Pride of Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के जबलपुर (Jabalpur) के रहने वाले तन्मय दुबे (Tanmay Dubey) ने देश-दुनिया में शहर और प्रदेश (Madhya Pradesh) का नाम रोशन किया है. तन्मय दुबे ने ऑस्ट्रिया के क्लागेनफ़र्ट (Klagenfurt, Austria) में आयोजित विश्व की सबसे कठिन प्रतियोगिता, एक दिवसीय एंड्यूरेंस इवेंट आयरन मैन कर्नटेन (Iron man Kärnten) में आयरन मैन का खिताब हासिल किया है. इसमें प्रतिभागियों को 3.8 किलोमीटर तैराकी, 180 किलोमीटर साइकिलिंग और 42.2 किलोमीटर की मैराथन दौड़ लगातार 17 घंटे में पूरी करनी पड़ती है.
आयरन मैन का खिताब हासिल करने के बाद तन्मय दुबे पहली बार अपने गृहनगर जबलपुर आए. इस दौरान तन्मय ने NDTV को बताया कि आयरन मैन एक ट्राईथोन स्पोर्ट होता है. यह 3 स्पोर्ट्स को मिला के बनता है, जिसमें स्विमिंग, साइक्लिंग और रनिंग शामिल होते हैं. तन्मय ने बताया कि इस इवेंट में अलग-अलग देशों से जो प्रतिभागी भाग लेते हैं, उन्हें 3.8 किमी समुद्र में या ओपन वॉटर में तैरना पड़ता है. उसके बाद 180 किमी साइकिल चलानी पड़ती है. इसके बाद में 42.2 किमी दौड़ना होता है. टोटल 226 किमी के लगभग सफर तय करना पड़ता है. इसे एक ही दिन में 17 घंटों के अंदर फिनिश करना होता है.
ऐसे की कठिन तैयारी
तन्मय बताते हैं कि उन्होंने पिछले 6-7 सालों में अपने आप को आयरन मैन के लिए तैयार किया, लेकिन पिछले 1 साल से बहुत कठिन तैयारी की. वे हफ्ते में 12-13 घंटे वर्कआउट करते थे. तन्मय का कहना है कि सब कुछ डाइट पर निर्भर करता है. उन्होंने अपनी डाइट पर पूरा कंट्रोल रखा. तला और स्पाइसी फूड नहीं खाया. शरीर के लिए पौष्टिक पदार्थ और फल, सब्जियां, सलाद का सेवन किया. सब कुछ टाइम टेबल पर निर्धारित होता था. तन्मय कहते हैं कि जंक फूड नहीं खाना चाहिए. अगर बहुत इच्छा होती है तो महीने में एक-दो बार ही जंक फूड खाना चाहिए.
एक्सरसाइज सबसे ज्यादा जरूरी
तन्मय दुबे बताते हैं कि एक्सरसाइज करके ही शरीर को तैयार किया जा सकता है, क्योंकि पहले एक्सरसाइज करना और उसके बाद शरीर को फिर से तैयार करने के लिए रिकवरी टाइम भी देना पड़ता है. तभी शरीर किसी भी प्रतियोगिता के लिए तैयार होता है. तन्मय का कहना है कि शरीर के साथ-साथ मानसिक तैयारी भी बहुत आवश्यक है, क्योंकि कई बार शरीर तो साथ देता है लेकिन, मानसिक रूप से थकान या निराशा लक्ष्य प्राप्त करने नहीं देती.
नौकरी के साथ कठिन प्रतियोगिता की अचीव
तन्मय अंतरराष्ट्रीय कंपनी अमेजन में कार्यरत हैं. उन्हें अपने जॉब पर भी पूरा ध्यान देना होता है. तन्मय का कहना है कि यदि व्यक्ति चाहे तो वह काम करते हुए भी कठिन लक्ष्य प्राप्त कर सकता है. इसके लिए उसे टाइम मैनेजमेंट और कठोर इच्छा शक्ति को बनाए रखना आवश्यक होता है.
