IGNTU Amarkantak : फूड प्वाइजनिंग के बड़े मामले पर NDTV की खबर का असर, जायजा लेने पहुंचे SDM

Indira Gandhi National Tribal University : इंदिरा गांधी नेशनल ट्राइबल यूनिवर्सिटी अमरकंटक में लगभग 120 स्टूडेंट्स फूड प्वाइजनिंग का बीते दिन शिकार हुए थे. इसके बाद से विवि. में हड़कंप मच गया. NDTV ने इस मुद्दे को उठाया, तो प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया. मंगलवार को SDM मौके पर पहुंचकर जायजा लिया है.

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IGNTU Food Poisoning Case  :  इंदिरा गांधी नेशनल ट्राइबल यूनिवर्सिटी अमरकंटक में लगभग 120 स्टूडेंट्स  फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गए थे. इस मामले के बाद जिला प्रशासन हरकत में आ गया. NDTV ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया. इसके बाद से प्रशासन की टीम एक्शन मोड में आ गई. वहीं, इंदिरा गांधी नेशनल ट्राइबल यूनिवर्सिटी का जायजा लेने मंगलवार को जिले के पुष्पराजगढ़ SDM महिपाल सिंह गुर्जर पहुंचे. इसके बाद से विवि. समेत ये खबर अनूपपुर जिले में फैल गई.

जांच कमेटी गठन करने की SDM ने कही बात

एसडीएम ने बीमार छात्राओं से की मुलाकात कर वास्तविकता की जांच की. पीड़ित छात्रों से संवाद करके जानकारी जुटाई. पीड़ित छात्राओं ने इस दौरान एसडीएम से बताया कि खराब खाने की वजह से ऐसी हालत हुई है.वहीं, छात्रावास में पानी का फिल्टर भी खराब चल रहा है कई दिनों से.  ऐसी लापरवाही सामने आने के बाद विवि. एडमिनिस्ट्रेशन के कार्यप्रणाली पर SDM पुष्पराजगढ़ ने नाराजगी जाहिर की है.  SDM ने जांच कमेटी का गठन कर दोषियों पर कार्रवाई की बात कही है. 

'सिरदर्द, पेट दर्द और उल्टी की समस्या हुई थी' 

कुछ छात्रों के अनुसार, सोमवार को छात्रावास के मेस में रात्रि भोजन करने के बाद उन्हें सिरदर्द, पेट दर्द और उल्टी की समस्या हुई. छात्रों ने बताया कि उन्होंने रात के भोजन में आलू और फूलगोभी की सब्जी, चावल, रोटी और दाल खाई थी. रात करीब 11 बजे उनमें से कई छात्राएं बीमार पड़ने लगी. कुछ छात्रों ने दावा किया कि आलू की सब्जी के कारण उनकी तबीयत खराब हुई.छात्रों ने बताया कि उन्हें विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया.

जानें क्या बोले विवि के कार्यवाहक VC और जनसंपर्क अधिकारी 

विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति डॉ. ब्योमकेश त्रिपाठी ने कहा कि संस्थान के स्वास्थ्य केंद्र में उपचार के बाद छात्र अपने कमरों में लौट गए.. संस्थान के जनसंपर्क अधिकारी रजनीश त्रिपाठी ने एक बयान में कहा, 'यह खाद्य संक्रमण का मामला है. किसी को भी विश्वविद्यालय के बाहर उपचार के लिए नहीं भेजा गया.' 

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