Happy Valentine Day 2025: वैलेंटाइन डे पर PETA इंडिया ने भोपाल में दिए खास गिफ्ट व मैसेज, कहा- वीगन बनें

Valentine's Day 2025: वैलेंटाइन डे पर PETA इंडिया ने लोगों को खास गिफ्ट व मैसेज दिया है. PETA इंडिया इस सिद्धांत में विश्वास रखता है कि “पशु मनुष्यों का भोजन बनने के लिए नहीं हैं”, प्रजातिवाद का विरोध करता है. प्रजातिवाद एक ऐसी धारणा है जिसके तहत इंसान स्वयं को इस संसार में सर्वोपरि मानकर, अपनी जरूरतों के अनुसार अन्य प्रजातियों का इस्तेमाल एवं शोषण करता है.

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Happy Valentine's Day 2025: PETA इंडिया ने दिया खास संदेश

Valentine's Day 2025: वैलेंटाइन वीक (Valentine Week) अब अपनी समाप्ति की ओर है. 7 फरवरी को रोज डे (Rose Day) से शुरू हुए वैलेंटाइन सप्ताह का समापन 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे (Valentines Day) के साथ हो रहा है. ये पूरा सप्ताह प्यार, रोमांस और अपनी भावनाओं के इजहार के लिए जाना जाता है. वहीं वैलेंटाइन डे से ठीक पहले, PETA इंडिया और एनीमल्स विद ह्युमैनिटी (AWH) के सपोर्टर लाल गाउन और एंजल विंग्स में सजकर, कपल्स और वहां से गुजरने वालों को लाल गुलाब (Red Rose) और वीगन कप केक (Cake) गिफ्ट किया. खास तौर पर बनाए गए ये कप केक भोपाल की एक बेकरी द्वारा तैयार किए गए हैं. इस दौरान PETA इंडिया ने बताया कि उनके समर्थक वैलेंटाइन डे पर हाथ में एक साइन बोर्ड भी पकड़े दिखेंगे, जिस पर लिखा होगा "अपने दिल की सुनें : वीगन बनें". ये वैलेंटाइन 'एन्जिल्स' लोगों को पशुओं के प्रति दया दिखाने और स्वस्थ, मानवतावादी वीगन आहार अपनाने के लिए प्रेरित करेंगे.

Happy Valentine's Day 2025: वैलेंटाइन डे पर PETA इंडिया ने दिया खास संदेश

वीगन लाइफ स्टाइल अपनाने का संदेश दिया Benefits of a Vegan Diet

PETA इंडिया के कैंपेन कोऑर्डिनेटर अथर्व देशमुख ने कहा कि “वैलेंटाइन डे, वीगन आहार अपनाकर सभी संवेदनशील प्राणियों के प्रति प्यार दिखाने का आदर्श अवसर है. वीगन जीवनशैली अपनाने से आप न केवल अनगिनत पशुओं की जान बचाते हैं, बल्कि अपने स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए भी बेहतर कदम उठाते हैं.” उन्होंने आगे कहा कि हम वैलेंटाइन डे पर यह संदेश दे रहे हैं कि हर साल कई जानवरों को अपनी जान गंवानी पड़ती है. डेयरी इंडस्ट्री, मांसाहार और पोलट्री इंडस्ट्री की वजह से. यहां हम वीगन कप केक बांट रहे हैं. ये जो वीगन कप केक है वे पूरी तरह से डेयरी फ्री है. इसका स्वाद भी गजब का है. “इस प्रदर्शन के जरिए हम काफी महत्वपूर्ण संदेश देना चाहते हैं. हम लोगों को ये मैसेज देना चाहते हैं कि हैव ए हार्ट एंड ट्राई वीगन, इससे हम हम ये कहना चाह रहे हैं कि जानवरों के प्रति थोड़ा दया भाव दिखाएं और वीगन बनें”

PETA इंडिया का कहना है कि आम धारणा के विपरीत, वीगन आहार भारतीय परंपरा का हिस्सा है. 5,000 साल पहले की हिमालयी जनजातियां पूरी तरह से वीगन थीं, जो इसका एक सशक्त उदाहरण है. इसके अलावा, वीगन आहार वह शाकाहारी आहार है, जिसमें डेयरी उत्पादों का पूर्णतया त्याग किया जाता है और केवल पौधों से प्राप्त भोजन पर निर्भर रहा जाता है.

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोध के अनुसार, वीगन जीवनशैली अपनाने वाला हर व्यक्ति अपने कार्बन फुटप्रिंट को 73 प्रतिशत तक कम कर सकता है. राहगीर मृदुल सोनारे का कहना है कि “मैं खुद वीगनिज्म को सपोर्ट करती हूं. मैं चाहती हूं कि लोग नॉन-वेज खाना छोड़ें. डेयरी प्रोडक्ट्स भी कम ही यूज करें. वीगन फूड भी काफी टेस्टी होता है. हम वैलेंटाइन डे पर जो गिफ्ट देते हैं उसमें वीगन फूड भी शामिल करें.” 
 

Non-veg से दूर रहने की अपील, क्याें जरूरी है वीगन लाइफ Vegan Lifestyle  

PETA इंडिया की ओर से बताया गया कि शाकाहारी भोजनशैली भारत से उत्पन्न हुई थी. यह आहार पश्चिमी देशों में चौथी शताब्दी ईसा पूर्व से प्रभावी था. 2023 में हुए YouGov इंडिया पोल के अनुसार, 59 प्रतिशत भारतीयों ने जल्द ही वीगन आहार अपनाने की इच्छा जताई है. 74 प्रतिशत लोग इसे सेहत के लिए बेहतर विकल्प मानते हैं, 73 प्रतिशत इसे पशु क्रूरता को रोकने का प्रभावी तरीका मानते हैं, 72 प्रतिशत का मानना है कि यह पर्यावरण के लिए लाभकारी है, और 62 प्रतिशत इसे अपनाने में आसान मानते हैं. वीगन बनने के फायदे ये हैं. वीगन बनने के काफी ज्यादा फायदे हैं जैसे कि टाइप 2 डायबटीज हो गई और अन्य कई तरह के कैंसर व हार्ट संबंधी बीमारियां हैं, उनको काफी हद तक कम करने में ये वीगन डायट कारगर साबित हुई है. कई रिसर्च बताते हैं कि वीगन डायट की वजह से 73% तक की कार्बन फुटप्रिंट जो खाने की वजह से पैदा होती है उसे कम किया जा सकता है.

डेयरी उद्योग में बछड़ों को डर और पीड़ा से उनकी माताओं से जबरन अलग कर दिया जाता है, ताकि इंसान उनके लिए उत्पादित दूध छीनकर पी सकें. नर बछड़ों को अक्सर लावारिस छोड़ दिया जाता है या मार दिया जाता है, क्योंकि वे दूध नहीं उत्पन्न कर सकते और इन्हीं की बदौलत डेयरी उद्योग मांस उद्योग को मवेशियों की आपूर्ति करता है.

हर वीगन व्यक्ति हर साल लगभग 200 पशुओं की जान बचाता है, अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करता है, और कैंसर, हृदय रोग, स्ट्रोक, मधुमेह और मोटापे जैसी गंभीर बीमारियों के जोखिम को घटाता है. SARS, स्वाइन फ्लू, बर्ड फ्लू और संभवतः COVID-19 जैसे संक्रमणों का भी संबंध पशुओं को मारने और उनके मांस को खाने से है. संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए एक वैश्विक वीगन बदलाव आवश्यक है, जिससे 2050 तक 80 लाख मानव जीवन बचाए जा सकते हैं.

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