ग्वालियर के स्कूल में धर्मांतरण की खबर को लेकर बवाल, जांच करने पहुंची पुलिस तो कुछ और ही हुआ खुलासा

ग्वालियर में एक क्रिश्चियन संस्था द्वारा संचालित सेंट जोसेफ स्कूल परिसर में कथित धर्मांतरण का मामला सुलझ गया है. हिंदूवादी संगठनों ने आरोप लगाया था कि स्कूल परिसर में बिशप के निवास पर 26 बच्चों का धर्मांतरण कर धार्मिक शिक्षा दी जा रही है.

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सेंट जोसेफ स्कूल में पहुंची पुलिस.

ग्वालियर में एक क्रिश्चियन संस्था द्वारा संचालित एक विशप परिसर में कथित तौर पर धर्मांतरण का मामला सुलझ गया है. हिंदूवादी संगठनों ने आरोप लगाया था कि ग्वालियर के   मुरार-बड़ागांव इलाके में ईसाई मिशनरी एक सेंट जोसेफ स्कूल परिसर का संचालन करती है, उसी स्कूल परिसर में बिशप के निवास पर 26 बच्चों का धर्मांतरण कर धार्मिक शिक्षा दी जा रही है. 

विश्व हिंदू परिसर (विहिप) नेता पप्पू वर्मा ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि बड़ागांव के पास क्रिश्चियन मिशनरी सेंट जोसेफ स्कूल में कुछ गरीब बच्चों को लाकर उनका धर्मांतरण कराया गया है. वह बच्चे छत्तीसगढ़, झासखंड, केरल, उड़ीसा आदि राज्यों के हैं.

बच्चों से जुड़े कागजात किए चेक

हिंदू संगठनों की शिकायत पर जिला प्रशासन और पुलिस की टीम भी मौके पर पहुंच गई. उन्होंने वहां मौजूद विशप, स्टाफ और सभी 26 बच्चों से भी बातचीत की. वहां सभी के डॉक्युमेंट भी चेक किए. टीम को वहां धर्मांतरण जैसा कुछ नहीं मिला. वहां मिले विशप डेनियल फ्रांसिस का कहना था कि यहां सिर्फ कैथोलिक बच्चों की पढ़ाई होती है, जिन्हें भाषा की शिक्षा दी जाती है. धर्मांतरण जैसा कुछ भी नहीं है. उन्होंने हर तरह की जांच में सहयोग करने की बात कही.

कई घंटे की जांच पड़ताल के बाद एसडीएम एनसी गुप्ता और मुरार के सीएसपी मनीष यादव ने बताया कि यहां धर्मांतरण के आरोप गलत और भ्रामक हैं. जांच से पता चला कि यहां पढ़ रहे सभी के माता पिता कृश्चियन हैं और ये सब कैथोलिक हैं, जिनकी पुष्टि डॉक्युमेंट से हो गई है. हाई स्कूल के बाद बच्चे अपनी स्किल डेवलपमेंट और भाषा की ट्रेनिंग के लिए पहुंचे थे.

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यहां बच्चों को ट्रेनिंग के दौरान हिंदी और अंग्रेजी भाषा की पढ़ाई कराते हैं. ग्वालियर अंचल में कुल 18 स्कूल संचालित हो रहे हैं. जांच में पता चला कि बड़ागांव स्थित ईसाई मिशनरी के हॉस्टल में बच्चों के परिजन भी समय-समय पर मिलने आते हैं.