MP News: मुक्तिधाम निर्माण की खुल गई पोल, शमशान घाट में ऐसे करना पड़ा अंतिम संस्कार

Ashoknagar News: मौत के बाद ग्रामीणों का अंतिम संस्कार व्यवस्थित तरीके से हो सके, इसके लिए प्रदेशभर में मुक्ति धाम बनाए गए थे. लेकिन अशोकनगर से एक ऐसा मामला आया है, जिसने मुक्ति धाम निर्माण की पोल खोल दी है. जानें कैसे?

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
MP News: मुक्तिधाम निर्माण में खुल गई पोल, शमशान घाट में ऐसे करना पड़ा अंतिम संस्कार.

MP News In Hindi: मध्य प्रदेश के अशोकनगर के मुंगावली जनपद से बड़ी खबर है. दरअसल ग्राम पंचायत बांसखेड़ी से जो तस्वीरें सामने आई हैं, वो सरकार के दावों की पोल खोलने वाली है. बता दें, यहां सालों पहले एक मुक्तिधाम बनाया गया था, जो कुछ ही दिनों में अपना वजूद खो दिया. वर्तामान में गांव में मुक्तिधाम तो है पर उसके ऊपर छत नहीं है. सिर्फ चार खंभे बस हैं, जिसकी वजह से लोगों को अंतिम संस्कार के कार्यक्रम के दौरान परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

मजबूरी में ग्रामीणों ने उठाया ये कदम

बांसखेड़ी पंचायत के प्याऊढाना गांव में रविवार को 90 वर्षीय प्रेम बाई की मृत्यु हो गई. इस बीच बारिश लगातार होती रही. मजबूरी में परिजनों को अंतिम संस्कार त्रिपाल के सहारे करना पड़ा. बारिश के कारण जब लगा कि दिक्कत हो सकती है, तो परिजनों त्रिपाल तान दी.क्योंकि कोई दूसरा विकल्प ही नहीं था. 

ये भी पढ़ें- जोरदार बारिश में बहे अफसर की अब मिली लाश,​​​ SECL​ खदान में जलभराव के हालात देखने पहुंचे थे अधिकारी

मुक्तिधाम में कोई व्यवस्था नहीं..

ग्रामीणों का कहना है कि बारिश के समय में उनको अंतिम संस्कार करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. क्योंकि मुक्तिधाम में कोई व्यवस्था नही है और सिर्फ टीनशेड के खम्भे खड़े है. यहां टीनशेड है ही नहीं, जिसके चलते यहां त्रिपाल और छाते के सहारे ही अंतिम संस्कार करना पड़ता है. अब देखना होगा क्या मुक्तिधाम निर्माण की जिम्मेदार अधिकारी जांच करेंगे की या फिर एक फाइल बनाकर जांच को ही दफन कर दिया जाएगा कागजो की भीड़ं में. 

Advertisement

ये भी पढ़ें- Paris Olympic: मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में भारत को दिलाया पहला मेडल, 10 मीटर एयर पिस्टल में जीता ये पदक

ये भी पढ़ें-  यहां सावन के चार दिनों में हुई 100 MM बारिश, ऐसे में धान की फसल का रकबा घटाना सही या गलत?

Advertisement