मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के गढ़ा गुल्लौआ क्षेत्र में दशहरा उत्सव के दौरान शुक्रवार देर रात बड़ा हादसा हुआ. यहां दशहरा जुलूस देखने आए लोगों पर अचानक एक पंडाल गिर गया. इस हादसे में 32 वर्षीय श्वेता वर्मा की मौत हो गई, जबकि सात से अधिक लोग घायल हुए. घटना के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई. पुलिस और प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर घायलों को अस्पताल पहुंचाया, जहां कई की हालत गंभीर बताई जा रही है.
जबलपुर में हर साल दशहरे के दौरान जिलेभर में लगभग 1000 से अधिक दुर्गा पंडाल लगाए जाते हैं. दशहरे के बाद भी उपनगरीय क्षेत्रों में अलग-अलग दिन समारोह आयोजित किए जाते हैं. यही कारण है कि जबलपुर में सात दिनों तक दुर्गा विसर्जन जुलूस निकलते रहते हैं. गढ़ा गुल्लौआ में इसी दौरान यह दुखद हादसा हुआ.
मृतका के देवर शिवांशु श्रीवास्तव ने बताया कि उनकी भाभी अपने परिवार के साथ दशहरा जुलूस देखने गई थीं. तभी अचानक पंडाल गिरा और उनके सिर पर गंभीर चोट लगी. उन्होंने बताया कि भीड़ अधिक होने और रास्ता जाम रहने की वजह से श्वेता को अस्पताल ले जाने में काफी परेशानी हुई. एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंच पाई, जिससे स्थिति और बिगड़ गई. इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई.
हादसे का जिम्मेदार कौन?
एडिशनल एसपी जबलपुर सूर्यकांत शर्मा ने बताया कि हादसे की जांच की जा रही है. यह देखा जा रहा है कि पंडाल गिरने के पीछे किसकी लापरवाही जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. वहीं, आयोजन समिति के सदस्यों का कहना है कि पंडाल का निर्माण पूरी मजबूती से किया गया था, लेकिन अत्यधिक भीड़ और दबाव के चलते यह दुर्घटना कैसे हुई, यह समझ से बाहर है.
श्वेता वर्मा की अचानक मृत्यु से उनका परिवार गहरे सदमे में है. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. मोहल्ले और क्षेत्रीय लोगों ने भी गहरी संवेदनाएं व्यक्त की हैं. हादसे के बाद पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा शुरू कर दी है. अधिकारियों ने कहा कि भीड़भाड़ वाले इलाकों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे और पंडालों की संरचना की जांच की जाएगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं टाली जा सकें.
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