IAS Santosh Verma Remark: ब्राह्मणों की बेटी... वाले बयान पर बवाल जारी, IAS संतोष वर्मा के पुतले जलाए

IAS Santosh Verma Brahmin daughters Remark: आईएएस संतोष वर्मा के विवादित बयान पर सियासी तूफान, विरोध-प्रदर्शन तेज हो गया है. यह विवाद अब राजनीतिक रंग भी ले चुका है. सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक विरोध जारी है और अगले कुछ दिनों में इस प्रकरण पर सरकार की आधिकारिक कार्रवाई तय मानी जा रही है.

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IAS Santosh Verma News: मध्य प्रदेश के आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा के आरक्षण पर दिए गए विवादित बयान को लेकर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. जातीय टिप्पणी से जुड़े उनके कथित बयान का वीडियो सामने आने के बाद प्रदेश में सियासी और सामाजिक संगठनों का विरोध तेज हो गया है. विवाद बढ़ने के बाद मंगलवार शाम श्योपुर के जय स्तंभ चौक पर सर्व ब्राह्मण समाज ने आईएएस संतोष वर्मा का पुतला दहन किया. प्रदर्शन में सैकड़ों लोग शामिल हुए और विवादित टिप्पणी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि: एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी द्वारा ऐसी टिप्पणी करना असंवेदनशील और दुर्भाग्यपूर्ण है. यह सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने वाला कदम है. सरकार तुरंत उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करे. स्थानीय पुलिस बल मौके पर मौजूद रहा और कार्यक्रम शांतिपूर्वक संपन्न कराया गया.

क्या है मामला?

प्राप्त जानकारी के अनुसार, दो दिन पहले हुई अजाक्स (अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संघ) की राज्यस्तरीय बैठक में संतोष वर्मा को प्रदेश अध्यक्ष चुना गया था. इसी कार्यक्रम के दौरान आरक्षण और सामाजिक समानता पर बोलते हुए उन्होंने ऐसी टिप्पणी कर दी, जिसे लेकर भारी बवाल मचा हुआ है.

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के मुताबिक, वर्मा ने कथित तौर पर कहा था कि “आरक्षण तब तक जारी रहना चाहिए जब तक किसी ब्राह्मण परिवार की बेटी को उनका बेटा अपना जीवनसाथी न बना ले.” इसी संदर्भ में उन्होंने अनुचित और आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया, जिसे लेकर समुदायों में आक्रोश है.

समाज प्रतिनिधियों और विभिन्न संगठनों का कहना है कि संतोष वर्मा की टिप्पणी सरकारी सेवा आचार संहिता का सीधा उल्लंघन है. वर्मा पहले भी कई बार आपत्तिजनक बयानों को लेकर चर्चा में रह चुके हैं.

विवादों से पुराना नाता

2012 बैच के आईएएस संतोष वर्मा वर्तमान में कृषि विभाग में उपसचिव के पद पर तैनात हैं.
विवादों की लंबी सूची में शामिल हैं: जैसे- प्रमोशन के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार करने का आरोप, एक महिला की आधी रात गिरफ्तारी को लेकर सवाल, अजाक्स मंचों पर उग्र और भड़काऊ टिप्पणी. वहीं हाल के विवादित बयान के बाद विपक्ष और सामाजिक संगठनों ने उन्हें “संविधान-विरोधी बयान” देने का आरोप लगाया है.

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बयान पर माफी, लेकिन विरोध नहीं थमा

बवाल बढ़ने पर संतोष वर्मा ने सफाई और माफी जारी की है, लेकिन संगठनों का कहना है कि सिर्फ माफी से बात खत्म नहीं होगी. सवर्ण समाज, ब्राह्मण संगठनों और कई सामाजिक मंचों ने उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई, निलंबन, और पद से हटाने की मांग की है.

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