Gwalior News: ग्वालियर के गांधी प्राणी उद्यान (ZOO) में एक और शावक की मौत हो गई. टाइगर के शावक की मौत की वजह किडनी में खराबी माना जा रहा है. वन्य प्राणी विशेषज्ञ अफसरों का कहना है कि कुछ दिनों से शावक की तबीयत बहुत ज्यादा खराब हो गई थी जिसके चलते कई दिनों से उसने खाना पीना भी कम कर दिया था. कल रात से उसे सांस लेने में दिक्कत होने पर उसको ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था. मालूम हो कि इसी चिड़ियाघर में 15 दिन पहले एक और मादा शावक ने दम तोड़ दिया था.
सफेद शावक की मौत से मांद में पसरा सन्नाटा
ताजा मामले में शावक की उम्र लगभग 5 माह की थी और बीते 10 दिन से यह बीमार था. बीमारी की शुरुआत से ही यह एकदम कमजोर हो गया था. इसने खाना पीना बंद कर दिया था. शावक को ड्रिप की मदद से न्यूट्रिशन और लाइफ सेविंग ड्रग्स दिए जा रहे थे. 7 तारीख से जू अथॉर्टी के डॉ श्रीवास्तव भी इस शावक के इलाज में शामिल हुए. श्रीवास्तव ने बताया कि हम लोग मिलकर इसका इलाज कर रहे थे. हम लोगों ने कई बार लैबोरेट्री डिफेंडिंग भी कराई. शावक को सिरिंज से सूप भी दिया जाने लगा था.
शावक के मौत की वजह आई सामने
डॉक्टर्स का कहना है कि 48 घंटे पहले से शावक के स्वास्थ्य में अचानक से गिरावट आ गई. इसके लंग्स में भी गहरा इन्फेक्शन आ गया जिसके कारण अन्य अंग भी प्रभावित होने लगे. जब दोबारा इसकी जांच की गई तो देखने को मिला कि इसकी किडनी भी नॉर्मली काम नहीं कर रही थी. धीरे-धीरे किडनी ने भी काम करना बंद कर दिया. पोस्टमार्टम में पता चला है कि इसकी मृत्यु किडनी फेलियर कि वजह से हुई है. डॉक्टर का कहना है कि जिस शावक की मृत्यु हुई है उसकी वजह से बाकी शवकों को कोई खतरा नहीं है.
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तय मानकों के साथ हुआ अंतिम संस्कार
इस शावक की मौत के बाद ग्वालियर के गांधी प्राणी उद्यान में अब 8 बाघ और शेष हैं. जिनमें 3 मादा, 2 नर और 3 शावक हैं. आपको बता दें कि कुछ महीने पहले शावक टाइगर के भाई टाइगर और एक सफेद मादा की भी मौत हो चुकी है. मादा टाइगर मीरा ने यहां में 5 महीने पहले दो येलो और एक व्हाइट टाइगर सहित तीन शावकों को जन्म दिया था. जिसमें से एक येलो और एक वाइट टाइगर की मौत हो चुकी है. इधर, वन्य प्राणियों के लिए तय मानकों (SOP) के तहत इस शावक का अंतिम संस्कार किया गया. अंतिम संस्कार के समय नगर निगम के अनेक अधिकारी और चिड़िया घर के सभी कर्मचारी मौजूद थे.
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