Bad Condition Ambulance: एक एम्बुलेंस में भर दिए 10-12 मरीज, सवारियों की तरह ठूंस कर ले गए डायग्नोस्टिक सेंटर... वीडियो वायरल

Government Ambulance in Jabalpur: जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज की एम्बुलेंस का वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें एक ही एम्बुलेंस में 10-12 मरीजों को ठूंस कर डायग्नोस्टिक सेंटर ले जाया जा रहा है. आइए आपको इसके बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं.

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MP Viral Video: जबलपुर से एक एम्बुलेंस का वीडियो हुआ वायरल

Jabalpur News in Hindi: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज (Netaji Subhash Chandra Bose Medical College) से एक चौंकाने वाली वीडियो सामने आई है, जिसने स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं. वीडियो में जो गाड़ी नजर आ रहा है, उसे देख कोई भी यही समझेगा कि यह कोई सवारी बस है, लेकिन असल में यह एक एम्बुलेंस है. भीषण गर्मी के बीच, 10 से 12 मरीजों को जानवरों की तरह ठूंस कर इस एम्बुलेंस (Ambulance Viral Video) में बिठाया गया और उन्हें मेडिकल कॉलेज से एक निजी डायग्नोस्टिक सेंटर तक 10 किलोमीटर दूर स्थित सीटी स्कैन और एमआरआई के लिए ले जाया गया.

एक ही एम्बुलेंस में बिठाए गए कई मरीज

हर तरह के मरीज भरे गए एक एम्बुलेंस में

इन मरीजों में कोई कैंसर से जूझ रहा है, कोई टीबी का शिकार है, तो कोई गंभीर श्वास संबंधी रोगों से ग्रसित है. संक्रमण के खतरे के बावजूद इन सभी को एक साथ बिना किसी सुरक्षा मानक के ढोया जा रहा है. लोगों का कहना है कि ये कोई एक दिन की बात नहीं है, बल्कि रोजाना की प्रक्रिया बन चुकी है. दरअसल, मेडिकल कॉलेज परिसर में वर्षों पहले एक निजी कंपनी को सीटी स्कैन और एमआरआई सेवा संचालन की अनुमति दी गई थी.

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जबलपुर से एम्बुलेंस का वीडियो वायरल

हाल ही में यह निर्णय लिया गया है कि अब कॉलेज परिसर में ही सरकारी मशीनें स्थापित की जाएंगी. नए उपकरणों के लगने में लगभग छह महीने का समय लगेगा, तब तक वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर एक निजी डायग्नोस्टिक सेंटर को चुना गया है.

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लाभ कमाने के लिए लापरवाही

मरीजों को लाने-ले जाने की जिम्मेदारी इसी सेंटर की है और इसके लिए हर मरीज के नाम पर भुगतान भी होता है. लेकिन, अधिक लाभ कमाने के चक्कर में यह सेंटर एक बार में 10-12 मरीजों को भर कर लाता है. ऐसे में मरीजों को न केवल शारीरिक पीड़ा होती है, बल्कि एक मरीज से दूसरे में संक्रमण फैलने का भी गंभीर खतरा बना रहता है.

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जिम्मेदारों ने कही ये बात

मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. नवनीत सक्सेना ने मामले की जांच कराने और आवश्यक कार्रवाई की बात कही है. वहीं, डायग्नोस्टिक सेंटर के संचालक मुकुल गुरु का कहना है कि वे एक बार में अधिकतम 3-4 मरीजों को ही लाते हैं और उनके साथ परिजन भी रहते हैं.

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