आवंटित दुकानों को अतिक्रमण बताकर कर दी कार्रवाई, तो लग गया 50 हजार रुपये का जुर्माना

Satna News: बस पड़ाव के पास आवंटित तौर पर दुकान लगाने वाले लोगों पर नगर निगम ने अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया था. मामला कोर्ट पहुंचा, जिसमें अब पीड़ित दुकानदारों के पक्ष में कोर्ट ने फैसला सुनाया है.

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सतना कोर्ट ने अतिक्रमण मामले में सुनाया फैसला (File Photo)

Atikraman Hatao in MP: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सतना (Satna) जिले से एक अनोखा मामला सामने आया है. यहां वैध रूप से स्थित दुकानों को अवैध और अतिक्रमण (Encroachment) बताते हुए इनके खिलाफ कार्रवाई कर दी गई. नगरीय क्षेत्र में स्थित परिवहन डिपो की जमीन पर दुकानों का संचालन कर आवंटियों को अतिक्रमण बताकर नगर निगम (Satna Nagar Nigam) ने हटा दिया. लेकिन, निगम को ये काम बहुत भारी पड़ा. मामला कोर्ट पहुंचा तो आदेश दुकान वालों के पक्ष में अहम फैसला देते हुए नगर निगम पर 50 हजार रुपये का जुर्माना ठोक दिया है. प्रथम व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खण्ड सतना के न्यायालय के तृतीय अतिरिक्त न्यायाधीश मीता पवार जंदेल ने जुर्माना लगाया. बता दें कि मामला 2017 का है, जिसमें कोर्ट ने अब जाकर फैसला सुनाया है.

नियम के खिलाफ हुई कार्रवाई

रिपोर्ट्स की मानें तो, नगर निगम में 30 अक्टूबर 2017 को नियम विरूद्ध अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की थी. जिसके बाद अनिता कोरी (32 वर्ष), जीतेन्द्र महेरोत्रा और अन्य लोगों ने मामले को लेकर कोर्ट का रुख किया था और न्याय के लिए आवेदन दिया था. इस मामले में एडवोकेट मोहम्मद ऐहतेशाम आमिर के द्वारा वादियों (पीड़ित पक्ष) के पक्ष में पैरवी की गई. जिसके बाद अदालत ने ताजुद्दीन सौदागर के पक्ष में अहम फैसला देते हुए क्षतिपूर्ति अदा करने के निर्देश दिए गए.

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क्या था पूरा मामला

ताजुद्दीन सहित अन्य लोग नगर निगम के आवंटन के बाद दुकानों का संचालन कर अपनी आजीविका चला रहे थे. इस बीच नगर निगम की अतिक्रमण शाखा ने सभी को जमीन खाली करने का निर्देश दिया. नोटिस के बाद भी जब कथित अतिक्रमणकारी नहीं हटे, तो उन्हें बलपूर्वक हटाने की कार्रवाई की गई. जिसके बाद आवंटियों के आश्रितों ने इस मामले में अदालत का दरवाजा खटखटाया. जिसके बाद कोर्ट ने अब कई सालों बाद मामले में फैसला सुनाया है.

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