Gwalior: नागेंद्र को 12वीं में मिले थे 75% से कम अंक... IIT खड़गपुर ने आवंटित सीट निरस्त की, अब कोर्ट ने जारी किया नोटिस

Madhya Pradesh News: ग्वालियर के छात्र नागेंद्र राजपूत ने कोर्ट में याचिका दायर की और गुहार लगाई है कि अंक सुधारने के लिए फिर से परीक्षा दी है. ऐसे में परिणाम जल्दी घोषित किया जाए या परिणाम घोषित होने तक एक सीट होल्ड पर रखी जाए.

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IIT Kharagpur canceled allotted seat Nagendra Rajput: देश के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में शामिल इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी खड़गपुर (IIT Kharagpur) में सीट मिलना हर स्टूडेंट के लिए बड़ी बात मानी जाती है. ग्वालियर के नागेंद्र राजपूत नामक विद्यार्थी ने जेई (एडवांस्ड) 2025 में सफलता प्राप्त कर यहां एडमिशन मिलने की उपलब्धि हासिल की, लेकिन कक्षा 12वीं में 75 प्रतिशत से कम अंक मिलने के कारण उनको आईआईटी खड़गपुर में आवंटित सीट निरस्त कर दी गई.

IIT  खड़गपुर में आवंटित सीट निरस्त, अब छात्र ने कोर्ट से लगाई गुहार

अब उन्होंने इसे लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें श्रेणी सुधार का परीक्षा परिणाम जल्द घोषित करने की मांग की है. साथ ही मामला निराकृत होने तक आईआईटी खड़गपुर में एक सीट को होल्ड पर रखने की गुहार लगाई है.

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कोर्ट ने IIT- एमपी बोर्ड को जारी किया नोटिस, मांगा जवाब

याचिका पर सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने आईआईटी और मप्र बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

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ग्वालियर निवासी राजपूत ने याचिका में जेई (एडवांस्ड) 25 की परीक्षा उत्तीर्ण की. इसके परिणामस्वरूप काउंसलिंग में उन्हें आईआईटी खड़गपुर में सीट मिली, लेकिन जब वे प्रवेश के लिए कॉलेज पहुंचे तो उन्हें यह कहते हुए आवंटित सीट निरस्त कर दी कि 12वीं में उनके 75 प्रतिशत (71.4 प्रतिशत) कम हैं.

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परिणाम घोषित होने तक एक सीट होल्ड पर रखी जाए

हाई कोर्ट में दायर याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट सौरभ तोमर ने बताया श्रेणी सुधार के लिए परीक्षा दी जा चुकी है. याची ने 19 जून को अंग्रेजी, 23 को फिजिक्स और 25 जून को केमिस्ट्री विषय की परीक्षा दे दी हैं, जिसका परिणाम अगस्त के दूसरे सप्ताह में आने संभावना है. वहीं आईआईटी अंकसूची देने की अंतिम तिथि जुलाई है. ऐसे में या तो श्रेणी सुधार का परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया जाए या परिणाम घोषित होने तक एक सीट होल्ड पर रखी जाए.

डिवीजन बेंच ने कहा कि होनहार छात्र का भविष्य दांव पर लगा हुआ है, इसलिए मामले की सुनवाई जल्द नियत (8 जुलाई) की गई है. हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने आईआईटी और एमपी बोर्ड को नोटिस जारी कर जवाब मांगा हैं.

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