'राहुल गांधी अगर लाल किताब को...' इंदौर के मेयर की कांग्रेस नेता को खुली चुनौती

Indore Mayor Pushyamitra Bhargav: इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव को वन नेशन वन इलेक्शन के लिए मध्य प्रदेश टोली का सह संयोजक बनाया है. वहीं, उन्होंने राहुल गांधी को चुनौती दी है कि वह संविधान पर उनसे बहस कर सकते हैं.

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Indore News: इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने मीडिया को संबोधित करते हुए कई बातें रखी. एक तरफ अपनी नई जिम्मेदारी के बारे में बताया, जिसमें भार्गव को वन नेशन वन इलेक्शन (One Nation One Election) के लिए मध्य प्रदेश टोली का सह संयोजक बनाया गया है. वहीं, दूसरी तरफ 27 जनवरी को कांग्रेस द्वारा इंदौर के पास महू में निकाली जाने वाली यात्रा को लेकर महापौर ने राहुल गांधी को खुली चुनौती दी.

क्या बोले महापौर

महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पैसे, समय और विकास को तेज गति से आगे बढ़ाने के लिए देश में वन नेशन वन इलेक्शन (ONOE) का बिल पार्लियामेंट में रखा और अभी इसको जॉइंट पार्लियामेंट्री कमिटी (JPC) में भेजा है. देशभर से लोगों से ONOE को लेकर सुझाव मांगे हैं और वह कैसे लागू हो, इसको लेकर लोगों को जागरूक भी करेंगे.

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महापौर (Indore Mayor) ने कहा कि उसपर बातचीत करने के लिए मध्य प्रदेश की कमेटी में मुझे रखा है तो हम सब मिलकर मध्य प्रदेश में वन नेशन वन इलेक्शन से क्या फायदे हैं, जिसके बारे में लोगों को बताएंगे. साथ ही वन नेशन वन इलेक्शन पर लोगों का भी पक्ष जानेंगे.

राहुल गांधी और कांग्रेस नेताओं को दी खुली चुनौती

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी इंदौर आ रहे हैं, उनका स्वागत है. लेकिन वह जिस उद्देश्य से आ रहे हैं, वह पूरा नहीं हो ऐसी मेरी कामना है. क्योंकि वह संविधान के नाम पर देश को तोड़ने का काम कर रहे हैं. देश को वर्गों में बांटने का काम कर रहे हैं और वह भी तब कर रहे हैं, जब वह सही अर्थों में संविधान के भाव को समझते नहीं हैं.

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अगर लाल किताब को पढ़ लेते राहुल गांधी

महापौर ने ये भी कहा कि संविधान की किताब तो वह अपने हाथ में लेकर घूमते हैं, लेकिन उसके अंदर क्या लिखा है और उसको सही अर्थों में लागू करवाने का काम जिन लोगों ने किया है, वह देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं. जब अटल बिहारी वाजपेई इस देश के प्रधानमंत्री थे, उस समय में संविधान की मूल भावना के आधार पर काम हुआ.

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जो लाल किताब राहुल गांधी के हाथ में रहती है, अगर उसको वह सही अर्थों में पढ़ते तो उसके प्रीफेस में लेखक ने लिखा है कि इमरजेंसी जैसा काला काल इस देश में दोबारा ना आए तो ही संविधान की रक्षा हो सकती है. और वह किस के समय में आया था कि हम सब जानते हैं.

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राहुल गांधी बताएं, संविधान क्या है खतरा

राहुल गांधी एक बार संविधान को पढ़ें, उसकी मूल भावनाओं को समझें और अगर उनको नहीं समझ में आ रहा है तो मैं उनको चुनौती भी दे रहा हूं कि देश के संविधान के बेसिक स्ट्रक्चर पर लोगों से बात करें. यह असंभव है कि संविधान की मूल भावना से कोई छेड़खानी कर सकता है. अगर उनको इतनी समझ है तो वह इस देश को बांटने का काम न करें. महू में निकाली जा रही यात्रा पर उन्होंने कहा पहले राहुल गांधी यह बताएं कि संविधान को खतरा क्या है, उस पर बहस करें और मैं खुली बहस के लिए तैयार हूं.

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