इंदौर दूषित पानी कांड: 10 मौतें और परिवारों की दर्दनाक कहानियां, 5 माह का चिराग भी बुझा, कई नहीं पहुंच पाए थे अस्पताल

Indore Bhagirathpura Water Contamination Death: परिवार में 10 साल बाद खुशियां लेकर आया अव्यान साहू को क्या पता था कि उसकी जिंदगी शुरू होने से पहले ही खत्म हो जाएगी. मां को दूध पिलाने में परेशानी होती तो वह बच्चे को पैकेट वाला दूध पानी मिलाकर पिलाती थी, लेकिन क्या पता था कि वह जो मिला रही है वह पानी नहीं जहर है.

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उर्मिला यादव, अव्यान साहू और सीमा प्रजापत (मृतक फाइल फोटो)

Indore Contaminated Water Incident: इंदौर में भागीरथपुरा क्षेत्र के लोग भी नए साल का जश्न मनाने को तैयार थे, लेकिन अब यहां कई परिवार मातम में डूब गए हैं. प्रशासन की लापरवाही की वजह से घरों में पहुंचे जहरीले पानी ने कई जिंदगियों को निगल लिया. इनके अलावा 100 से ज्यादा लोग गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं. दूषित पानी ने कई परिवार बर्बाद कर दिए हैं, लेकिन 5 महीने के बच्चे की मौत के पीछे की दर्दनाक कहानी जान आपका कलेजा फट जाएगा. भागीरथपुरा क्षेत्र के ही नई बस्ती मराठी मोहल्ले में नवजात बच्चे अव्यान साहू की भी जान गई है, जो सिर्फ 5 माह 20 दिन का था.

अस्पताल में बुधवार शाम को मरीजों से मिलने पहुंचे सीएम डॉ मोहन यादव

अव्यान 10 साल बाद परिवार में खुशियां लेकर आया था. पिता एक निजी कुरियर कंपनी में काम करते हैं. 5 महीने पहले जब बच्चे की किलकारी गूंजी तो घर में जश्न का माहौल था. बच्चे की बड़ी बहन (उम्र 10) उसे खूब गोद में खिलाती थी. मां को दूध पिलाने में समस्या होती थी, इसलिए वह अव्यान को डिब्बे वाला दूध पिलाती थी, लेकिन उस दूध में पानी मिलाना पड़ता था. अब मां को क्या पता था कि वह अपने जिगर के टुकड़े को दूध नहीं, बल्कि 'जहर' पिला रही है. अब उसी पानी की वजह से अव्यान की तबीयत खराब हो गई, जिससे उसको उल्टी-दस्त होने लगीं. इससे उसकी 28 दिसंबर को मौत हो गई. दादी अपने पोते का चेहरा देखने के लिए फफक-फफककर रो रही हैं.

नंदलाल पाल

कोई घर पर था अकेला तो कोई नहीं पहुंच पाया अस्पताल

  1. भागीरथपुराा में 50 साल की सीमा यादव की मौत हो गई. परिवार मजदूरी करके पेट भरता था. जब वह बीमार हुईं तो परिजन उन्हें लेकर अस्पताल तक भी नहीं पहुंचे थे, इससे पहले ही उन्होंने रास्ते में दम तोड़ दिया था.
  2. 70 साल के नंदलाल पाल रेलवे से रिटायर्ड हुए थे. भागीरथपुराा में अपने बेटे के साथ रहते थे. बेटा काम के सिलसिले में बाहर गया हुआ था. जिस वक्त उनकी तबीयत बिगड़ी तब वह घर में अकेले थे. एक दिन अस्पताल में जूझते रहे, अगले दिन सुबह मौत हो गई.
  3. इसके अलावा 28 दिसंबर को ही पुलिस चौकी के पास रहने वाले परिवार में बुजुर्ग जीवनलाल बरेडे की मौत हो गई. जहरीले पानी पीने से उनके पेट में दर्द हुआ और उल्टी-दस्त की शिकायत हुई, लेकिन जहरीले पानी से इनकी मौत की पुष्टि प्रशासन ने नहीं की है.
  4. उर्मिला यादव बिल्कुल ठीक-ठाक थीं. 11 महीने पहले घर में खुशियां आई थी. बेटे की शादी के 15 साल बाद पोता हुआ, लेकिन अफसोस उसके साथ कुछ महीने ही खेल पाईं. दूषित पानी पीने से उनकी भी मौत हो गई. बेटे का आरोप है कि कोई देखने नहीं आया. अस्पताल में 40000 का बिल बना है वो भी कर्ज लेकर भरा है.

मृतकों में ये हैं शामिल, सिर्फ 7 की आधिकारिक पुष्टि

  1. नन्दलाल (70)
  2. उर्मिला (60)
  3. तारा (65)
  4. गोमती रावत
  5. अव्यान साहू (5 माह)
  6. जीवनलाल बरेडे
  7. सीमा प्रजापत
  8. नन्दलाल पाल
  9. उर्मिला यादव
  10. सीमा यादव (50)

भागीरथपुरा क्षेत्र में कहां से पहुंचा जहर

भागीरथपुराा इलाका विधानसभा क्षेत्र इंदौर-1 में आता है, जहां से कुछ कैलाश विजयवर्गीय विधायक हैं. जांच में भागीरथपुराा की मुख्य जलापूर्ति लाइन में गंभीर लीकेज पाया गया है. इसी लीकेज के जरिए घरों तक ‘जहर' पहुंचा, जिससे लोगों की जान पर बन आई. इंदौर नगर निगम के कर्मचारियों ने मंगलवार देर शाम चौकी से लगे सार्वजनिक शौचालय के नीचे जलापूर्ति की मुख्य पाइपलाइन में लीकेज का पता लगाया था. अधिकारियों के अनुसार, इसी स्थान से गंदा पानी पाइपलाइन में मिल रहा था. फिलहाल क्षेत्र में जलापूर्ति को लेकर आवश्यक एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं. 

घरों का किया जा रहा सर्वे

11 मरीज अब भी अस्पताल में भर्ती है, जबकि 18 मरीज स्वस्थ होकर अपने घर लौट चुके हैं. प्रशासन की ओर से भागीरथपुराा क्षेत्र के 2703 घरों का सर्वे किया गया है, जिनमें 12000 लोगों की जांच हुई है. 1146 मरीजों का मौके पर ही प्राथमिक उपचार किया गया.

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देश के सबसे साफ शहर में ऐसा कैसे हुआ

भागीरथपुराा की हर गली में गंदगी पसरी हुई है. यकीन नहीं होता कि देश का सबसे साफ शहर है. किसी भी घर में चले जाइए नल से गंदा पानी निकाल कर दिखाते हैं जो अभी भी बह रहा है.