का जन्म हुआ था. जूलियस सीजर ने अपने सुधार के दौरान क्विंटिलिस (अब जुलाई) को पहले ही 31 दिनों का कर दिया था. इसके बाद 8 ई. पू. में पहले रोमन सम्राट ऑगस्टस सीजर को भी इसी तरह सम्मानित किया गया.

रोमन सीनेट ने ऑगस्टस सीजर की उपलब्धियों को मान्यता देने के लिए सेक्सटिलिस महीने (छठा महीना) का नाम बदलकर ऑगस्टस (अगस्त) कर दिया. शुरुआत में अगस्त में 30 दिन होते थे, लेकिन ऑगस्टस को और अधिक सम्मान देने के लिए अगस्त महीने को जुलाई के बराबर बनाने का फैसला लिया गया था. हालांकि ये एक दिन फरवरी से उधार लिया गया, जिसके बाद अगस्त 31 दिनों का हो गया.

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रोमन कैलेंडर में एक साल में सिर्फ 10 महीने

रोमन सीनेट इस फैसले के बाद 30 और 31 दिनों वाले महीने का क्रम भी समाप्त हो गया, क्योंकि अब जुलाई और अगस्त दोनों महीने में लगातार 31 दिन हो गया.

बता दें कि पुराने रोमन कैलेंडर में एक साल में सिर्फ 10 महीने हुआ करते थे, जिसमें 304 दिन शामिल थे. लेकिन बाद में इसमें दो और महीने जोड़ दिए गए जिनका नाम जनवरी और फरवरी रखा गया. इसके बाद पूरा साल 12 महीने का हो गया.

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