Indore Factory Fire: मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के राऊ क्षेत्र के केट रोड स्थित एक केमिकल फैक्ट्री में शनिवार शाम आग लगने से हड़कंप मच गया था. आग इतनी भयानक थी कि दो महिलाएं (रामकली और ज्योति) इसकी लपटों में फंसकर जिंदा जल गईं. स्थानीय लोगों ने आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन केमिकल की वजह से आग तेजी से फैलती चली गई.
हादसे के बाद पुलिस ने मौके का मुआयना किया और फैक्ट्री के कर्मचारियों से पूछताछ की. शुरुआती जांच में पता चला कि फैक्ट्री में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं थे. न ही आग बुझाने के उपकरण सही हालत में थे. इसी लापरवाही को देखते हुए पुलिस ने मंगलवार रात कंपनी के संचालक कमल गिद्वानी और सुनील गिद्वानी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. अब दोनों पर आपराधिक लापरवाही का केस चलाया जाएगा.
क्राइम ब्रांच ने दी जानकारी
इंदौर क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि यह घटना “स्वस्तिक एंटरप्राइजेज” नाम की केमिकल फैक्ट्री में हुई थी. पुलिस ने पहले इस पर मर्ग कायम कर जांच शुरू की थी. जांच पूरी होने के बाद यह साफ हो गया कि फैक्ट्री प्रबंधन ने सुरक्षा मानकों की अनदेखी की थी, जिसके कारण यह बड़ा हादसा हुआ.
मुख्यमंत्री ने दी आर्थिक सहायता
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया. उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि ऐसी घटनाओं से सबक लेते हुए प्रशासन को उद्योग क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था और सख्त करनी होगी.
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कैसे लगी थी आग?
इंदौर जोन-1 के डीसीपी कृष्ण लालचंदानी ने बताया कि हादसा शाम करीब साढ़े छह बजे हुआ था. उस दिन देवउठनी एकादशी पर फैक्ट्री के अंदर पूजा चल रही थी. पूजा के दौरान दीपक जलाया गया था, जिसके पास ही थिनर रखा हुआ था. थिनर में आग पकड़ने से पूरा इलाका आग की चपेट में आ गया. कुछ ही मिनटों में फैक्ट्री धुएं और लपटों से भर गई, जिससे दो महिलाओं की जान चली गई.
लापरवाही बनी हादसे की वजह
प्रारंभिक जांच में यह साफ हुआ है कि अगर फैक्ट्री में अग्निशमन यंत्र और सेफ्टी अलार्म जैसी सुविधाएं होतीं, तो शायद दो मासूम जिंदगियां बचाई जा सकती थीं. पुलिस अब इस मामले की आगे की जांच कर रही है ताकि यह तय किया जा सके कि फैक्ट्री संचालन से जुड़ी और कौन-कौन सी लापरवाहियां बरती गई थीं.
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