जबलपुर के कारखाने में सेना के लिए बना स्वदेशी वाहन, तकनीक और खूबी जानकर रह जाएंगे दंग..

Jabalpur News: मध्य प्रदेश के जबलपुर में एमपीवी वाहनों  को सोमवार को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया है.ये वाहन हाईटेक सुविधाओं से युक्त हैं. जानें इनकी क्या खासियत है.

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MP News In Hidni: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर  (Jabalpur) से एमपीवी (MPV) वाहनों को लेकर खुशखबरी है. एमपीवी वाहनों के लिए प्राप्त उत्पादन लक्ष्य को समय पर पूरा करते हुए अंतिम 11 वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया. व्हीकल फैक्ट्री में लगातार सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है. व्हीएफजे के मुख्य महाप्रबंधक संजीव कुमार भोला ने बताया कि व्हीकल फैक्ट्री ने 11 मॉडिफाइड माइन प्रोटेक्टेड व्हीकल (एमएमपीवी) सीआरपीएफ के लिए भेजे गए. यह वाहन उच्च तकनीक पर आधारित हैं.

इतने विस्फोट को सहन कर सकता है..

सुरंग रोधी वाहन.

यह जमीन में बिछी बारूदी सुरंगों से निपटने में कारगर हैं. 10 किलो तक के बारूद के विस्फोट को सहन कर सकता है.  विच सिस्टम, सेंसर ग्लास और नाइट विजन कैमरा भी इसकी खासियत हैं.इन वाहनों को आर्मर्ड व्हीकल्स निगम लिमिटेड के सीएमडी संजय द्विवेदी और वीएफजे के सीजीएम संजीव कुमार भोला ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.

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सेना के हरे ट्रकों की यहां से होती है सप्लाई

भारत में सेना को बड़े वाहनों की सप्लाई करने वाली सबसे बड़ी यूनिट व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर है.पूरे देश में शक्तिमान के नाम से जो सेना के हरे ट्रक दिखते हैं, वह व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर में बनाए जाते हैं.यह वाहन सैनिकों की सुरक्षा का बड़ा कवच है. इसमें 10 से 12 जवान एक साथ बैठक सकते हैं. ये वाहन आतंकवाद और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में गश्त कर सकता है. यदि वाहन बारूदी सुरंग के ऊपर से गुजर जाए तो भी सैनिक सुरक्षित रहते हैं.

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अब तक 123 वाहन शामिल

एबीएनएल निर्माणी फैक्ट्री के द्वारा सुरंग रोधी वाहनों के उत्पादन में विशेषज्ञ को भारत में नंबर एक माना जाता है. यही कारण है कि जो सुरंग रूढ़ि बनाए गए थे. इसके अपग्रेड वर्जन को तैयार करने का मौका व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर को प्राप्त हुआ.जबलपुर में अभी तक 123 सुरंग रोधी वाहन तैयार कर सीआरपीएफ को सौंप दिए हैं. यह समय पर अपने लक्ष्य को पूरा किया गया.

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'अभेद्य' के नाम से मशहूर

आतंकवादियों और नक्सलवादियों के द्वारा जंगलों में सेना के वाहनों और सैनिकों को नुकसान पहुंचाने के लिए लैंड माइंस (बारूदी सुरंग) का उपयोग सबसे ज्यादा किया जाता है, जमीन में गड़ा दी जाने वाली लैंड माइंस के ऊपर वजन पढ़ते ही भयानक विस्फोट होता है , जिससे सेवा के वाहन टुकड़े-टुकड़े हो जाते हैं लेकिन जबलपुर की व्हीकल फैक्ट्री नें  अपने शोध से एक ऐसे वाहन का निर्माण किया है जो इस समय दुनिया का सर्वश्रेष्ठ एंटी लैंड माइन व्हीकल 'अभेद्य' के नाम से जाना जाता है.

ऑस्ट्रेलिया का लगा है इंजन 

इस अपग्रेड सुरंग रोधी वाहन में सबसे मजबूत माने जाने वाले ऑस्ट्रेलिया का इंजन लगाया गया है. यह वहां नक्सल विरोधी अभियान में ताकत प्रदान करता है.

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ये हैं सुरंग रोधी वाहन की खूबियां

- बुलेटप्रूफ ग्लास - इस व्हीकल में इस्तेमाल किए गए सभी कांच बुलेटप्रूफ हैं.
- जवानों को सुरक्षा के साथ बाहर निशाना लगाने की सुविधा भी दी गई है.
- कंपोजिट आर्मर - वाहन की सुरक्षा के लिए धातु, प्लास्टिक, सिरेमिक, हवा आदि के कॉम्बिनेशन से तैयार कंपोजिट आर्मर का इस्तेमाल किया गया.
- यह धातु से ज्यादा मजबूत लेकिन हल्का होता है.
- जैकल आर्मर प्लेट - इससे वाहन को मूवमेंट में मदद मिलती है. पलटवार या हमले में सहायक है.
- आर्मर प्लेट -धातु की इस प्लेट का कई ऐसे स्थानों पर उपयोग किया गया है, जो वाहनों के महत्वपूर्ण या कमजोर हिस्सों को कवर करती है.
-  रन फ्लेट टायर सिस्टम -विस्फोट में एमएमपीवी का टायर फटने पर भी वाहन को रोकने की जरूरत नहीं.
- टायर फटने के बाद भी यह सिस्टम वाहन को 40 किलोमीटर तक चलने की क्षमता रखते है.

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