Jal Jeevan Mission की खस्ताहाल तस्वीरें आई सामने, यहां सप्लाई लाईन में बंधते हैं मवेशी, हैंडपंपों पर लगी कतारें

Jal Jeevan Mission: मैहर जिले के रामनगर ब्लॉक की तमाम ग्राम पंचायतों में जल जीवन मिशन के तहत इकाई की स्थापना की गई थी. करोड़ों रुपये खर्च कर स्थापित की गई ये इकाइयां ग्रामीणों के लिए निरर्थक साबित हो रही है. कहीं पर बोर फेल होने से इकाई बेकार पड़ी है, तो कहीं बिजली की परेशानी के चलते योजना फ्लॉप है.

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Jal Jeevan MIssion News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मैहर (Maihar)  जिले में जल जीवन मिशन (JJM) का जब आगाज हुआ था, तब नारा दिया गया था 'नल जल से वंचित नहीं रहेगा अब कोई घर परिवार, जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) के तहत पहुंचेगा नल से जल सबके द्वार, मगर जमीनी हकीकत यही है कि तमाम पंचायतों में स्ट्रक्चर बनाने के बाद भी मिशन फेल साबित हो रहा है. तमाम जगहों पर टंकी की प्यास नहीं बुझा पा रही है, ऐसे में घरों तक पानी पहुंचाने की बात बेमानी साबित हो रही है. हैंडपंपों में अब भी लोगों की कतार लगी हुई है और घर के बाहर लगाए गए नल केवल मवेशियों को बांधने के काम आ रहे हैं.

मैहर जिले के रामनगर ब्लॉक की तमाम ग्राम पंचायतों में जल जीवन मिशन के तहत इकाई की स्थापना की गई थी. इनमें से दो इकाइयों का जायजा एनडीटीवी ने लिया. करोड़ों रुपये खर्च कर स्थापित की गई ये इकाइयां ग्रामीणों के लिए निरर्थक साबित हो रही है. कहीं पर बोर फेल होने से इकाई बेकार पड़ी है, तो कहीं बिजली की परेशानी के चलते योजना फ्लॉप है. इसके अलावा कुछ पंचायतों में घटिया निर्माण ने लोगों के पेयजल की राह रोक रखी है.

42 हैंडपंप फिर भी पानी का संकट

बताया जाता है कि ग्राम पंचायत हटवा में कुल 42 हैंडपंप हैं. यह पंचायत जल जीवन मिशन के लिए भी चयनित है. ऐसे में नए हैंडपंप खोदने पर पाबंदी लगी हुई है. वहीं, पुराने हैंडपंप खराब होने की वजह से बंद पड़े हैं. अभी सिर्फ 20 हैंडपंप ही चालू हालत में हैं. वहीं, 22 हैंडपंप बंद हो चुके हैं. पंचायत से जुड़े नारायणपुर, हटवा, मझगवां को मिलाकर करीब 3250 लोग निवास करते हैं. इनकी पूरी पेयजल व्यवस्था हैंडपंप और प्राइवेट बोर पर ही निर्भर है. कहीं पर भी पानी की सप्लाई नहीं है. घरों के बाहर बने स्ट्रक्चर मात्र मवेशियों के बांधने में ही काम आ रहे हैं.

60 हैंडपंप और जेजेएम का प्रोजेक्ट फिर भी कतार में जनता

रामनगर ब्लॉक की ग्राम पंचायत गोविंदपुर में जल जीवन मिशन का काम हो चुका है. इस पंचायत के गांव गौहानी, गुलवार गुजारा, गोविंदपुर में लगभग 2250 की जनसंख्या है. जिनकी पेयजल व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए 60 हैंडपंप हैं और उस पर जेजेएम का काम भी हो चुका है. इसके बाद भी लोगों को पानी लेने के लिए पांच से छह किलोमीटर का सफर तय करना पड़ रहा है. सुबह से ही लोगों की कतार हैंडपंप में लग जाती है.  

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ग्रामीणों ने बताई ये परेशानी

गोविंदपुर ग्राम पंचायत के राजकुमार मिश्रा ने बताया कि जल जीवन मिशन का नल लगा है, लेकिन पानी नहीं आता है. नल लगा दिए गए हैं, पर जब पानी ही नहीं है, तो क्या मतलब. 5 साल से हम पानी का इंतजार कर रहे हैं, हर बार अधिकारी आते हैं और आश्वासन देकर चले जाते हैं. एक इकलौता हैंड पंप है, उसी के भरोसे पूरा गांव है. गांव की ही कुसुम सेन ने एनडीटीवी से बात करते हुए बताया कि हम लोग 4 किलोमीटर से पानी लेने आए हैं. पूरे गांव में एक हैंडपंप है. अन्य हैंड पंप खराब पड़े हैं. इतनी समस्या है कि विवाद की स्थिति उत्पन्न हो जाती है.चार-पांच साल से नल लगा हुआ है, लेकिन एक बूंद पानी नहीं आता. हैंडपंप भी खराब पड़े हैं, उसे कोई सुधारने वाला नहीं है. फोटो खींचने वाले और हस्ताक्षर करने वाले बहुत अधिकारी आते हैं, लेकिन आश्वासन देकर चले जाते हैं. इसी तरह गांव के ही रामधनी मिश्रा ने बताया कि जल जीवन मिशन से हमको कुछ लाभ नहीं है. यहां एक बूंद पानी भी नहीं आता है. बस कनेक्शन करके चले गए हैं.  

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एसडीएम ने समस्या हल करने का दिया आश्वासन

जब एनडीटीवी ने संबंध में एसडीएम डॉक्टर आरती सिंह से बात की, तो उन्होंने कहा कि गर्मियां आ गई है और ऐसी शिकायतें लगातार कई गांवों से आ रही हैं कि जल जीवन मिशन के तहत लगाए गए नलों में पानी नहीं आ रहा है और कुछ हैंड पंप खराब पड़े होने की भी शिकायतें प्राप्त हो रही है. उन्होंने आगे कहा कि हम जल्द ही इसमें समीक्षा बैठक लेने जा रहे हैं. जल जीवन मिशन और पीएचई विभाग के साथ-साथ जनपद पंचायत की बैठक करेंगे, इस दौरान जो भी कमी सामने आएगी, उसे पूरा करेंगे और जल्द से जल्द लोगों को पानी उपलब्ध कराया जाएगा.

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