अशोकनगर के वेतवा किनारे 392 बीघा जमीन पर विकसित होगा औद्योगिक क्षेत्र, 81.940 हैक्टेयर भूमि इस विभाग को हैंडओवर

Ashoknagar News: अशोकनगर के मल्हारगढ़ में वेतवा किनारे जल्द 392 बीघा जमीन पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित होगा. दरअसल, बीना रिफायनरी के सटे 81.940 हैक्टेयर भूमि औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन विभाग को हैंडओवर किया गया है.

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Big industry in Ashoknagar: अशोकनगर जिले में बड़ा उद्योग लगने की संभावना है. इसकी तैयारी करते हुए प्रशासन ने बीना रिफायनरी से लगे हुए मल्हारगढ़ क्षेत्र में वेतवा नदी के किनारे औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन विभाग को 292 बीघा जमीन न केवल अलॉट की है, बल्कि बुधवार को राजस्व विभाग के एक विशेष दल ने उसका सीमांकन कराकर एमपीआईडीसी को हैंडओवर भी करा दी है.

उपयंत्री शाहरुख खान ने बताया कि अभी जमीन का सीमांकन कराया है. किसी बड़ी कम्पनी का इंतजार कर रहे हैं. उम्मीद है कि जल्द ही कोई बड़ा प्रोजेक्ट यहां आएगा. यदि कोई बड़ी कम्पनी नहीं आई तो यहां औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जाएगा और छोटी-छोटी फैक्ट्री के लिए प्लॉट अलॉट किए जाएंगे. 

वेतवा का जलस्तर व रिफायनरी से बड़ी उम्मीद

देखा जाए तो जहां प्रशासन ने यह जमीन औद्योगिक विकास के लिए चिन्हित किया गया है. वहां जल्द ही कोई बड़ा उद्योग लगाने के लिए कोई कम्पनी यहां पहुंचेगी, क्योंकि वेतवा के दूसरे छोर पर सागर जिले में बीना रिफायनरी स्थित है. साथ ही दूसरी बड़ी फैक्ट्री का काम चल रहा है. जिसका शिलान्यास बीते साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था.

अब अशोकनगर जिले में रिफायनरी के दूसरी ओर औद्योगिक क्षेत्र के लिए 392 बीघा जमीन अलॉट करने के बाद एक उम्मीद जागी है कि वर्षो से अशोकनगर जिले को जो उम्मीद थी वो आने वाले समय में पूरी होने वाली है, क्योंकि जहां ये जमीन आवंटित की गई है... वहां वेतवा नदी में भरपूर पानी है. किसी भी बड़े उद्योग के लिए सबसे बड़ी जरूरत पानी का पर्याप्त भंडारण होना आवश्यक रहता है. यहां 12 महीने वेतवा में पानी का भराव रहता है.

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25 तारीख की ग्वालियर समिट व सीएम के प्लान से उम्मीद

एमपीआईडीसी के उपयंत्री शाहरुख खान ने बताया कि 25 दिसंबर को ग्वालियर में समिट है, जिसमें गृहमंत्री अमित शाह भी शामिल हो रहें हैं. ऐसे में उम्मीद कर रहें हैं कि इस समिट के दौरान किसी निवेशक का ध्यान इस क्षेत्र की ओर जाएगा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव की नीति के चलते लगातार प्रदेश में कम्पनियां और उद्योगपति निवेश कर रहे हैं. 

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