Indore News: दो पुलिस वाले बस चालक से 14 लाख रुपए से भरा बैग लेकर हो गए थे फरार, विभाग ने दी ऐसी सजा

Madhya Pradesh Police: आरक्षक योगेश सिंह चौहान और दीपक यादव को सूचना मिली थी कि इंदौर से अहमदाबाद जा रही है बस में एक पार्सल में नोट भरे हुए हैं. 23 दिसंबर को इन दोनों आरक्षों ने बस को रोका और ड्राइवर नरेंद्र तिवारी से वह पार्सल ले लिया, जिसमें 14 लख रुपए रखे हुए थे. दोनों ने बस चालक से कहा कि यह पार्सल जप्त कर थाने पर जांच की जाएगी, लेकिन अपस में ही बांट लिया.

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MP Police News: पुलिस के दो आरक्षकों ने जांच के नाम पर एक बस के ड्राइवर से 14 लाख रुपए से भरा बैग जब्त कर लिया था, लेकिन नोटों से भरा यह बैग थाने ले जाने के बजाय आरक्षकों ने अपने पास रख लिया और  रुपए आपस में बांट लिए. पुलिस (MP Police) ने दोनों आरक्षकों को जांच के बाद गिरफ्तार कर लिया है.

ऐसे कब्जे में लिया नोटों से भरा पार्सल

आरक्षक योगेश सिंह चौहान और दीपक यादव को सूचना मिली थी कि इंदौर से अहमदाबाद जा रही है बस में एक पार्सल में नोट भरे हुए हैं. 23 दिसंबर को इन दोनों आरक्षों ने बस को रोका और ड्राइवर नरेंद्र तिवारी से वह पार्सल ले लिया, जिसमें 14 लख रुपए रखे हुए थे. दोनों ने बस चालक से कहा कि यह पार्सल जप्त कर थाने पर जांच की जाएगी.

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पार्सल के मालिक ने दर्ज कराई शिकायत

 इस पूरे मामले को लेकर पार्सल भेजने वाले इंदौर निवासी अंकित जैन ने बस के चालक नरेंद्र तिवारी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने शिकायत में बताया कि उसने अहमदाबाद में कन्हैयालाल पटेल के लिए पार्सल भेजा था, जिसे ड्राइवर ने वहां नहीं पहुंचाया. उनकी शिकायत पर जब चंदन नगर पुलिस थाने के निरीक्षक इंद्रमणि पटेल ने मामले की जांच शुरू की, तो पुलिस वालों की करतूत सामने आ गई.

ऐसे पकड़ में आए पुलिसवाले 

दरअसल, पुलिस ने जब चालक नरेंद्र तिवारी से पार्सल के बारे में पूछताछ की, तो उसने बताया कि यह दो पुलिसकर्मियों ने उनसे पार्सल छीन लिया था. इसके बाद पुलिस ने मामले की सच्चाई जानने के लिए पूरे स्टाफ को थाने पर बुलाकर उनकी परेड कराई. परेड में चालक ने दोनों आरक्षकों को पहचान लिया, जिनकी पहचान आरक्षक योगेश सिंह चौहान और दीपक यादव के रूप में हुई थी. इसके बाद दोनों की वर्दी उतरवाई गई. इसके बाद दोनों के खिलाफ लूट की धाराओं में एफआईआर दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया.

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पुलिस ने बड़ी सावधानी से की जांच

पुलिस ने इस मामले में जांच काफी बारीकी से की. पुलिस ने उस वक्त बस में जो लोग सवार थे, उनसे भी पूछताछ की, जिसमें एक महिला यात्री ने भी दोनों पुलिस आरक्षकों की ओर से उस दिन बस में जांच किए जाने की बात कही और दोनों आरक्षकों को महिला यात्री ने भी पहचान लिया था. जब दोनों आरक्षकों की करतूतों का राज खुल गया. हालांकि, इसके बाद भी वे दोनों अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार करते रहे, लेकिन बाद में उन्होंने अपनी गलती स्वीकार कर ली. इसके बाद पूरे मामले की जानकारी पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर को दी गई थी. पुलिस कमिश्नर ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए. जिसके बाद चंदन नगर पुलिस ने इस मामले में दोनों आरोपी पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें बर्खास्त कर दिया है.

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जिसके पैसे थे, वह सामने नहीं आता, तो नहीं खुलता मामला

14 लख रुपए अहमदाबाद भेजने वाले अंकित जैन अगर इस मामले में सामने नहीं आते, तो मामला खुल नहीं पाता. शायद आरक्षकों ने यही सोचा होगा कि दो नंबर के रुपए हैं. इसलिए रुपए का मालिक सामने आएगा ही नहीं. लिहाजा, उन्होंने रुपए को थाने में जमा कराने के बजाय आपस में बांट लिया. फरियादी ने  तो बस चालक की शिकायत की थी, लेकिन पुलिस ने जांच में पाया कि इस लूट के आरोपी पुलिस आरक्षक हैं.


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14 लाख रुपए का हिसाब भी देना होगा

14 लाख रुपए बस के माध्यम से अहमदाबाद भेजने वाले अंकित जैन को इन रुपयो का हिसाब जीएसटी विभाग को देना होगा, जिसके बाद यह रुपए उसे मिल पाएंगे.पुलिस ने रुपए को जब्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी है. रुपए जब्त होने के बाद उन्हें इसका हिसाब देना होगा और फिर यह राशि फरियादी को मिल सकेगी.

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