Human Trafficking News: आज से लगभग एक साल पहले, 25 नवंबर 2023 को मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रीवा (Rewa) शहर की सिटी कोतवाली क्षेत्र से एक लड़की गायब हो गई थी. जिसे वहीं पास में ही रहने वाला एक लड़का रविंद्र कोरी लड़की को बहला फुसला कर सूरत लेकर चला गया था. वहां उसने लड़की को अपने साथ रखा. बाद में सूरत में ही उसकी जान-पहचान कल्लू सिंह और मीरा देवी से हुई. तीनों ने मिलकर लड़की को बेचने की प्लानिंग कर ली. राजस्थान के जालौर जिले के उत्तम सिंह नामक व्यक्ति को उन लोगों ने मिलकर लड़की को तीन लाख रुपये में बेच (Human Trafficking) दिया. इस काम में उत्तम सिंह के चाचा गणपत सिंह ने भी मदद की थी. जिसके चलते पुलिस ने उन दोनों को भी आरोपी बनाया है. फिलहाल दोनों फरार है.
कैसे हुआ खुलासा
रीवा से एक साल पहले 15 साल की लड़की का, जो कक्षा 9वीं में पढ़ती थी, का अपहरण हो गया था. पुलिस अपने सूत्रों से लगातार लड़की की तलाश कर रही थी. इसी दौरान साइबर सेल की मदद से पुलिस को रविंद्र कोरी के बारे में जानकारी मिली, जिसने लड़की का अपहरण किया था. पुलिस ने जब आरोपी को गिरफ्तार किया, तब उसने बताया कि उसने कल्लू सिंह और उसकी पत्नी मीरा देवी की मदद से लड़की को राजस्थान के जालौर जिले में बेच दिया था. पुलिस टीम जालौर पहुंची, जहां से उसने 25 सितंबर 2024 को लड़की को बरामद कर लिया. लड़की को खरीदने वाला उत्तम सिंह और उसका चाचा गणपत सिंह फरार हो गए. पुलिस उनकी तलाश कर रही है.
ऐसे बेची थी लड़की
मुख्य आरोपी रविंद्र कोरी लड़की को लेकर रीवा से सूरत पहुंचा. वहां उसकी पहचान कल्लू सिंह और मीरा देवी से हुई. तीनों ने लड़की को बेचकर पैसा कमाने की सोची. उन्हें एक आदमी मिला राजस्थान के जालौर का रविंद्र कोरी लड़की का भाई बन गया. इसमें कल्लू सिंह और मीरा देवी लड़की के माता-पिता बने. तीनों ने मिलकर लड़की को गणपत सिंह और उसके चाचा के हाथों तीन लाख रुपए में सौंप दिया और पैसा लेकर नौ दो ग्यारह हो गए. पुलिस ने इन आरोपियों के ऊपर 10 हजार का इनाम घोषित किया था.
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इस तरह पुलिस ने की कार्रवाई
लड़की का पता बताने और लड़की को बरामद करने में मदद करने वालों के लिए पुलिस ने 10 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था. पुलिस ने अपनी साइबर सेल को लगातार सक्रिय रखा था. जिसमें सबसे पहले पुलिस की पकड़ में रविंद्र कोरी आया. उसके बाद पुलिस ने दमोह के बटियागढ़ से कल्लू सिंह और मीरा देवी को गिरफ्तार कर लिया. इस तरीके से अभी तक मामले में कुल तीन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पुलिस ने धारा 363, 366, 366(a) के 376, 370 आईपीसी और 5/6 पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था. पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद उन्हें जेल भेज दिया है.
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