Fake B-Ed Colleges Of MP: मध्यप्रदेश में शिक्षा घोटाला रुकने का नाम नही ले रहा. नर्सिंग कॉलेजे घोटाले के बाद अब बीएड और डीएड कॉलेजों के फर्जीबाड़ा उजागर हुआ है. स्पेशल टास्क फोर्स (एस टी एफ ) की जांच में खुलासा हुआ कि ग्वालियर - चम्बल अंचल में बीएड और डीएड की शिक्षा दे रहे चार कॉलेज तो ऐसे हैं जिनके सारे डोक्युमेंट ही फर्जी हैं.
पांच साल पहले हुई थी फर्जी बीएड-डीएड कॉलेजेज की शिकायत
बताया गया कि चार पांच साल पहले 2019 और 2020 दीपक कुमार शाक्य और मनीष चोकोटिया द्वारा शिकायत की गई थी कि ग्वालियर चम्बल अंचल में बीएड और डीएड के कुछ ऐसे कॉलेज चल रहे है,जिनके सभी डोक्युमेंट फर्जी है. यह कॉलेज फर्जी एफआईआर, फर्जी भवन निर्माण और डायवर्सन पत्र आदि पर संचालित किए जा रहै हैं.
शिकायत की जांच का जिम्मा सरकार ने स्पेशल टास्क फोर्स को सौंपा
मामले की शिकायत के बाद सरकार ने जांच का जिम्मा स्पेशल टास्क फोर्स को सौंपा. शिकायतों की लम्बे समय से चल रही जांच के दौरान खुलासा हुआ कि इन कॉलेज के प्रबंधन द्वारा एन सी टी ई दिल्ली और जीवाजी विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त करने के लिए जो दस्ताबेज लगाए गए थे जब इनका सत्यापन किया गया तो वे सब जाली निकले.
इन बीएड-डीएड कॉलेजेज पर हुआ केस दर्ज
एसटीएफ ने लगभग 5 साल तक जांच किया. फर्जी कॉलेजेज में आइडियल कॉलेज बरौआ,, अंजुमन कॉलेज ऑफ एजुकेशन सेंवढ़ा, दतिया, प्राशी कॉलेज ऑफ एजुकेशन मुंगावली,अशोक नगर, सिटी पब्लिक कॉलेज शाढ़ौरा, अशोक नगर, मां सरस्वती शिक्षा महाविद्यालय वीरपुर, श्योपुर और प्रताप कॉलेज ऑफ एजुकेशन बड़ौदा, श्योपुर शामिल हैं.
मान्यता से पहले निरीक्षण पर उठे सवालिया निशान
सवाल है कि इनके पास जब डोक्युमेंट ही फर्जी थे तो इनको मान्यता ही कैसे मिली? प्रक्रिया है कि मान्यता देने से पहले एन सी टी ई और जीवाजी विश्वविद्यालयों की टीम को कॉलेज की समितियों द्वारा आवेदन के साथ प्रस्तुत दस्तावेजो का परीक्षण और कॉलेज परिसर का फिजिकल निरीक्षण कर बताई गई व्यवस्थाओं का निरीक्षण भी करना होता है.
एसटीएफ की जांच में फर्जी कॉलेजेज के सारे दस्तावेज फर्जी पाए गए
मामले की जांच शुरू हुई तो एसटीएफ की जांच में चिन्हित सभी बीएड और डीएड कॉलेजेज के सारे दस्तावेज फर्जी पाए गए है, जिससे, एन सी टी ई और जीवाजी विश्वविद्यालयों की टीम द्वारा प्रस्तुत जांच रिपोर्ट पर भी सवालिया निशान लग गए है, जिनके आधार पर उन्हें मान्यता दी गई थी.
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