जीवाजी यूनिवर्सिटी की परीक्षा में Live नकल ! मेहगांव कॉलेज में प्रिंसिपल से लेकर स्टाफ तक सब नपे

Bhind Open Cheating:जीवाजी विश्वविद्यालय की बीएससी/बीएड परीक्षा में भिंड के मेहगांव कॉलेज में बड़ा नकल कांड सामने आया है. उड़नदस्ते ने 29 छात्रों पर UMC बनाया और केंद्र स्टाफ की संलिप्तता का खुलासा किया. पढ़ें कैसे खुलेआम चल रही थी सामूहिक नकल और CCTV कैमरे बंद मिले

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Bhind Jiwaji University Nakal: जीवाजी विश्वविद्यालय (Jiwaji University) की परीक्षाओं में नकल का एक बड़ा और शर्मनाक मामला सामने आया है.भिंड जिले के मेहगांव स्थित शासकीय महाविद्यालय में चल रही बीएससी और बीएड पांचवें सेमेस्टर की परीक्षा के दौरान खुलेआम सामूहिक नकल का खुलासा हुआ है. दरअसल नकल की सूचना मिलने पर लीड कॉलेज के प्राचार्य एवं उड़नदस्ते के प्रभारी प्रो. रामअवधेश शर्मा की टीम ने औचक निरीक्षण किया, जिसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ और  परीक्षा केंद्र पर हड़कंप मच गया.

Bhind Jiwaji University Nakal: राम अवधेश शर्मा, पीएमश्री एम.जे.एस. कॉलेज में नकल की पर्चियां पकड़े हुए

गाइड, पर्चियां और मोबाइल का खुला खेल

उड़नदस्ता टीम के केंद्र पहुंचते ही अफरा-तफरी मच गई. निरीक्षण के दौरान कक्षों में जो नजारा दिखा, उसने परीक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. छात्रों के पास से बड़ी मात्रा में गाइड बुक, नकल की पर्चियां और मोबाइल फोन जब्त किए गए. कई छात्र सीधे गाइड से उत्तर लिखते पाए गए, जबकि कुछ मोबाइल फोन की मदद से प्रश्न हल कर रहे थे. टीम ने पाया कि परीक्षा केंद्र पर गेट चेकिंग बिल्कुल भी नहीं थी. यहां तक कि बाहर के लोग भी बेरोकटोक परीक्षा कक्षों के अंदर घूमते नजर आए, जो नियमों का सीधा उल्लंघन है.

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उड़नदस्ता देखते ही भागे छात्र,अभद्रता भी

जैसे ही उड़नदस्ते ने क्लास रुम के अंदर कदम रखा, कई छात्रों ने नकल सामग्री छिपाने की कोशिश की और पर्चियां इधर-उधर फेंकना शुरू कर दिया. कुछ छात्र तो डर के मारे अपनी सीट छोड़कर भाग खड़े हुए. इस दौरान कई छात्रों ने टीम के साथ अभद्रता भी की और उन्हें कक्ष में आने से रोकने की कोशिश की. हालांकि, स्टाफ और टीम के सदस्यों ने स्थिति को संभाला और बिना किसी रुकावट के अपनी कार्रवाई जारी रखी. .

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स्टाफ की मिलीभगत और CCTV बंद

उड़नदस्ते की जांच रिपोर्ट में सबसे गंभीर खुलासा यह हुआ कि परीक्षा केंद्र का पूरा स्टाफ इस नकल गतिविधियों में संलिप्त पाया गया. रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से केंद्राध्यक्ष, सहायक केंद्राध्यक्ष, स्थायी केंद्र निरीक्षक और कक्ष निरीक्षकों की भूमिका पर संदेह जताया गया है. जांच टीम ने पाया कि परीक्षा केंद्र पर लगे CCTV कैमरे पूरी तरह से बंद थे. न प्रवेश द्वार पर कोई निगरानी थी, न ही कोई अन्य एक्टिव चेकिंग मैकेनिज़्म काम कर रहा था.

44 में से 29 छात्रों पर बने नकल प्रकरण

उड़नदस्ता टीम ने कुल 44 परीक्षार्थियों की जांच की, जिनमें से 29 छात्रों के खिलाफ नकल प्रकरण (Unfair Means Case - UMC) तैयार किए गए. रिपोर्ट में यह भी दर्ज किया गया है कि यह नकल किसी एक छात्र द्वारा नहीं, बल्कि सामूहिक रूप से कराई जा रही थी, जो परीक्षा केंद्र की घोर लापरवाही को दर्शाता है. प्रो.रामअवधेश शर्मा की टीम ने इस पूरी घटना की विस्तृत रिपोर्ट जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलपति को भेज दी है. टीम ने अपनी अनुशंसा में साफ तौर पर कहा है कि इस परीक्षा केंद्र को तत्काल निरस्त किया जाए और भविष्य की परीक्षाएं मेहगांव के बजाय शहर के किसी शासकीय कॉलेज में कराई जाएं. रिपोर्ट की प्रतियां उच्च शिक्षा विभाग सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को भी भेजी गई हैं. भिंड जिले में बार-बार सामने आ रहे इन नकल मामलों ने जिले के शैक्षणिक माहौल और विश्वविद्यालय की परीक्षा प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
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