Indian Railways Bedroll: यात्रियों को मिलेगा अब और साफ-सुथरा बिस्तर, भोपाल में हर दिन इतने हजार लिनन की होती है धुलाई

Indian Railways Bedroll: भोपाल रेल मंडल के अधिकारियों ने बताया कि ट्रेनों में अब यात्रियों को साफ-सुथरी और मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री से धुले हुए कंबल और चादर उपलब्ध हो रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने सफाई की पूरी प्रक्रिया भी समझायी.

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Indian Railways Bedroll Cleaning: भारतीय रेलवे (Indian Railways) अपने यात्रियों को स्वच्छ और उच्च गुणवत्ता के बेडरोल (Railway Bedroll) देने के मामले में इन दिनों चर्चा में है. वहीं भोपाल रेल मंडल (Bhopal Railway Division) की ओर से बताया गया है कि पश्चिम मध्य रेलवे के भोपाल मंडल में संचालित होने वाली सभी वातानुकूलित ट्रेनों (AC Train) में यात्रियों को साफ, स्वच्छ और उच्च गुणवत्ता वाले बेडरोल प्रदान किए जा रहे हैं. सभी चादरों और पिलो कवर को प्रत्येक उपयोग के बाद मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री में धुलाई और इस्त्री (प्रेस) की जाती है ताकि यात्रियों को स्वच्छ बेडरोल देकर उनकी आरामदायक, हाइजीनिक और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित की जा सके.

अधिकारियों का क्या कहना है?

भोपाल मंडल के मंडल रेल प्रबंधक (DRM) देवाशीष त्रिपाठी ने कहा, "हम अपने यात्रियों को सर्वोत्तम सुविधाएं प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं. स्वच्छ और उच्च गुणवत्ता वाले लिनन की आपूर्ति हमारी प्राथमिकताओं में से एक है." भोपाल मंडल पर्यावरण के प्रति जागरूक है. जल संरक्षण के लिए आधुनिक वॉटर रीसाइकलिंग सिस्टम (ETP) का उपयोग किया जाता है और बायोडिग्रेडेबल डिटर्जेंट्स का प्रयोग किया जाता है जो पर्यावरण के लिए हानिकारक नहीं हैं.

लिनन धुलाई की प्रक्रिया ऐसी है :

  • छंटाई और निरीक्षण: उपयोग किए गए लिनन को लॉन्ड्री में पहुंचने पर छांटा जाता है और किसी भी क्षतिग्रस्त या फटे हुए लिनन को अलग किया जाता है.
  • प्री-ट्रीटमेंट: दाग-धब्बों को हटाने के लिए लिनन पर प्री-ट्रीटमेंट किया जाता है. यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि धुलाई के बाद लिनन पूरी तरह से साफ हो.
  • स्वचालित धुलाई: लिनन को बड़े औद्योगिक वॉशिंग मशीनों में डाला जाता है, जहां उच्च गुणवत्ता वाले डिटर्जेंट और सैनेटाइज़र का उपयोग किया जाता है. पानी के तापमान और धुलाई के समय का विशेष ध्यान रखा जाता है ताकि बैक्टीरिया और विषाणुओं का नाश हो सके.
  • सुखाने की प्रक्रिया: धुले हुए लिनन को टंबल ड्रायर में सुखाया जाता है, जिससे अतिरिक्त सैनेटाइजेशन होता है.
  • प्रेसिंग और फोल्डिंग: सुखाने के बाद, लिनन को प्रेस किया जाता है और सही तरीके से पैकेजिंग साइज के अनुसार मोड़ा एवं पैक किया जाता है.
  • गुणवत्ता नियंत्रण: हर लिनन की स्वच्छता, सफेदी की जांच की जाती है एवं व्हाइट नेस मीटर द्वारा धुले हुए लिनेन की गुणवत्ता को जांच जाता ताकि उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके.
स्वच्छ और पैक किए गए लिनेन को फिर से ट्रेनों में भेजा जाता है. यहां इन्हें यात्रियों के उपयोग के लिए सेट किया जाता है, जिससे उन्हें स्वच्छ और आरामदायक अनुभव मिलता है.

इन ट्रेनों में की जाती है भोपाल मंडल से आपूर्ति

वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सौरभ कटारिया ने बताया कि वर्तमान में भोपाल मंडल में यात्रियों को लगभग 20 ट्रेनों में लिनन की आपूर्ति की जाती है. इन ट्रेनों में प्रमुख रूप से शान ए भोपाल एक्सप्रेस, हमसफर एक्सप्रेस, रीवांचल एक्सप्रेस, उर्जाधानी एक्सप्रेस, भोपाल-प्रतापगढ़ एक्सप्रेस, रानी कमलापति-अगरतला एक्सप्रेस, सहरसा एक्सप्रेस, भोपाल-रीवा एक्सप्रेस आदि शामिल हैं.

वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर आर पी खरे ने बताया, "हम स्वच्छता और हाइजीन पर विशेष ध्यान देते हैं और यात्रियों की संतुष्टि के लिए हर संभव कदम उठाते हैं."

यात्री लिनन से संबंधित किसी भी शिकायत या सुझाव के लिए रेल मदद पोर्टल का उपयोग कर सकते हैं. इन शिकायतों का त्वरित निवारण सुनिश्चित किया जाता है. इन सभी प्रयासों के माध्यम से भारतीय रेल यह सुनिश्चित कर रही है कि यात्रियों को यात्रा के दौरान साफ, स्वच्छ और आरामदायक लिनन मिले, जिससे उनकी यात्रा का अनुभव और भी सुखद हो सके.

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