Burhanpur News:चार सालों से एक ही कक्षा में सैकड़ों नर्सिंग छात्र ! दो किमी लंबी रैली निकालकर किया प्रदर्शन

मध्यप्रदेश में नर्सिंग कॉलेज के छात्रों की समस्याएं खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है. अब बुरहानपुर जिले के तीन नर्सिंग और पैरामेडिकल कॉलेज (Nursing and Paramedical College) के 500 से ज्यादा छात्रों ने दो किलोमीटर लंबी रैली निकाल कर कलेक्टर दफ्तर (Collector Office)में अपनी शिकायत दर्ज कराई. इन छात्रों की समस्या है कि बीते चार सालों से वे एक ही क्लास में हैं और उनकी परीक्षा नहीं हुई है.

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Nursing Student News: मध्यप्रदेश में नर्सिंग कॉलेज के छात्रों की समस्याएं खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है. अब बुरहानपुर  जिले के तीन नर्सिंग और पैरामेडिकल कॉलेज (Nursing and Paramedical College) के 500 से ज्यादा छात्रों ने दो किलोमीटर लंबी रैली निकाल कर  कलेक्टर दफ्तर (Collector Office)में अपनी शिकायत दर्ज कराई. इन छात्रों की समस्या है कि बीते चार सालों से वे एक ही क्लास में हैं और उनकी परीक्षा नहीं हुई है. प्रदर्शन करने वाले छात्र 2019 और 2020 बैच के हैं. छात्र अपनी मांगों को लेकर एडीएम शंकर लाल सिघाडे से मिले और ज्ञापन सौंपा. जिसके बाद SDM ने उनकी मुलाकात कलेक्टर भव्या मित्तल (Bhavya Mittal)से कराई. कलेक्टर ने कहा कि मामला हाईकोर्ट में है लिहाजा वे इसमें ज्यादा कुछ नहीं कर सकतीं, हालांकि उन्होंने मामले की जानकारी शासन को देने का आश्वासन दिया. 

चार सालों से नहीं हुई परीक्षा

प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने बताया कि साल 2019 और 2020 के सत्र में जिन छात्रों ने नर्सिंग और पैरामेडिकल कोर्स में प्रवेश लिया था उनके साथ धोखा हुआ है. चार साल हो गए लेकिन अभी तक उनकी परीक्षा नहीं हुई है. जिसकी वजह से छात्र चार साल से एक ही कक्षा में बैठ रहे हैं. इससे छात्र मानसिक और आर्थिक परेशानी का सामना कर रहे है. ऐसी स्थिति में कई छात्रों ने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड दी. कई छात्रों ने तो मानसिक प्रताडना के चलते आत्महत्या तक करने की कोशिश की. छात्रों का कहना है कि कॉलेजों में व्याप्त भ्रष्टाचार की वजह से ऐसा हो रहा है और शासन को अविलंब इस पर एक्शन लेना चाहिए.  

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अधिकारियों पर क्यों नहीं कार्रवाई?

नर्सिंग छात्र रितेश कुमार ने बताया मप्र में नर्सिंग व पैरामेडिकल कॉलेज में मान्यता को लेकर भ्रष्टाचार बडे पैमाने पर सामने आए हैं. हाईकोर्ट द्वारा सीबीआई जांच का आदेश दिया गया. सीबीआई जांच में कई कॉलेज अपात्र पाए गए. रितेश का कहना है कोर्ट के इस फैसले के बाद जिम्मेदार अफसरों पर कार्यवाही होनी चाहिए थी लेकिन इसके उल्ट इसका खामियाजा हजारों छात्रों को भुगतना पड़ रहा है. अपात्र कॉलेज में अध्ययनरत छात्रों के भविष्य पर कोई बात करने को तैयार नहीं है. अब छात्रों ने सरकार से ये मांग की है कि सीबीआई जांच में जो कॉलेज अपात्र पाए गए हैं उन कॉलेज के छात्रों को यूनिवर्सिटी स्तर पर पात्र कॉलेज में मर्ज (समायोजित) किया जाए. साथ ही छात्रों ने जो 4 साल तक मानसिक तनाव झेला उसका सरकार मुआवजा प्रदान करे. छात्रों की ये भी मांग है कि तत्काल सत्र 2020-21 के छात्रों को जनरल प्रमोशन देते हुए उन्हें नियमित किया जाए और उनकी डिग्री निर्धारित अवधि पर पूरी कराई जाए. 

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परीक्षा नहीं तो वोट नहीं !

कलेक्टर दफ्तर में ज्ञापन देने आए कई छात्रों ने कहा अगर सरकार ने हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो हम परीक्षा नहीं तो वोट नहीं की नीति पर अमल करेंगे. उनका कहना है कि पीडित छात्र और उनके परिवार के लोग लोकसभा चुनाव में वोट नहीं डालेंगे. उन्होंने कहा कि अगर सरकार का रवैया छात्रों  की मांगो को लेकर इसी तरह रहा तो छात्र ये कदम उठा सकते हैं. 

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