Jabalpur Peas Farmers: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर जिले के मटर उत्पादक किसान (Peas Farmers) बहुत खुश है. उनकी खुशी का कारण उनकी उपज ही बनी है. देशभर में हरे मटर के व्यापार का प्रमुख केंद्र माने जाने वाले जबलपुर मंडी (Jabalpur Mandi) में इस साल किसानों और व्यापारियों के लिए खुशखबरी लेकर आया है. पिछले साल हरे मटर का दाम मात्र ₹2 प्रति किलो था. वहीं, इस बार यह ₹45 प्रति किलो तक पहुंच गया है. इस भारी मूल्य वृद्धि ने किसानों और व्यापारियों के चेहरे पर मुस्कान ला दी है.
हरे मटर की बढ़ती मांग
जबलपुर का हरा मटर अपनी उच्च गुणवत्ता और स्वाद के लिए पूरे देश में मशहूर है. इस साल पंजाब और अन्य राज्यों में फसल खराब होने के कारण जबलपुर के हरे मटर की मांग देशभर में बढ़ी है. जबलपुर मंडी में हर साल करीब 1000 करोड़ रुपये का मटर कारोबार केवल 90 दिनों में होता है.
नई अस्थाई मंडी से व्यापार को लाभ
पिछले साल हड़ताल और यातायात के कारण व्यापारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था. हालांकि, इस साल नई अस्थाई मंडी के संचालन से व्यापार में सुधार हुआ है. दूसरे राज्यों में माल भेजने में अब 4-6 घंटे का समय बच रहा है. नई मंडी की स्थापना से व्यापारियों को तेज और प्रभावी संचालन का लाभ मिला है.
किसानों और व्यापारियों की प्रतिक्रियाएं
इस साल की कीमतों ने किसानों की मेहनत का उचित फल दिया है. उन्हें उम्मीद है कि यह ट्रेंड आने वाले वर्षों में भी जारी रहेगा. दूसरी तरफ, थोक व्यापारियों ने बताया कि मंडी की नई व्यवस्थाओं और बेहतर यातायात ने उनके मुनाफे को बढ़ाया है.
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देश में नाम हुआ संस्कारधानी का
हरे मटर की फसल ने जबलपुर को एक बार फिर से देश में सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता के रूप में स्थापित किया है. किसान और व्यापारी, दोनों ही, इस वर्ष के कारोबार से बेहद संतुष्ट हैं. जबलपुर मंडी न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बना रही है, बल्कि पूरे देश में हरे मटर की मांग को भी पूरा कर रही है.
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