Bhopal: मकान मालिक ध्यान दें! पुलिस को नहीं दी किरायेदार की जानकारी, तो मिल सकती है सजा 

Landlords of Bhopal: भोपाल समेत MP में किरायेदार और घरेलू नौकरों की वेरिफिकेशन पर अब सख्ती बढ़ने वाली है. पिछले दो महीनों में ऐसे कई अपराध हुए हैं, जिसमें किरायेदार या घरेलू नौकर शामिल रहा है. 

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New Rules for Tenant: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में लाखों किरायेदार रहते हैं. कई लोग ऐसे हैं, जो घरेलू कामकाज करते हैं. पुलिस लोगों से गुजारिश करती है कि किरायेदार (tenant) और घरेलू कामकाज करने वालों को वेरिफिकेशन करवाया जाए. लेकिन, अब इस मामले में पुलिस मुख्यालय का रवैया सख्त हो गया है. किरायेदारों और नौकरों की जानकारी पुलिस को नहीं देने वाले मकान मालिकों पर कार्रवाई की तैयारी कर रही है. भोपाल (Bhopal) समेत पूरे एमपी में पिछले दो महीने में ऐसे आधा दर्जन से ज्यादा अपराध हुए, जिसमें आरोपी किरायेदार या घरेलू नौकर रहा. लेकिन, पुलिस के पास उनका कोई रिकॉर्ड ही नहीं है... जबकि कानूनी रूप से ये बहुत जरूरी है.

किरायेदार की जानकारी देनी होगी जरूरी-कमिश्नर

पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी ने बताया कि नए प्रावधानों के तहत किरायेदार की जानकारी देनी होगी. किरायेदारों को लेकर हम हर स्तर पर काम कर है. उन्होंने कहा कि अब तक मकान मालिकों ने अपने किरायेदार की जानकारी देने में बहुत लापरवाही दिखाई है. लेकिन, अब ऐसा नहीं करने पर उचित कार्रवाई की जाएगी. अब ऐसा करने पर पांच हजार रुपये का जुर्माना होगा और 6 महीने की कैद होगी.

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पोर्टल पर अपडेट जानकारी

अपडेटेड नहीं है सिटीजन पोर्टल 

मध्य प्रदेश की आबादी 8 करोड़ से ज्यादा है. सिर्फ 16हजार मकान मालिकों ने अपने किरायेदारों की जानकारी सिटीजन पोर्टल पर अपलोड की है और घरेलू नौकरों की जानकारी महज़ 338 है. जबकि, अकेले भोपाल में डेढ़ लाख से ज्यादा किरायेदार रहते हैं. पुलिस कह रही है कि अब जानकारी नहीं देने पर जुर्माना और जेल दोनों हो सकती है.

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लापरवाही के कारण हो चुके हैं कई वारदात

केस 1 - हाल ही में भोपाल के शाहपुरा में डॉक्टर के घर रहने वाले नौकर और किराएदार ने 85 लाख नकदी और जेवर लूट लिये दोनों का पुलिस वेरिफिकेशन नहीं हुआ था.

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केस 2 - भोपाल के ही चूनाभट्टी इलाके में ड्राइवर ने एक शख्स के घर पर 25 लाख चुरा लिये उसका भी पुलिस वेरिफिकेशन नहीं हुआ था.

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लोगों ने दिया ये तर्क

उधर लोगों की अपनी दिक्कत है कहते हैं थाने में पुलिस का व्यवहार परेशान करने वाला है. ऑनलाइन पोर्टल पर तकनीकी दिक्कत आती है. खै़र, शिकवे-शिकायत के बीच एक हक़ीक़त ये भी है कि पुलिस को जानकारी मिले तो आम आदमी सुरक्षित रहेगा. फिलहाल लोग वेरिफिकेशन की जहमत नहीं उठा रहे. 

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