MP News: पूर्व सीएम शिवराज व वीडी शर्मा के खिलाफ लोकसभा चुनाव से पहले इसलिए जारी हुआ वारंट

Shivraj Singh Chouhan Today News: पूर्व मुख्यमंत्री के अधिवक्ता ने न्यायालय में 7 जून को उपस्थित होने का आवेदन दायर किया था, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. अब तीनों नेताओं को 7 मई को न्यायालय के समक्ष उपस्थित होना होगा.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins

Shivraj Singh Chouhan: राज्यसभा सांसद व कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता विवेक तन्खा (Vivek Tankha) द्वारा दायर किए गए दस करोड़ रुपए के मानहानि के मामले (Defemation case) में एमपी-एमएलए कोर्ट (MP MLA Court) ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan), भाजपा (BJP) प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा (VD Sharma) व पूर्व मंत्री भूपेन्द्र सिंह (BHupendra Singh) के खिलाफ पांच-पांच सौ रुपए का जमानती वारंट जारी किया है.

इसके साथ ही कोर्ट की अवमानना करने पर पिछली डेट को रिवाइज कर तीनों ही नेताओं को एक माह पहले हाजिर होने का आदेश भी कोर्ट ने दिया है. हालांकि, उन्होंने हाजिर होने में असमर्थता जताते हुए माफी के लिए आवेदन लगाया था कि लोकसभा चुनाव के चलते कोर्ट में उपस्थित नहीं हो पा रहे हैं. इसलिए इन्हें व्यक्तिगत उपस्थिति के लिए माफ किया जाए, जिसे कोर्ट ने खारिज करते हुए वारंट जारी कर दिया है.

Advertisement

यह है मामला

कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील विवेक कृष्ण तन्खा ने एमपी-एमएलए कोर्ट जबलपुर में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और विधायक भूपेंद्र सिंह के खिलाफ 10 करोड़ की मानहानि का केस दायर किया था. इसमें कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट में पंचायत चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग के 27 प्रतिशत आरक्षण को रद्द किए जाने के आदेश के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेताओं में योजनाबध्य तरीके से  उन्हें (विवेक तन्खा) को ओबीसी विरोधी नेता साबित करने के प्रयास किए थे.  दरअसल, साल 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने पंचायत चुनाव में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी थी. इस दौरान विवेक तन्खा ने याचिकाकर्ताओं की ओर से पंचायत और निकाय चुनाव में रोटेशन और परिसीमन को लेकर पैरवी की थी. पैरवी करने के कारण बीजेपी नेताओं ने विवेक तन्खा को ओबीसी विरोधी बताते हुए उनके विरोध में लगातार बयान दिए, जो प्रिंट और सोशल मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में बार बार दिखाए गए. इसके बाद विवेक तन्खा ने भी अपनी सफाई देते हुए बयान जारी किया था. इसके साथ ही उन्होंने मानहानि करने का आरोप लगाते हुए तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा और तत्कालीन मंत्री भूपेन्द्र सिंह से सार्वजनिक माफी मांगने की बात कही थी, लेकिन तीनों नेताओं ने माफी नहीं मांगी, जिसके बाद विवेक तन्खा कोर्ट में उनके खिलाफ 10 करोड़ रुपए का मानहानि का केस दायर किया था, जिस पर सुनवाई करते हुए अब एमपी एमएलए कोर्ट जबलपुर ने ये आदेश दिया है.

Advertisement

अंडरटेकिंग के लिए उपस्थित न होने पर वारंट हुआ जारी

तीनों ही नेताओं को कोर्ट ने इस मामले में 22 मार्च को उपस्थित होने का निर्देश दिया था, लेकिन 22 मार्च 2024 को तीनों ही नेताओं ने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित न होकर हाजिरी माफी आवेदन प्रस्तुत किया था, जिसमें स्वयं को लोकसभा चुनाव में व्यस्त बताते हुए इन नेताओं ने कहा था कि वे स्वयं लोकसभा में प्रत्याशी है और चुनाव लड़ रहे हैं. इसलिए 22 मार्च को कोर्ट में उपस्थित होना संभव नहीं है. इसलिए कोर्ट उनकी हाजिरी को माफ करें. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा अपनी अर्जी में 7 जून तक का समय देने की मांग की थी. कोर्ट ने आवेदन स्वीकार करते हुए एक शर्त रखी थी कि वे 2 अप्रैल 2024 को स्वयं उपस्थित होकर ये बात कोर्ट को बताएं. 2 अप्रैल को भी जब तीनों ही नेता कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए, तो उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी कर दिया गया.  पूर्व मुख्यमंत्री के अधिवक्ता ने न्यायालय में 7 जून को उपस्थित होने का आवेदन दायर किया था, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. अब तीनों नेताओं को 7 मई को न्यायालय के समक्ष उपस्थित होना होगा.

Advertisement

हाईकोर्ट से नहीं मिली थी राहत

विशेष न्यायालय में 22 मार्च की सुनवाई से पहले यह मामला हाईकोर्ट में भी लगा था. जहां जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने तीनों नेताओं को लोकसभा चुनाव की व्यस्तता के आधार पर हाजिरी माफी की व्यवस्था दिए जाने की मांग संबंधी याचिका पर अंतरिम राहत न देते हुए इस सिलसिले में एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट के समक्ष आवेदन प्रस्तुत करने कहा गया था. हाईकोर्ट में याचिका की अगली सुनवाई 23 अप्रैल को निर्धारित कर दी थी.