IAS को अनूठी विदाई: पालकी में होकर सवार चलीं सिवनी कलेक्टर संस्कृति जैन, 3 बार क्रैक की UPSC

IAS Sanskriti Jain: मध्य प्रदेश की आईएएस अधिकारी संस्कृति जैन को सिवनी से अनूठे अंदाज में विदा किया गया. अधिकारियों ने उन्हें उनकी बेटियों संग पालकी में बैठाकर विदा किया. 2015 बैच की संस्कृति जैन ने तीसरे प्रयास में UPSC में ऑल इंडिया रैंक 11 हासिल की थी. अब वे भोपाल नगर निगम की आयुक्त बनी हैं.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

IAS Sanskriti Jain: भारतीय प्रशासनिक सेवा में अफसरों के ट्रांसफर सामान्य प्रक्रिया होती है, लेकिन कभी-कभी यह पल भावनाओं से जुड़कर यादगार बन जाता है. कुछ ऐसा ही हुआ मध्य प्रदेश कैडर की आईएएस अधिकारी संस्कृति जैन के साथ, जिन्हें सिवनी जिले से अनूठे अंदाज में विदाई दी गई.

दरअसल, हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार ने 12 जिलों के कलेक्टरों का तबादला किया, जिनमें सिवनी कलेक्टर संस्कृति जैन का नाम भी शामिल था. 2015 बैच की यह अधिकारी लगभग एक वर्ष तक सिवनी में कलेक्टर रहीं. उनका तबादला आयुक्त, नगर पालिका निगम भोपाल तथा अपर प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (अतिरिक्त प्रभार) के रूप में किया गया है.

पालकी में होकर सवार मैं चली...

आईएएस संस्कृति जैन को विदाई एक अनूठे और भावुक अंदाज में दी गई. विदाई समारोह और पार्टी के बाद अधिकारियों व कर्मचारियों ने उन्हें पालकी में बैठाकर रवाना किया. इस दौरान उनकी दोनों बेटियां भी पालकी में साथ थीं. माहौल उस वक्त और भावुक हो गया जब बैकग्राउंड में ‘पालकी में होकर सवार मैं चली...' गीत बजने लगा. इस दृश्य का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और लोग इस खास पल की खूब सराहना कर रहे हैं. 

आईएएस संस्कृति जैन का जीवन परिचय

आईएएस संस्कृति जैन उन अफसरों में गिनी जाती हैं जिन्होंने प्रशासनिक सेवा को मानवीय संवेदनाओं के साथ जोड़ा है. 14 फरवरी 1989 को श्रीनगर में जन्मीं संस्कृति का बचपन देश के कई हिस्सों में बीता. उनके माता-पिता दोनों ही भारतीय वायुसेना में कार्यरत थे. पिता फाइटर पायलट और मां मेडिकल विभाग में थीं. 

Advertisement

उन्होंने ग्रेजुएशन गोवा से किया और बाद में प्रतिष्ठित LAMP फेलोशिप पूरी की. रोचक बात यह है कि संस्कृति जैन का प्रारंभिक लक्ष्य सिविल सेवा नहीं, बल्कि पीएचडी करना था. दोस्तों के सुझाव पर उन्होंने मज़ाक-मज़ाक में यूपीएससी परीक्षा दी और पहले ही प्रयास में सफल हुईं.

Advertisement

दूसरे प्रयास में आईआरएस बनीं और तीसरे प्रयास में ऑल इंडिया रैंक 11 हासिल कर आईएएस बन गईं. 2015 बैच की इस अधिकारी को मध्य प्रदेश कैडर मिला. उन्होंने रीवा नगर निगम आयुक्त, सतना की अपर कलेक्टर, मऊगंज की एसडीएम, और आलीराजपुर व नर्मदापुरम की जिला पंचायत सीईओ के रूप में सेवाएं दी हैं.

यह भी पढ़ें-IAS सृष्टि जयंत देशमुख को मिली बड़ी खुशखबरी, बैचमेट आईएएस नागार्जुन गौड़ा से हुई थी लव मैरिज

Advertisement

Topics mentioned in this article