तन्मय ने युवाओं को दिया ये संदेश
तन्मय दुबे का कहना है कि युवा अपने सपने पूरे करने के लिए 30-35 वर्ष की उम्र में ही अपनी इच्छाओं का त्याग कर पैसा और प्रतिष्ठा कमाने की जिद में लग जाते हैं. और जब समय निकल जाता है तब पछताते हैं कि उनकी जो इच्छाएं थी वह पूरी नहीं कर पाए. इसलिए मनुष्य को अपनी इच्छाएं पूरी करनी चाहिए. तन्मय दुबे का कहना है कि अब उनकी इच्छा है कि वह एक और प्रतियोगिता में भाग लें, जो इस प्रतियोगिता से भी दोगुनी कठिन होती है. जिसकी तैयारी वह कर रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि सफलता भी प्राप्त करेंगे, क्योंकि आयरन मैन की टैगलाइन है, "नथिंग इस इंपॉसिबल".
डायबिटीज से बचा जा सकता है
NDTV से बातचीत में तन्मय ने कहा कि आज दुनिया में भारत को डायबिटीज की कैपिटल कहा जाने लगा है. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है कि हमारा यूथ काम के दबाव में, पैसे कमाने के चक्कर में या घर के अन्य दबाव में एक्सरसाइज नहीं करता. बल्कि एक मशीन की तरह काम करता रहता है. इससे कुछ समय काम करने के बाद वह मानसिक रूप से थक जाता है और बीमारियों से ग्रस्त हो जाता है. यदि डायबिटीज जैसी बीमारी से बचाना है तो जंक फूड न खाएं और हेल्दी फूड खाकर व्यायाम अवश्य करें.
शाकाहारी व्यक्ति भी बन सकता है आयरन मैन
तन्मय दुबे बताते हैं कि उन्होंने अपने भोजन में शाकाहारी पदार्थ, फल, सब्जियां और प्रोटीन की मात्रा को बढ़ाया. इस बात का ध्यान दिया कि शरीर क्या पाचन करने की क्षमता रखता है, जिससे भारीपन नहीं आता. तन्मय बताते हैं कि नेचुरल फूड में वह सब मिलता है जो आपके शरीर को बलशाली बनता है. ओट्स, दलिया, एप्पल, कॉर्न, फ्लेक्स में कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन की मात्रा पर्याप्त होती है. ड्राई फ्रूट्स एक अच्छा भोजन हो सकता है. इसके साथ ब्रोकली का सेवन करना चाहिए. छोले-भटूरे और जंक फूड से बचना चाहिए, इन सब का त्याग करना आवश्यक है. चाहे आप किसी प्रतियोगिता में भाग ले रहे हो या फिर स्वस्थ जीवन जीना चाहते हैं, इसमें भोजन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान होता है.
सफलता के लिए मोटिवेशन बहुत आवश्यक है
किसी भी व्यक्ति को सफलता के लिए मोटिवेट करने वाले व्यक्तियों की जीवन में आवश्यकता होती है. तन्मन ये बताया, 'मेरे जीवन में मेरे पिता नरेंद्र दुबे, माताजी संगीता और मामा राजेश तिवारी का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है. इन्हीं लोगों ने मुझे जिंदगी में कुछ करने के लिए न सिर्फ मोटिवेट किया, बल्कि जीवन की राह दिखाई. मैंने इन्हीं से सीखा है कि कैसे संघर्ष करके सब कुछ जीता जा सकता है.' तन्मय दुबे का कहना है कि सिर्फ और सिर्फ मेहनत और डेडीकेशन ही आपको सफलता दिला सकते हैं. सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता.
6 किताब लिख चुके हैं तन्मय दुबे
आयरन मैन तन्मय दुबे अपनी खेल प्रतियोगिताओं और अंतरराष्ट्रीय कंपनी में जॉब के बाद भी समय निकालकर 6 किताबें लिख चुके हैं, जो अंतरराष्ट्रीय प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित की गई हैं. अब वे अपनी नई किताब रेड लाइन-2 लिख रहे हैं.
तन्मय की लिखी कहानी पर बन रही है फिल्म
तन्मय दुबे ने द रेड लाइन नाम की एक किताब लिखी है, जो एक मर्डर मिस्ट्री पर आधारित है. इस कहानी के ऊपर निर्देशक प्रशांत सिंह एक फिल्म और वेब सीरीज बनाने की तैयारी कर रहे हैं. यह फिल्म बहुत जल्द दर्शकों के सामने होगी.
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