MP: फर्जी IAS-IPS अफसर ने महिला से किया रेप ! खुलासा हुआ तो कोर्ट में लगा दी ये याचिका 

MP News: नरसिंहपुर के एक युवक ने फर्जी अफसर बनकर युवती  साथ रेप किया है. इस मामले की एफआईआर युवती ने थाने में दर्ज कराई है. जबकि युवक ने उस पर लगाए आरोपों को गलत बताया है और दावा किया है कि वह आईएएस -आईपीएस अफसर है. 

Advertisement
Read Time: 3 mins

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के  नरसिंहपुर में फर्जी आईएएस-आईपीएस अफसर बन कर महिला से रेप का मामला सामने आया है. अब जब मामले का खुलासा हुआ और एआरओपी के खिलाफ शिकायत हुई तो उसने कोर्ट की शरण लेकर याचिका लगा दी. 

ये दलील दी

नरसिंहपुर का रहने वाला वीर सिंह राजपूत ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर बताया कि उसके खिलाफ महिला थाने में दुष्कर्म की एफआइआर दर्ज की गई है. आवेदक की ओर से दलील दी गई कि दुष्कर्म का आरोप झूठा है और FIR निरस्त कर दी जाए. यह दलील भी दी कि वह एक आईएएस अधिकारी है, यदि उसे सजा हुई तो उसका भविष्य खराब हो जाएगा.

मामला उल्टा निकला

अधिवक्ता मोहम्मद अली व अभिमन्यु सिंह ने कोर्ट को बताया कि आवेदक ने आईएएस व आईपीएस होने के दावे के लिए जो भी दस्तावेज प्रस्तुत किए हैं, वे फर्जी हैं. आवेदक ने दस्तावेज न प्रस्तुत कर दावा किया कि 2019 में उसका चयन IAS के रूप में से हुआ है. एक अन्य दस्तावेज में कहा कि नियुक्ति पत्र प्रोविजनल है.

वीर सिंह का दावा है कि उसका तबादला जम्मू-कश्मीर से मध्य प्रदेश हुआ है. एक शासकीय दस्तावेज में IPS के रूप में नियुक्ति का दावा किया है. कोर्ट को बताया गया कि उक्त दोनों वर्षों की सूची से यह पता चला कि वीर सिंह राजपूत नाम का कोई अधिकारी चयनित नहीं है.

एडवोकेट मोहम्मद अली ने बताया कि नरसिंहपुर निवासी उनकी महिला क्लाइंट ने वीर सिंह राजपूत के खिलाफ दैहिक शोषण का मुकदमा दर्ज कराया है .वीर सिंह राजपूत नरसिंहपुर में कोचिंग क्लास चलाता था और महिला ने उस  से कोचिंग ली थी, शादी का झांसा देकर उसका दैहिक शोषण किया गया . जब वीर सिंह ने कहीं दूसरी जगह शादी करने का प्रयास किया गया, तब महिला ने पुलिस की शरण ली.  

Advertisement

ये भी पढ़ें MP: महिला का न्यूड वीडियो बनाकर युवक ने किया रेप, इस बात से खफा हुआ तो कर दिया वायरल 

वीर सिंह राजपूत ने खुद को IAS बताया, तो कभी इसने अपने आप को आईपीएस भी बताया है. लेकिन जब महिला ने सभी तथ्यों की जांच की तब यह सभी तथ्य गलत पाए गए . 

जिन सालों में आईएएस और आईपीएस का दावा किया गया है उन सालों की सूची में वीर सिंह राजपूत नाम के किसी भी व्यक्ति का नाम चयनित नहीं किया गया. कोर्ट ने मामले में सरकार को 15 दिन के अंदर जांच करके रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं. अगली सुनवाई तीन अक्टूबर को होगी.

Advertisement

ये भी पढ़ें  हाईकोर्ट के ऐतिहासिक फैसले ने सरकार को दिया झटका! जमीन अधिग्रहण के लिए इस नियम का पालन है जरूरी 

Topics mentioned in this article