Madhya Pradesh News: सरकार आदिवासी समाज के उत्थान के लिए दावा तो करती है, लेकिन ये दावे दबंगों के सामने ढांक के तीन पात साबित हो जाते हैं. आदिवासी समाज के लोग आजादी के 76 साल बाद भी खुली हवा में सांस नहीं ले पा रहे हैं, इसका ताजा उदाहारण है मैहर जिले (Maihar) का खजुरी ताल आश्रम का इलाका है. यहां पिछले कई दशकों से परिवार सहित रहने वाले सैकड़ों आदिवासियों का जीवन दबंग परिवारों की कृपा पर निर्भर हैं. ये जब चाहते हैं तभी इन परिवारों का हुक्का-पानी बंद कर देते हैं.
चार दिन से गुजार रहे हैं बेबसी की जीवन
पिछले चार दिनों से यहां का आदिवासी समाज बेबसी का जीवन गुजार रहा है. वह चाहकर भी इन दबंगों का कुछ नहीं कर पा रहा है क्योंकि इनके हितरक्षक प्रशासनिक अधिकारी और नेताओं को ना तो कुछ दिखाई देता है और ना ही सुनाई देता है. इसी बात का नाजायज फायदा उठाते हुए दबंगों ने आम निस्तार के रास्ते और पानी की टंकी के चारो ओर अपनी तार फेंसिंग कर दी. जिससे ना तो यह लोग बाहर निकल पा रहे और ना ही उन्हें पीने का पानी मिल रहा है. लोकतांत्रिक देश में इस तरह की घटना होना अपने आप में ही बड़ा शर्मनाक है.
100 साल पहले थी एक हरिजन बस्ती
यहां का आलम यह है कि पिछले चार दिनों से लगभग सैकड़ों परिवार कैद का जीवन गुजार रहे हैं. उनके पशुधन भी भूख और प्यास से मर रहे हैं. बताया जा रहा है कि मैहर के अमरपाटन विकासखंड की ग्राम पंचायत इटमा का खजुरी ताल गांव है, जिसे प्रसिद्ध मंदिर के लिए जाना जाता है. यहां पर करीब 100 साल पहले एक हरिजन बस्ती भी बसी थी, जिसमें डेढ़ सौ परिवार रहते हैं. इनका गुजर बसर मंदिर से लगी जमीनों पर हो रहा था. अब तक सब कुछ सही था, लेकिन पिछले कुछ समय से हरिजन बस्ती के लोग गांव के कुछ दबंगों को खटकने लगे और खजुरी ताल आश्रम के गुर्गों ने सरकारी पानी की टंकी और आम रास्ते पर तार जाली लगाकर अतिक्रमण कर लिया. स्थिति यह है कि बाउंड्री के अंदर हरिजन परिवारों के द्वारा पाली गईं बकरियां भूख-प्यास से बेहाल हैं. पिछले चार दिनों से उन्हें ना दाना मिला और ना पानी नसीब हो सका है.
हो सकता है बड़ा विवाद
विश्राम साकेत ने चर्चा के दौरान बताया कि हरिजन बस्ती के लोग एक चौड़ी मेड़ का उपयोग कर मुख्य सड़क मार्ग में जाते-आते थे. खजूरी धाम के लोगों के द्वारा रास्ता बंद कर दिया गया जिससे अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों के लिए संकट उत्पन्न हो गया है. सभी लोग लगभग पुस्तैनी तौर पर इस रास्ते का उपयोग करते चले आ रहे थे. अब चूंकि रास्ता बंद हो गया है, ऐसी स्थिति में विवाद एवं शान्ति भंग होने की संभावना है.
रामजानकी मंदिर की सम्पूर्ण जमीन आराजी नंबर 0-102,103,104,105 रकबा रामजानकी के नाम से अभिलेख में दर्ज है. जिसके कलेक्टर अध्यक्ष हैं, इसके अलावा गीता साकेत ने जानकारी देते हुए बताया कि दादा-परदादा के समय से यहां हरिजन बस्ती के लोग जीवन यापन कर रहे हैं. पूर्व सरपंच के द्वारा सरकारी बोर के साथ पानी की टंकी बनवाई गई थी. दो दिन पहले खजुरी ताल आश्रम के लोगों ने आकर तार बाउंड्री कर दी है. बाउंड्री के अंदर मवेशी बंधे हुए हैं जो भूख प्यास से मर रहे हैं.
जांच कर कार्रवाई करेंगे
मैहर जिले के अपर कलेक्टर शैलेंद्र सिंह ने कहा कि ग्राम इटमा खजुरी ताल के जनजाति समुदाय के लोगों ने कलेक्ट्रेट कार्यालय आकर शिकायती आवेदन दिया है. जिसमें उन्होंने बताया है कि स्थानीय आश्रम के लोगों ने आवागमन मार्ग और निस्तार की जमीन पर तार बाउंड्री कर अवरुद्ध कर दिया है. इसके बाद हमारे द्वारा अमरपाटन तहसीलदार को जांच करने के लिए बोला है. जांच के बाद न्याय उचित कार्रवाई की जाएगी.
ये भी पढ़ें Terror Of Stray Dogs: भोपाल में आवारा कुत्तों का आतंक, हर दिन 55 मरीज पहुंच रहे अस्पताल, अब सरकार ने उठाया बड़ा कदम
ये भी पढ़ें IIT इंदौर परिसर स्थित PM श्री केंद्रीय विद्यालय को 15 अगस्त को बम से उड़ाने की धमकी, आधिकारिक ई-मेल पर भेजी चेतावनी