Gambling News: दिवाली (Diwali) पर देश में बड़े पैमाने पर जुआ खेलने (Gambling) का रिवाज है. ऐसे में पुलिस प्रशासन से इस सामाजिक बुराई के खिलाफ कठोर कदम उठाने की उम्मीद की जाती है. लेकिन, इस बीच जबलपुर (Jabalpur) के एसपी ने एक ऐसा आदेश जारी कर दिया है, जिसकी बड़े पैमाने पर आलोचना हो रही है.
दरअसल, जबलपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) संपत उपाध्याय का एक आदेश सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है, जिसमें दीपावली से ग्यारस तक जुए के फड़ों पर छापेमारी को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए गए है. इस आदेश में खास बात यह है कि नदी, कुआं, तालाब, और ऊंची इमारतों में चल रहे जुआ फड़ों पर कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया गया था. इस अजीबो-गरीब आदेश ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
पुलिस की कार्रवाई पर उठे सवाल
जुआरी और उनके ठिकानों पर कार्रवाई न करने के इस निर्देश को लेकर शहर में चर्चाओं का माहौल गरम हो गया. लोग इस बात पर सवाल उठा रहे हैं कि क्या पुलिस जुआरियों से डरकर कार्रवाई नहीं करेगी? ऐसे में जुआ खेलने वालों को रोकने में पुलिस की भूमिका पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है.
संशोधित आदेश जारी
चर्चाओं और सवालों के बढ़ते दबाव को देखते हुए, एसपी कार्यालय ने कुछ घंटों के भीतर ही एक संशोधित आदेश जारी कर दिया. यह नया आदेश 30 अक्टूबर को जारी किया गया, जिसमें जुआ फड़ों पर कार्यवाही के दौरान सावधानी बरतने की हिदायत दी गई है. हालांकि, नए और पुराने आदेश को लेकर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं. गौरतलब है कि अभी कुछ ही दिन पहले ही पूर्व विधायक संजय यादव ने जुआ फड़ का वीडियो जारी किया था.
यह भी पढ़ें- Diwali और Chhatt पर जाना चाहते हैं अपने घर, तो ऐसे हासिल करें कन्फर्म ट्रेन टिकट
धनतेरस से ग्यारस तक धड़ल्ले से चलते हैं जुए के फड़
दरअसल, दीपावली से लेकर ग्यारस तक का समय ऐसा होता है, जब शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर जुआ फड़ संचालित किया जाता है. इन फड़ों में लाखों रुपये का दांव लगाया जाता है और ऐसे में पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े होना स्वाभाविक है.
यह भी पढ़ें- ट्रेन में महिलाओं का जीतता था यकीन फिर पिलाता था ‘नशीली चाय'… पकड़ा गया शातिर