पैरेंट्स ने मोबाइल और टीवी के इस्तेमाल से रोका तो बच्चों ने दर्ज करा दी FIR, अब कोर्ट ने सुनाया ये फैसला

Indore News: मध्य प्रदेश के इंदौर से एक हैरान करने वाली खबर है, बता दें, यहां बच्चों ने अपने माता-पिता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. क्योंकि वो बच्चों को मोबाइल और टीवी के इस्तेमाल से मना कर रहे थे...

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पैरेंट्स ने मोबाइल और टीवी के इस्तेमाल से रोका तो बच्चों ने दर्ज करा दी FIR,कोर्ट ने सुनाया ये फैसला.

MP News In Hindi: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर (Indore) से चौंकाने वाली खबर है. यहां माता-पिता पर उनके ही बच्चों द्वारा केस दर्ज कराया गया. बच्चों ने अभिभावकों पर टीवी और मोबाइल नहीं चलाने देने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी, दोनों ही बच्चे पारिवारिक विवाद के चलते अपनी बुआ के साथ रह रहे हैं. बुआ के साथ रहते हुए 6 माह पूरे होने के बाद यह एफआईआर दर्ज कराई गई थी.  

कोर्ट ने इस मामले पर स्टे लगा दिया

इस मामले में जब चंदन नगर पुलिस ने चालान पेश कर दिया, तो माता-पिता ने ट्रायल चलने से पहले ही हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ की शरण ली थी. इस मामले में कोर्ट ने स्टे दे दिया.

उच्च न्यायालय इंदौर द्वारा प्रकरण क्रमांक एम.सी.आर.सी. 30535/2022 अजय चौहान विरुद्ध थाना चंदन नगर में सुनवाई करते हुए बुधवार को स्टे लगा दिया. पिटिशनर के अधिवक्ता धर्मेंद्र चौधरी ( सेवानिवृत्ति आईपीएस) के तर्कों से सहमत होते हुए जिला न्यायालय में चल रहे प्रकरण में रोक लगा दी. धर्मेंद्र चौधरी अधिवक्ता ने बताया कि 25/10/2021 को थाना चंदन नगर पुलिस ने 8 वर्षीय बालक एवं उसकी बहन उम्र 21 वर्ष द्वारा अपने पिता  अजय चौहान व माता  सीमा चौहान के विरुद्ध मारपीट करने एवं प्रताड़ित करने की शिकायत की थी.

थाना चंदन नगर में दर्ज की थी शिकायत

बच्चों ने बताया था कि माता-पिता मोबाइल पर बात भी नहीं करने देते. इस शिकायत पर थाना चंदन नगर पुलिस थाने में अपराध क्रमांक 870/2021 धारा 342, 294, 323, 506 आईपीसी भारतीय दंड विधान एवं 75, 82 जेजे. एक्ट के तहत केस दर्ज किया था. बच्चों ने माता-पिता पर मारपीट करने का भी आरोप लगाया था.

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इनके बीच पारिवारिक विवाद चल रहा

मिली जानकारी के अनुसार शिकायत के पूर्व से ही दोनों बच्चे अपनी बुआ के साथ रह रहे थे. अधिवक्ता ने बताया कि अजय चौहान और उनकी बहन के बीच पारिवारिक विवाद चल रहा था. इस मामले में बच्चे बुआ के पक्ष में थे. थाना चंदन नगर ने विवेचना पूरी कर चालान न्यायालय पेश किया था. बीते 25 जुलाई को जिला न्यायालय में इस केस की सुनवाई हुई थी. उच्च न्यायालय ने इस प्रकरण में अधिवक्ता धर्मेंद्र चौधरी के तर्कों से सहमत होते हुए ट्रायल पर रोक लगा दी.

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