Viral News: मानवता हुई शर्मसार, नहीं मिली लाश गाड़ी, मजबूरन अस्पताल से महिला का शव रिक्शे पर ले गए परिजन

गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली महिला की दमोह जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. मृत महिला का शव घर पहुंचाने के लिए अस्पताल प्रशासन द्वारा शव वाहन नहीं मुहैया करवा गया. मजबूर होकर परिजनों का महिला का शव छाती से लगाकर रिक्शे पर लेकर जाना पडा.

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Humanity Put To Shame: मध्य प्रदेश में चिकित्सा महकमे की हालत क्या होगी, इसकी जीती-जागती गवाह बना है प्रदेश का दमोह जिला अस्पताल, जब उपचार के बाद मृत महिला के शव को एम्बुलेंस नहीं मिलने पर परिजनों को रिक्शे पर रखकर घर ले जाना पड़ा. जिला अस्पताल गेट से रिक्शे में महिला का शव लेकर जाते परिजनों को देखकर मानवता एक बार शर्मसार हो गई. 

गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली महिला की दमोह जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. मृत महिला का शव घर पहुंचाने के लिए अस्पताल प्रशासन द्वारा शव वाहन नहीं मुहैया करवा गया. मजबूर होकर परिजनों का महिला का शव छाती से लगाकर रिक्शे पर लेकर जाना पडा.

गरीब परिवार के पास प्राइवेट एंबुलेंस या शव वाहन के लिए पैसा नहीं था

मामला दमोह जिले के सवालाख मानसपाठ का है. सवालाख निवासी महिला को देर रात परिजन गंभीर हालात में लेकर अस्पताल पहुंचे, डॉक्टर ने देखते ही महिला को मृत घोषित कर दिया. गरीब के पास प्राइवेट एंबुलेंस या शव वाहन के लिए पैसा नहीं था, फोन लगाने पर शव वाहन नहीं मिला, तो मजबूरी में महिला का शव रिक्शे पर लेकर जाना पड़ा.

सीने से महिला का शव लगाकर ई-रिक्शे पर अस्तपाल से घर ले गया परिवार

रिपोर्ट के मुताबिक दमोह जिला अस्पताल द्वारा मृत घोषित की गई 65 वर्षीय महिला के शव को सीने से लगाकर ई रिक्शे में रखकर जब परिजन घर के लिए रवाना हो गए, तो वहां का दृश्य बेहद ही भय़ावह था. वहां खड़े लोगों के आंखों में आंसू आ गए. घर पहुंचने पर मृत महिला के बे पुत्र नारायण पटेल ने भावुक होकर अपनी व्यथा साझा की.

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